बुधवार, 29 जुलाई 2015

नवीता जोन हैं वार्ड 50 से कांग्रेस की प्रबल दावेदार

आसन्न अजमेर नगर निगम चुनाव में सामान्य महिला के लिए आरक्षित वार्ड 50 से कांग्रेस की ओर से श्रीमती नवीता जोन की प्रबल दावेदारी उभर कर आ रही है। वे राजेश जोन की धर्मपत्नी हैं, जो कि कांग्रेस का जाना-पहचाना चेहरा हैं और उनकी धरातल पर अच्छी पकड़ है।
39 वर्षीया श्रीमती नवीता बीए पास हैं और कांग्रेस में वे पूर्व ब्लॉक उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। वार्ड में क्रिश्चियन समुदाय के पर्याप्त वोट हैं, जिनका उन्हें पूरा समर्थन मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त यहां कायस्थ समुदाय के भी काफी वोट हैं, जो परंपरागत रूप से कांग्रेस के साथ रहे हैं। यह वार्ड कांग्रेस के लिए अनुकूल बताया जाता है। ज्ञातव्य है कि वार्ड में पूरा जवाहर नगर, पूरा सिविल लाइन्स, राजस्व मंडल के आसपास और पुलिस लाइन के इलाके आते हैं। विस्तार से देखें तो वार्ड में कनक गार्डन के सामने होते हुए जवाहर रंगमंच के सामने होते हुए सावित्री स्कूल तिराहे तक बांयी तरफ के मकान, वहां से बांयी तरफ मुड़ कर पूरे सिविल लाइन क्षेत्र को शामिल करते हुए होटल खादिम, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सामने होते हुए अम्बेडकर सर्किल तक बांयी तरफ के मकाना इसमें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त वहां से बांयीं तरफ मुड़ कर सिंचाई विभाग, संभागीय आयुक्त कार्यालय होते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ऑफिस से पहले तिराहे तक बांयीं तरफ के सभी मकान भी हैं। इसके बाद सेंट्रल जेल को शामिल करके पुलिस लाइन चौराहे तक बांयी तरफ के मकान, वहां से चुंगी चौकी शास्त्री नगर की तरफ होते हुए लोहागल रोड पर महेन्द्र भाटी की दुकान तक बांयी तरफ के समस्त मकान भी इसी वार्ड में हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

रमेश सेनानी हो सकते हैं वार्ड 57 से कांग्रेस के दावेदार

पूर्व पार्षद रमेश सेनानी आसन्न नगर निगम चुनाव में वार्ड 57 से कांग्रेस के दावेदार हो सकते हैं। जानकारी के अनुसार उनको चुनाव लडऩे का मानस बनाने का इशारा तो मिल चुका है, मगर वे अभी जमीनी हालात का मुआयना कर रहे हैं।
सबको पता है कि सेनानी पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल खेमे से हैं और पूर्व केबीनेट मंत्री स्वर्गीय किशन मोटवानी के भी करीबी रहे हैं। उन्हें चुनाव लडऩे और लड़वाने का खासा अनुभव है। कम से कम रणनीतिक रूप से तो वे कमजोर नहीं पडऩे वाले। कभी विधानसभा सीट के भी दावेदार रहे हैं। वैसे ये वार्ड भाजपा के लिए सर्वाधिक मुफीद वार्डों में शुमार है और शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्र भी, मगर कदाचित उन्हें मौजूदा पार्षद दीपेन्द्र लालवानी के प्रति स्वाभाविक रूप से कायम एंटी इन्कंबेंसी का लाभ भी मिल जाए। इस बात की भी संभावना है कि अगर वे जीते और कांग्रेस का बोर्ड बनने की स्थिति आई तो वे मेयर पद के भी दावेदार हो सकते हैं। ज्ञातव्य है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से सिंधी को टिकट न दिलवा पाने की वजह से उसकी एवज में किसी सिंधी को मेयर बनवाने का मानस रखते हैं। उनकी सोच है कि जब तक किसी सिंधी को पावरफुल नहीं बनाया जाएगा, तब तक भाजपा के इस वोट बैंक में सेंध मारना कठिन ही होगा।
आपको बता दें कि 8 सितम्बर 1952 को जन्मे सेनानी बी.ए. पास हैं और कांग्रेस से वर्षों से जुड़े हुए हैं। पेश से वे प्रॉपर्टी डीलर हैं, इस कारण इलाके के चप्पे-चप्पे को अच्छी तरह से जानते हैं। एक जमाना था, जब वैशाली नगर में कांग्रेस का झंडा हाथ में थामने वाला कोई नहीं था, तब से वे इस इलाके में कांग्रेस का दिया जलाते रहे हैं। वे कांग्रेस संगठन में तो कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे ही हैं, 1995 में इस इलाके से पार्षद भी रह चुके हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000