सोमवार, 22 जुलाई 2019

रजनीश वर्मा को साधुवाद

सार्वजनिक समारोहों में अमूमन हर कोई यह चाहता है कि फोटो खिंचते समय वे केमरे के दायरे में हो। असल में यह लोकेषणा कही जाती है। कई लोग तो इसके लिए धक्का-मुक्की तक कर बैठते हैं। सीनियर्स को धकेल कर आगे आने की जूनियर्स की प्रवृत्ति खूब भी देखी गई है। कुछ लोग नकटे हो कर जबरन बीच में घुस जाते हैं। कुछ लोगों को पता होता है कि किस एंगल पर खड़े होना है, ताकि उनकी पूरी फोटो आ जाए। केमरा ऑन होने के साथ ही वे अपनी जगह तलाश लेते हैं। ऐसे में अगर कोई अपनी फोटो आने अथवा न आने के प्रति गंभीर न हो तो उसकी मनोवृत्ति चौंकाती है।
यहां हम जिक्र कर रहे हैं पूर्वांचन जन चेतना समिति के मैनेजिंग ट्रस्टी रजनीश वर्मा की। सोमवार को समिति की ओर से पौधा वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जाहिर तौर पर उसकी फोटोज भी ली गईं। हमारे पास समाचार के साथ आई लगभग सभी फोटोज में वे फ्रंट में नहीं थे। यद्यपि वे ही समिति के अजमेर में सर्वेसर्वा हैं, उनका पहला हक आगे रहने का, मगर उन्हें इस बात की चिंता ही नहीं थी, कि उनका भी ढ़ंग का फोटो आ जाए। वे ऐसे खड़े थे, मानो सामान्य कार्यकर्ता हों। या तो इस मामले में वे बिलकुल भोले हैं, अवेयर नहीं हैं, या फिर ऐसा वे जान कर ऐसा करते हैं। चलो यह मान भी लिया जाए कि इसमें उनकी विशेष रुचि नहीं रही हो, मगर समिति के अन्य पदाधिकारियों को भी इसका भान नहीं रहा कि वे फ्रंट की बजाय पीछे खड़े हैं। और उनसे आग्रह करें कि वे आगे आ जाएं। 
ऐसा प्रतीत होता है कि वर्मा जिस मकसद से भीलवाड़ा से यहां आ कर समिति की गतिविधियां संचालित कर रहे हैं, उनकी सिर्फ इसी में रुचि है, कि वे सकुशल पूरी हो जाएं। उनके साथ जुड़ कर समिति में काम करने वालों को आगे आने का मौका मिले, ताकि उनका उत्साहवद्र्धन हो। वे जानते हैं कि फोटो में भले ही कोई भी आगे आ जाए, कार्यक्रम का सारा क्रडिट उनको ही मिलना है। आखिरकार वे मुख्य आयोजक हैं। अजमेर में समिति गठित करने के पीछे उनका व उनके आका, लोकसभा चुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र से चुनाव हार चुके रिजु झुंझुनवाला का एजेंडा क्या है, ये तो वे ही जानें, मगर ऐसा करके कम से कम से ये संदेश तो देने में कामयाब हो ही गए हैं कि वे सिर्फ यहां चुनाव लडऩे ही नहीं आए थे, बल्कि वादे के मुताबिक अजमेर को अपनी कर्मस्थली बना रहे हैं। इसकी तारीफ की ही जानी चाहिए। अपुन तो विशेष रूप से वर्मा को छपास पीडि़त न होने की प्रवृत्ति के लिए साधुवाद देना चाहते हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000