गुरुवार, 24 जनवरी 2013

कब लगाया जाएगा नया पुलिस कप्तान?

राज्य सरकार भले ही अजमेर के पुलिस कप्तान राजेश मीणा की थानों से मंथली लेने के मामले में गिरफ्तारी और मंथली देने वाले थानेदारों को लाइन हाजिर करने की कार्यवाही कर भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा करे, मगर अजमेर के प्रति वह कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तकरीबन एक माह के बाद भी नए पुलिस कप्तान की नियुक्ति नहीं कर पाई है। होना तो यह चाहिए कि जिस जिले का पुलिस तंत्र पूरी तरह से भ्रष्टाचार में सना हो, वहां तुरंत नए कप्तान को कमान सौंपी जाए, मगर इस ओर न सरकार का ध्यान है और न ही स्थानीय राजनेताओं को कि वे दबाव बनाएं।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह व तीर्थराज पुष्कर की वजह देश-विदेश के लोगों की निरंतर आवाजाही के कारण कानून-व्यवस्था की दृष्टि अजमेर अति संवेदनशील है। दरगाह में एक बार हो चुके बम विस्फोट और मुंबई ब्लास्ट के मास्टर माइंड हेडली की गुपचुप पुष्कर यात्रा के बाद तो यह प्रमाणित हो चुका है कि यह आतंकियों के निशाने पर है। मादक पदार्थों का ट्रांजिट सेंटर तो यह पहले से ही है, अब नकली नोटों का कारोबार भी यहां फलफूल रहा है। ऐसे में यहां पूर्णकालिक पुलिस कप्तान की सख्त जरूरत है। भ्रष्टाचार के आकंठ डूबी यहां की पुलिस अपने कप्तान की गिरफ्तारी के बाद भी कितनी सुधरी है, इस का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा की तो छोड़ो कांग्रेस के नेता तक शिकायत करने लगे हैं कि यहां जुए-सट्टे का कारोबार व अवैध शराब की तस्करी यथावत जारी है। शहर जिला कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक शैलेन्द्र अग्रवाल गृह राज्य मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल के अजमेर आगमन पर उन्हें इस सिलसिले में ज्ञापन भी दिया है। स्वाभाविक सी बात है कि नए पुलिस कप्तान के अभाव में यहां भ्रष्ट तंत्र यथावत काम कर रहा है। इसके बावजूद सरकार की लापरवाही बेहद अफसोसनाक है। इस बारे में जब मीडिया ने बेनीवाल से सवाल किया तो वे महज इतना सा जवाब दे पाए कि जल्द ही नया पुलिस कप्तान लगा दिया जाएगा। उनके जवाब से ऐसा प्रतीत हुआ मानो नया पुलिस कप्तान किसी फैक्ट्री में बनाया जा रहा है, जो कि तैयार होने पर यहां लगाया जाएगा। कैसी विडंबना है कि राजनीतिक मकसद से एक ही दिन में अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया जाता है, जब कि यहां नए कप्तान की सख्त जरूरत है, मगर उस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। माना कि बिना पुलिस कप्तान के भी स्थापित पुलिस तंत्र काम कर रहा है, मगर पुलिस कप्तान जैसे जिम्मेदार पद का खाली रहना भी ठीक नहीं है।
-तेजवानी गिरधर