गुरुवार, 15 नवंबर 2012

भाजपा किसान मोर्चा में थम नहीं रहा विवाद


भाजपा किसान मोर्चा में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। कभी किसी मुद्दे पर कभी किसी सवाल पर सवाल खड़े हो जाते हैं। हाल ही ब्यावर में रिखबचंद खटोड़ की मंडल अध्यक्ष पद पर हुई नियुक्ति को चुनौति मिल गई है। ब्यावर भाजपा मंडल ने उनकी नियुक्ति को असंवैधानिक करार दे दिया है। मंडल महामंत्री देवेंद्र कुमार शर्मा ने बाकायदा विज्ञप्ति जारी कर खटोड़ की इस नियुक्ति को भाजपा संविधान के विपरीत बताया है। शर्मा का कहना है कि भाजपा संविधान के पृष्ठ संख्या 43 के अनुसार भाजपा में मोर्चों व प्रकोष्ठों की घोषणा व नियुक्ति का अधिकार संबंधित क्षेत्र के भाजपा मंडल अध्यक्ष को होता है। ब्यावर में किसान मोर्चा के अध्यक्ष पद पर सुंदरलाल भाटी को काफी समय पहले ही नियुक्त किया जा चुका है और इस नियुक्ति की जानकारी भाजपा जिलाध्यक्ष को है। इस बारे में खटोड़ का कहना है कि उनकी नियुक्ति जिला किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष पवन अजमेरा द्वारा प्रदेशाध्यक्ष सांवरलाल जाट के निर्देशन में हुई है।
असल में यह सारा विवाद किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री प्रो. सांवरलाल जाट व उनके विरोधियों के बीच चलती खींचतान के चलते हुआ है। जाट जिले में अपना दबदबा बनाए रखना चाहते हैं। स्वाभाविक भी है। वे जिस मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, भला उसमें कम से कम अपने जिले में तो मन मुताबिक ही नियुक्ति करना चाहेंगे। मगर उनका विरोधी गुट किसी न किसी बहाने उन्हें चुनौति देता रहता है।
आपको याद होगा कि एक ओर जहां प्रो. सांवरलाल जाट ने पूर्व जिला उप प्रमुख पवन अजमेरा को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया था तो वहीं भाजपा देहात जिला अध्यक्ष नवीन शर्मा ने जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश भडाणा को अध्यक्ष घोषित कर दिया था। हुआ यूं कि जाट कुछ असमंजस में थे, इस कारण नियुक्ति को टालते हुए अजमेरा को कार्यवाहक की जिम्मेदारी दे दी थी। उधर उनकी इस ढि़लाई का फायदा उठाते हुए दूसरे गुट ने पैनल में शामिल भडाणा को अध्यक्ष घोषित करवा दिया। ऐसा होते ही बवाल हो गया। प्रो.जाट के आपत्ति करने पर मोर्चा के प्रदेश महामंत्री नंद लाल बैरवा ने भडाणा की नियुक्ति को निरस्त कर दिया। इस सिलसिले में देहात जिला अध्यक्ष शर्मा का कहना था कि भडाणा की नियुक्ति सही है और मोर्चा के किसी पदाधिकारी को नियुक्ति निरस्त करने का कोई अधिकार नहीं है।
-तेजवानी गिरधर