सोमवार, 14 जनवरी 2013

डॉ. बाहेती के डर से भगत ने थामा रलावता का हाथ


डॉ. बाहेती
आखिरकार स्टेशन रोड पर स्थित इंदिरा गांधी स्मारक पर इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगाने का रास्ता खुल गया। पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के क्रेडिट ले जाने के डर से शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता व नगर सुधार न्यास अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत एक हो गए और शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रतिमा लगाने के लिए नगर सुधार न्यास को सवा दो लाख रुपए का चैक सौंप दिया गया। न्यास ने भी शहर कांग्रेस कमेटी को प्रतिमा सौंपने का फैसला कर लिया।
ज्ञातव्य है कि प्रतिमा लगाने का मामला काफी दिन से खटाई में इसलिए पड़ा था कि प्रतिमा की कीमत और लगाने की लगात कौन वहन करे। हालांकि न्यास पहले से ही प्रतिमा खरीद चुका है, मगर संभागीय आयुक्त दफ्तर के नए आदेश थे कि प्रतिमा का खर्च न्यास वहन नहीं करेगा। किसी स्वयंसेवी संस्था को ही यह खर्च वहन करना होगा। काफी दिन तक खर्च वहन करने को कोई आगे नहीं आया तो पूर्व विधायक डॉ. श्रीगापाल बाहेती ने चुनावी वर्ष में मौके का फायदा उठाने के लिए अपना प्रस्ताव रख दिया। उन्होंने महात्मा गांधी दर्शन समिति द्वारा प्रतिमा और समारोह का खर्चा उठाने के लिए न्यास अध्यक्ष नरेन शाहनी के पत्र लिख दिया। इसके बाद निगम में प्रतिपक्ष के नेता नरेश सत्यावना ने भी पार्षदों की मदद से प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव रख दिया। क्रेडिट लेने की बाजी बाहेती अथवा सत्यावना के हाथ जाते देख शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता को होश आया और उन्होंने भी खर्च वहन करने का प्रस्ताव रख दिया। पूर्व में हालांकि रलावता ने दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी फाउंडेशन को प्रतिमा खरीदने के लिए पत्र लिखा था, मगर जब देखा कि वहां से न जाने कब जवाब आएगा और ऐसे में डॉ. बाहेती के प्रस्ताव को मंजूरी देने का दबाव बनेगा, इस कारण वे शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से ही खर्च वहन करने को तैयार हो गए।
एक साथ हुए रलावता व भगत
जाहिर सी बात है कि जब रलावता की तरह भगत भी केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट खेमे से हैं, सो उन्होंने तुरंत रलावता प्रस्ताव मंजूर कर दिया। कहने की जरूरत नहीं है कि डॉ. बाहेती की पायलट से नाइत्तफाकी लंबे समय से है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से भगत पर उनका प्रस्ताव मंजूर न करने का मानसिक दबाव था। रलावता के प्रस्ताव को स्वीकार करने की एक वजह ये भी है कि भगत अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार हैं और इसे मजबूत करने के लिए रलावता का साथ देना उनकी मजबूरी थी। उधर डॉ. बाहेती भी टिकट के दावेदार हैं। अगर उनका प्रस्ताव मान लिया जाता तो उनका कद बढ़ जाता, जो कि भगत को भला कैसे गले उतरता। यूं रलावता भी टिकट के दावेदार हैं और उनकी अगुवाई में प्रतिमा लगती है तो उन्हीं को क्रेडिट मिलेगी, मगर बाहेती को आगे देने से रोकने के लिए भगत के पास रलावता का प्रस्ताव ही मानने के अलावा कोई चारा न बचा था।
कुल मिला कर दस साल से न्यास के स्टोर में रखी इंदिरा गांधी की प्रतिमा के उसके गंतव्य तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जैसा कि रलावता का कहना है, प्रतिमा लगाने के लिए भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को बुलाया जाएगा, स्पष्ट है कि वे तकरीबन सवा तीन लाख रुपए के खर्च का पूरा मजा लेंगे।
-तेजवानी गिरधर