गुरुवार, 26 जनवरी 2017

दीपक हासानी अजमेर उत्तर से कांग्रेस टिकट के दावेदार?

राजनीति में रुचि रखने वाले और व्यापार जगत में शायद ही कोई ऐसा हो, जो दीपक हासानी के नाम से परिचित नहीं हो। सबको पता है कि अजमेर में माया मंदिर मल्टिप्लैक्स और किशनगढ़ में माया बाजार इन्हीं की देन है। ये भी सुविदित है कि उनकी राजनीति में भी रुचि है और इसी के कारण बार-बार चर्चा में आते हैं। लंबी चुप्पी के बाद एक बार फिर उन्होंने चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। हाल ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के अजमेर आगमन पर उन्होंने होर्डिंग्स लगवाए। वाट्स ऐप पर भी उनका गणतंत्र दिवस पर शुभकामना संदेश नजर आया, जिसमें उन्होंने अपने आप को वरिष्ठ कांग्रेसी बताया है। उनके इस कृत्य को इस अर्थ में लिया जा रहा है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से कांग्रेस टिकट की दावेदारी करने की तैयारी कर रहे हैं। पिछली बार भी चर्चा रही थी कि वे कांग्रेस की टिकट हासिल करने की जुगत में हैं। एक बार वे चर्चा में तब भी आए थे, जब भाजपा नेता किरीट सोमैया की स्वामी कॉम्पलैक्स में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ आए। तनिक विवाद भी हुआ। वैसे यह भी एक सच है कि उनकी लाइजनिंग भाजपा में भी कम नहीं है।
असल में वे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के करीबी माने जाते हैं। मैनेजमेंट गुरू हासानी ने तब अजमेर नगर सुधार न्यास का अध्यक्ष बनने का पूरा मैनेजमेंट कर लिया था। इसके लिए बाकायदा सिंधी समाज का एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर भेजा भी, मगर यह बात लीक होते ही उनकी कार सेवा करने वाले सक्रिय हो गए। पर्चेबाजी भी हुई।
आपको बता दें कि वे पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के करीबी हैं। इतने करीबी कि पिछले से पिछले चुनाव में डॉ. बाहेती की जीत की उम्मीद में फैसले वाले गाडी भर कर पटाखे ले आए, मगर डॉ. बाहेती हार गए। लगातार दो बार हारने के बाद समझा जाता है कि डॉ. बाहेती अजमेर उत्तर से टिकट की दावेदारी न करें। इस बार चूंकि ऐसा माना जा रहा है कि किसी सिंधी को टिकट दिया जा सकता है, तो ऐसा कयास है कि डॉ. बाहेती उनकी पैरवी करने को तैयार हो जाएं। वैसे वे लाइजनिंग के इतने मास्टर हैं कि सीधे सचिन पायलट तक भी अप्रोच कर सकते हैं। कदाचित ऐसा कर भी लिया हो। रहा सवाल साधन संपन्नता का तो वे किसी से कम नहीं पडऩे वाले।
बहरहाल, फिलहाल उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है। स्वाभाविक रूप से अन्य दावेदारों के लिए उन्होंने चिंता पैदा कर दी है।