शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2012

एलीवेटेड रोड : आगाज को अंजाम तक पहुंचाना होगा

वह चित्र जो अजमेर एट ए ग्लांस में दो साल पहले प्रकशित हुआ था

खबर है कि अजमेर में एलीवेटेड रोड की मांग पर सरकार का ध्यान आखिर चला गया है। पुराने आरपीएससी भवन से मार्टिंडल ब्रिज तक अपेक्षित एलीवेटेड रोड की संभावना को तलाशने के लिए नगर सुधार न्यास ने कंसल्टेंसी के लिए निविदाएं आमंत्रित करने का निर्णय कर लिया है। वर्षों से यातायात की विकट समस्या से जूझते अजमेर के लिए यह एक सुखद खबर है। अब जरूरत है तो इस बात की कि नगर सुधार अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत सहित सभी राजनेता, सामाजिक संगठन, पूरा प्रशासनिक अमला व मीडिया इसके लिए पूरा दबाव बना कर रखे। साथ ही अजमेर वासी इसमें किसी प्रकार का रोड़ा न अटकाएं। तभी यह महत्वाकांक्षी योजना जल्द से जल्द पूरी हो सकती है।
आपको याद होगा कि एलीवेटेड रोड की जरूरत पिछले काफी समय से महसूस की जाती रही है। पिछले दो साल से तो इस मांग ने काफी जोर भी पकड़ लिया था। विभिन्न समाचार पत्रों के समय-समय पर इस मुद्दे को उठाने के साथ जनजागरण व सरकार पर दबाव के लिए दैनिक नवज्योति ने तो बाकायदा अभियान ही छेड़ दिया था। अजमेर उत्तर ब्लाक-बी कांग्रेस कमेटी के सचिव व जागरूक युवा लेखक व ब्लॉगर साकेत गर्ग ने तो इस अभियान को बल प्रदान करने के लिए फेसबुक पर एलीवेटेड रोड फोर अजमेर नामक पेज तक बनाया और उससे अनेक अजमेर वासियों को जोड़ा। अजमेर के इतिहास, वर्तमान व भविष्य पर दो वर्ष पहले प्रकाशित पुस्तक अजमेर एट ए ग्लांस के विजन अजमेर पार्ट में तो एलीवेटेड रोड का काल्पनिक चित्र तक प्रकाशित किया। जब इस पुस्तक का विमोचन करने के लिए अजमेर के सांसद व केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट से दिल्ली में उनके निवास पर बात की तो इस चित्र को देख कर उन्होंने मजाक किया कि हमारी तो कोई योजना नहीं है, आपने यह कैसे छाप दिया, मैं तो विमोचन समारोह में ये बात कह दूंगा। बाद में उन्होंने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि जैसे ही मौका मिलेगा, वे एलीवेटेड रोड के लिए प्रयास करेंगे। अजमेर की बहबूदी के लिए काम कर रहे अजमेर फोरम ने भी इसके लिए गंभीर प्रयास किए।
बहरहाल, अंतत: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अजमेर की इस सबसे अहम जरूरत पर ध्यान गया है और उनके निर्देश पर ही नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव जी.एस. संधु ने दौरा कर न्यास अधिकारियों को रोड बनाने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। जानकारी के अनुसार न्यास ने इसके लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने बाबत निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं और आगामी 5 से 26 नवंबर तक निविदा पत्रों का बिक्री की जा कर 26 नवंबर को तकनीकी बिड व 3 दिसंबर को वित्तीय बिड खोली जाएगी। यानि कि अब आशा की किरण नजर आने लगी है। ऐसे में अजमेर के हर तबके, हर जागरूक नागरिक को जुट कर यह जल्द से जल्द बने, इसके लिए दबाव बनाना होगा। इसके लिए राजनीतिक व प्रशासनिक इच्छाशक्ति की भी जरूरत होगी।
उम्मीद है कि आगाज एक सुखद अंजाम की ओर ले जाएगा। न्यास सदर भगत के राजनीतिक केरियर के लिए तो यह बेहद महत्वपूर्ण योजना साबित हो सकती है। डीडी पुरम आवासीय योजना, एनआरआई कॉलोनी सहित अनेक कार्य उन्हें जितनी प्रसिद्धि नहीं दिलवाएंगे, उससे कई गुना अधिक यह योजना उनकी उपलब्धि में मील का पत्थर साबित हो सकती है। बशर्ते के लिए वे इसके लिए पूर्व न्यास सदर औंकारसिंह लखावत की तरह पूरे मनोयोग से जुट जाएं। इसे यूं कहा जाए कि अकेला एलीवेटेड रोड ही उनके राजनीतिक केरियर को ऊंचाई तक का सफर करवा देगा, तो कोई अतश्योक्ति नहीं होगी।
-तेजवानी गिरधर