मंगलवार, 26 जुलाई 2016

हरीश हिंगोरानी अब करेंगे खुल कर दावेदारी

कर्मचारी नेता रहे हरीश हिंगोरानी इस बार अजमेर उत्तर सीट के लिए कांग्रेस की टिकट की खातिर खुल कर दावेदारी करेंगे। वे जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। हालांकि इससे पहले भी दावेदारी कर चुके हैं, मगर तब सरकारी नौकरी उनके लिए तनिक बाधा बन जाती थी।
यहां आपको बता दें कि हिंगोरानी एक बार टिकट के बिलकुल करीब पहुंच गए थे, मगर तब नरेन शहाणी टिकट ले आए। बाद के दो चुनाव में भी उन्होंने पूरी कोशिश की मगर, दोनों बार पूर्व पुष्कर विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती बाजी मार गए। इस बार चूंकि किसी सिंधी को ही टिकट दिए जाने की संभावना है और साथ ही वे रिटायर भी हो रहे हैं, इस कारण पूरी ताकत लगा देने वाले हैं। हिंगोरानी की कर्मचारी वर्ग में अच्छी पकड़ है। इसके अतिरिक्त सिंधी समाज की गतिविधियों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। उनकी स्वयं की एक संस्था हर साल सिंधी वैवाहिक परिचय सम्मेलन आयोजित करती है।

संगठन में स्थापित हुए कमल बाकोलिया

अजमेर नगर निगम के पूर्व मेयर कमल बाकोलिया लंबे इंतजार के बाद संगठन में स्थापित हो गए हैं। उन्हें प्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग का संभाग प्रभारी बनाया गया है। हालांकि बाकोलिया की इच्छा थी कि मेयर पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें शहर जिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाए और इसके लिए उन्होंने अपनी कोशिशों में कोई कमी भी नहीं रखी, मगर जातीय समीकरण के तहत वैश्य वर्ग के विजय जैन को अध्यक्ष बनाया गया। प्रदेश कांग्रेस में पहले से ही अनुसूचित जाति के अन्य दिग्गज स्थापित थे, ऐसे में उन्हें अनुसूचित जाति विभाग में एडजस्ट किया गया है। हालांकि यह कांग्रेस का अग्रिम संगठन है, मगर वे चाहें तो इस जिम्मेदारी के बहाने अपने पांव पसार सकते हैं और चुनावी राजनीति में फिर संभावना तलाश सकते हैं।
ज्ञातव्य है कि मेयर का चुनाव जीतने से पहले उनकी संगठन में कोई भूमिका नहीं रही और उपयुक्त उम्मीदवार होने के नाते उन्हें मौका मिला। एक बार मेयर पद पर रहने के बाद उनके लिए यह जरूरी था कि विपक्ष में रहते संगठन की कोई जिम्मेदारी लें और आगे सक्रिय राजनीति के लिए अपने आपको सुरक्षित रखें। फिलहाल उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है, देखते हैं वे कितनी सक्रियता दिखा पाते हैं।