रविवार, 29 अप्रैल 2012

पायलट की फटकार के बाद भी नहीं सुधर रहे कांग्रेसी

जिले के सांसद एवं केन्द्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट लाख नसीहत दें और फटकारें, मगर ऐसा लगता है कि अजमेर के कांग्रेसियों ने नहीं सुधरने की कसम सी खा रखी है। अजमेर के कांग्रेसियों की हरकतों से तल्ख हुए पायलट की फटकार सुन कर कांग्रेसी नेताओं को एक बार फिर रुसवाई का सामना करना पड़ा। इस बार पायलट के गुस्से का शिकार हुए नगर निगम के चुनिन्दा पार्षद।
मामला है शुक्रवार की रात माखुपुरा स्थित गेल इंडिया के गेस्ट हाउस का है, जहां पायलट के विश्राम का इन्तजाम था। यहां कुछ कांग्रेसी पार्षद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पार्षद मोहनलाल शर्मा के नेतृत्व में पायलट से मिलने पहुंचे। पार्षर्दों का शिष्टमंडल जेल में बंद आदतन अपराधी धर्मेंद्र चैधरी के मामले में पुलिस की लचर भूमिका की शिकायत और आरोपी चौधरी के विरुद्ध पासा के तहत कार्यवाही करवाने की मांग का ज्ञापन देने आया था। मोहनलाल शर्मा जिला पुलिस प्रशासन की लचर भूमिका पर अपने चिर परिचित अंदाज में चिल्ला-चिल्ला कर लम्बा भाषण देते हुए सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं की अनदेखी पर शिकायती अंदाज में पायलट की ओर मुखातिब थे। पायलट को मोहनलाल शर्मा की भाषा शैली पसंद नहीं आई और उन्होंने तैश में आकर शर्मा फटकारते हुए संयमित भाषा में अपनी बात कहने की हिदायत दी। पायलट के इस व्यवहार से वहां सन्नाटा छा गया और सारे नेता बगलें झांकने लगे। बात मोहनलाल ने ही संभाली और कहा कि उनकी आदत ही तेज बोलने की है, या तो उनकी बात सुनी जाये या भविष्य में कांग्रेसियों को नहीं मिलने के लिये कह दिया जाए। पायलट ने मोहनलाल की नाराजगी को भांपते हुए एस.पी. से बात करने का आश्वासन देकर माहौल शांत किया। पार्षदों के शिष्ठमंडल में नौरत गुर्जर के अलावा कई पार्षद मोजूद थे।
दरअसल यह कोई पहला मामला नहीं है कि कांग्रेसी पायलट की नाराजगी का शिकार हुए हों। इससे पहले वैशाली नगर में दीप दर्शन सोसायटी के मकान तोडऩे के सरकारी आदेश के खिलाफ मेयर कमल बाकोलिया, नगर निगम में कांग्रेस के मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कांग्रेस के ही पार्षद विजय नागौरा, मेयर द्वारा कांग्रेसियों को नजरअंदाज करने की बात पर अमोलक छाबड़ा और अभी हाल ही में अतिक्रमण तोडऩे पर यू.आई.टी. के विरुद्ध शहर कांग्रेस के पदाधिकारियों की जांच समिति गठित कर देने के मामले पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता पायलट की फटकार सुन चुके हैं। इसके अलावा पायलट कई मर्तबा सार्वजनिक मंचों से कांग्रेसियों को अनुशासन में रहने का सीख दे चुके हैं, मगर कांग्रेसी हैं कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे। इसका ताजा उदाहरण ये है कि कोटड़ा में प्राइवेट बस स्टैंंड के शुभारंभ के मौके पर एक ओर जहां पायलट मंच पर सभी कांग्रेसियों को एकजुट होने की नसीहत दे रहे थे तो दूसरी शहर कांग्रेस अध्यक्ष रलावता सहित कुछ अन्य प्रमुख नेता कार्यक्रम से इस कारण नदारद थे, क्यों कि उन्हें नजरअंदाज किया गया था। कार्यक्रम के लिए बांटे गए निमंत्रण कार्ड में प्रमुख कांग्रेसी नेताओं के नाम की बजाय विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा का नाम देख कर सभी को आश्चर्य हुआ था। खैर, अजमेर कांग्रेसियों की आपस में लडऩे की रीत बड़ी पुरानी है। इसी कारण कांग्रेस के कई बड़े नेता अजमेर आने से भी कतराते हैं।
-तेजवानी गिरधर
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