मंगलवार, 4 अप्रैल 2017

जोशी ने दिया पायलट के नेतृत्व में ही चुनाव लडऩे का बयान

कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की ओर से भेजी गई चादर दरगाह शरीफ में चढ़ाने के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच ट्यूनिंग को वाच कर रहा मीडिया भले ही यह कयास लगा रहा हो कि कांग्रेस किसके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी, मगर इसी बीच इस मामले में राजस्थान से कईं दिनों से दूरी बनाए बैठे कद्दावर नेता सी पी जोशी ने चुप्पी तोड़ी है। जोशी ने कहा कि पीसीसी चीफ सचिन पायलट के नेतृत्व में सब मिल कर चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस की सरकार लाने के प्रयत्न करेंगे। यूथ कांग्रेस सभा को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सी पी जोशी ने यह बात कही। हालांकि उनके इस बयान में से कुछ लोग अब भी किंतु परंतु निकाल सकते हैं, मगर उनका यह बयान बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जोशी ने संभवत: पहली बार मीडिया में सचिन पायलट और नेतृत्व को लेकर ऐसा बयान दिया है। इससे पहले राजस्थान कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला था।
असल में कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर कन्फ्यूजन के कयास इसी वजह से उठते रहे हैं क्योंकि गहलोत के प्रति निजी आस्था रखने वाले येन केन प्रकारेण ऐसा जाहिर करते रहे हैं कि राजस्थान के आगामी मुख्यमंत्री गहलोत ही होंगे, हालांकि गहलोत ने कभी इस आशय का बयान नहीं दिया। अगर वे यह कहते हैं कि मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान करेगा तो उसका अर्थ ये निकाला जाता है कि पायलट को अभी से मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानना गलत है या फिर वे अपने फिर मुख्यमंत्री बनने की संभावना को नकारना नहीं चाहते। वस्तुत: यह शब्दों की बारीक राजनीति है। स्वाभाविक सी बात है कि जब पायलट को अध्यक्ष बनाया गया तो तभी यह स्पष्ट था कि उनके ही नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाना है। जिसके हाथ में प्रदेश कांग्रेस की कमान है, वही तो चुनाव के दौरान नेतृत्व करेगा। इसको लेकर सवाल करना ही बेमानी है। वस्तुत: सवाल इतना भर है कि क्या कांग्रेस पहले से मुख्यमंत्री का नाम प्रोजेक्ट करेगी या नहीं, मगर इस बारे में हाईकमान ने कोई नीति नहीं बनाई है।
बहरहाल, पायलट व गहलोत जब सोनिया गांधी की चादर चढ़ाने को अजमेर आए तो मीडिया इस विवादित विषय पर बड़े गौर से निगाहें टिकाए हुई थी। उसने इसका भी अर्थ निकाला कि चादर चढ़ाने के दौरान साथ थे, मगर अलग अलग क्यों आए? पत्रकारों ने दोनों से अलग-अलग जगह सवाल किए, इसको इस रूप में प्रजेंट किया गया कि दोनों ने अलग अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की? कदाचित पहले गहलोत के अजमेर आने का कार्यक्रम नहीं था, बाद में बना, इसको लेकर भी सवाल उठाया गया कि एक दिन पहले जारी सूचना में गहलोत का क्यों नाम नहीं था?
कुल जमा बात इतनी है कि चूंकि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गहलोत के प्रति निजी आस्था है, इसी को ध्यान में रख कर नेतृत्व को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं, जबकि वस्तुस्थिति ये है कि गहलोत के मुख्यमंत्रित्व काल में अजमेर के मिनी मुख्यमंत्री कहलाने वाले पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती भी पायलट के आगमन पर वैसी ही उपस्थिति देते हैं, जैसी कथित रूप से पायलट समर्थक।

जोशी का बयान देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:-
https://youtu.be/nphalFScGrk


-तेजवानी गिरधर
7742067000