बुधवार, 30 जनवरी 2013

बैंसला के रुख से बढ़ेगी सचिन की मुश्किल


राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से गुर्जर सहित विशेष पिछड़ा वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के कांगे्रस सरकार के निर्णय पर अंतरिम रोक लगाए जाने से गुर्जर समुदाय गुस्से में है। अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे गुर्जर आरक्षण आंदोलन के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला व अन्य नेताओं ने तो इसे कांग्रेस सरकार की धोखाधड़ी करार देते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज की ओर से कांग्रेस-भाजपा के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने की चेतावनी तक दे दी है। बैंसला ने दावा किया कि वे 23 सीटें जीतेंगे, 26 सीटें जितवाएंगे और 28 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के उम्मीदवारों को हराएंगे। गुर्जर समाज के इस ताजा रवैये से अजमेर के कांग्रेस सांसद व केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट की मुश्किलें बढ़ेंगी। उनकी अजमेर सीट भी खतरे में पड़ेगी क्योंकि उनकी जीत में गुर्जरों की ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान में यह माना जा रहा है कि चूंकि पायलट कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी हैं, इस कारण आगामी दिनों में उनका कद और बढ़ेगा, मगर गुर्जर समाज की नाराजगी के चलते उस पर ग्रहण लग सकता है। कांग्रेस हाईकमान अब केवल पायलट को कोई महत्वपूर्ण पद देकर ही गुर्जर समाज को राजी नहीं कर सकता। गुर्जर समाज को तो किसी भी सूरत में आरक्षण चाहिए। ऐसे में स्वाभाविक रूप से पायटल की भविष्य की राजनीति पर असर पड़ सकता है, क्योंकि राजस्थान में वे कांग्रेस के सबसे बड़े गुर्जर नेता के रूप में माने जाते हैं। लगता ये भी है कि इस स्थिति से निपटने के लिए वे कुछ विशेष प्रयास करें।
-तेजवानी गिरधर

गौरव पथ बनाया जैन ने, गौरव बढ़ेगा भगत का

खबर है कि नगर सुधार न्यास के सदर नरेन शहाणी भगत गौरव पथ के मार्ग में आ रही अड़चनों को दूर करने के प्रति गंभीर हो गए हैं। अगर वे ऐसा कर पाए तो यह शहर के लिए तो एक उपलब्धि होगी ही, उनका भी गौरव बढ़ेगा।
ज्ञातव्य है कि आनासागर लिंक रोड से लेकर रीजनल कॉलेज तक बनाया गया शानदार गौरव पथ न्यास के पूर्व सदर धर्मेश जैन की देन है। बताया जाता है कि तब तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने भी इसमें रुचि ली थी। इसी कारण उन दिनों ये कयास लगाए जाने लगे कि कहीं उनकी अजमेर से चुनाव लडऩे की रुचि तो नहीं है। बहरहाल, गौरव पथ जैन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी, मगर इसमें जमीन विवादों के चलते अड़चनें आईं और इसी दरम्यान उन्हें एक फर्जी सीडी प्रकरण के कारण इस्तीफा देना पड़ गया और गौरव पथ सहित अनेक योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गईं। उनके इस्तीफे के बाद न्यास सदर पर पर बैठे पदेन कलेक्टरों ने कोई रुचि ही नहीं ली। मांगें होती रहीं, मगर प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। जैन को इस बात का बड़ा भारी मलाल अब भी है कि अजमेर गौरव बढ़ाने वाले गौरव पथ को यूं ही आधा-अधूरा छोड़ दिया गया। मगर वे कर भी क्या कर सकते थे। उन्होंने यह मुद्दा भगत के सदर की कुर्सी पर काबिज होने और उनका एक साल पूरा होने पर भी उठाया था, मगर कोई प्रगति नहीं हुई। अब जब कि भगत ने इसमें रुचि ली है तो उम्मीद बंधी है कि गौरव पथ शहर के सौंदर्य में चार चांद लगाएगा।
आपकी जानकारी होगी ही कि गौरव पथ पर सिने मॉल के पास 990 वर्ग गज का भूभाग पथ की सुगमता और सौंदर्य को खा रहा है। अब न्यास इस भूभाग के मालिक को भूमि के बदले विकसित भूमि दिए जाने पर विचार कर रही है। यदि यह संभव हुआ तो इसका कब्जा लेकर यहां सड़क का निर्माण शुरू किया जा सकता है।
-तेजवानी गिरधर