गुरुवार, 27 फ़रवरी 2014

महाशिवरात्री पर रुद्र के साथ हो गया लखावत का भी अभिषेक

पौराणिक तीर्थ बूढ़ा पुष्कर तकरीबन पांच साल बाद फिर आबाद हो गया। मौका था महाशिवरात्री का। इस शुभ अवसर पर अनेक संत-महात्माओं की गरिमामय उपस्थिति और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी में रुद्राभिषेक किया गया। कार्यक्रम को और आकर्षक बनाने के लिए प्रसिद्ध भजन गायक कुमार विशु को आमंत्रित किया गया, जिनकी भजन लहरियों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। आध्यात्मिक व धार्मिक दृष्टि से तो इस आयोजन का महत्व रहा ही, इसके राजनीतिक निहितार्थ भी रहे। इस मौके पर रुद्र के साथ-साथ राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्रधिकरण के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद औंकार सिंह लखावत का भी अभिषेक हो गया।
बताने की जरूरत नहीं है कि बूढ़ा पुष्कर का जीर्णोद्धार लखावत ने प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर रहते हुए पिछली भाजपा सरकार के दौरान करवाया था। उसके बाद कांग्रेस सरकार के दौरान पुष्कर की विधायक व शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अखतर इंसाफ ने कहने मात्र को खैर-खबर ली, मगर सच्चाई ये है कि जितना विकास लखावत ने करवाया, उससे एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा गया था।
आपको याद होगा कि जैसे ही भाजपा सत्ता में आई, चंद दिन बाद ही जिला प्रशासन ने सुध ली। प्रशासनिक अधिकारी जानते थे कि अगर उन्होंने सुध नहीं ली तो लखावत उनकी सुध ले लेेंगे। जिला कलेक्टर वैभव गालरिया के निर्देशानुसार जिले के आला अधिकारियों ने बूढ़ा पुष्कर का दौरा किया तथा तीर्थ को धार्मिक व पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने व सरोवर के संरक्षण की कवायद शुरू कर दी। बूढ़ा पुष्कर सरोवर में बरसाती पानी की आवक के रास्तों में पक्के फीडर बनाने, घाटों का जीर्णोद्धार व नए घाटों के निर्माण, क्षतिग्रस्त सीढिय़ों व कुंडों की मरम्मत, नए विकास कार्य, रंग-रोगन, देख-रेख व नियमित सफाई, स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति, एडीए की ओर से बिजली व्यवस्था, रेलवे का ढ़ांचा हटाने, सुलभ कॉम्पलैक्स बनाने व संग्रहालय के उद्घाटन पर विचार किया गया। ज्ञातव्य है कि पांच साल पूर्व तत्कालीन सांसद रासासिंह रावत के कोष से संग्रहालय का निर्माण कराया गया था, मगर उद्घाटन नहीं हो पाया। संग्रहालय में स्थापित की जाने वाली ब्रह्मा व गायत्री की प्रतिमाएं कपड़े में लिपटी पड़ी रहीं।
बहरहाल, महाशिवरात्री के मौके पर इस तीर्थ को फिर से आबाद करने के लिए लखावत ने पहल कर दी है। उनकी ये खासियत है कि उनके प्रयासों से निर्मित स्मारकों को आबाद करने के लिए वे सतत प्रयासरत रहते हैं। पिछले पांच साल से भाजपा सरकार नहीं थी, मगर न्यास अध्यक्ष रहते बनवाए गए पृथ्वीराज स्मारक व दाहरसेन स्मारक पर उनके निर्देशन में हर साल कार्यक्रम होते हैं। अब उन्होंने बूढ़ा पुष्कर की भी सुध ली है। उम्मीद है इस तीर्थ के विकास में अब वे कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेंगे। हालांकि प्रत्क्षत: तो यही नजर आया कि यहां रुद्राभिषेक हुआ, मगर राजनीति की समझ रखने वाले जानते हैं कि इसी बहाने लखावत का भी अभिषेक हो गया है। और इस कार्य में अन्य स्मारकों की देखभाल करने वाले पार्षद संपत सांखला, भाजपा शहर जिला प्रचार मंत्री कंवल प्रकाश किशनानी व भामसं नेता महेन्द्र तीर्थानी सरीखों ने अहम भूमिका निभाई।