गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

यानि कि शर्मा, चौधरी व भूतड़ा के जीतने की संभावना है

naveen sharma
नवीन शर्मा
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार सरकार बनाने की खातिर जरूरी आंकड़ा पाने के लिए कांग्रेस व भाजपा अपने बागियों पर भी नजर रखे हुए है और लगातार उनसे संपर्क में है। ऐसे बागियों में मसूदा में भाजपा के बागी नवीन शर्मा व कांग्रेस के बागी रामचंद्र चौधरी और ब्यावर में देवीशंकर भूतड़ा के नाम शामिल हैं। इस रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि इन बागियों के जीतने की संभावना है।
ज्ञातव्य है कि अजमेर जिले का मसूदा विधानसभा क्षेत्र ही ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा घमासान है और अनुमान लगाना ही कठिन हो रहा है कि जीतेगा कौन? कांग्रेस ने वहां से संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत को तो भाजपा ने श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा को चुनाव मैदान में उतारा था। मगर देहात जिला भाजपा अध्यक्ष अध्यक्ष नवीन शर्मा स्थानीयता के नाम पर बागी बन बैठे।
रामचंद्र चौधरी
रामचंद्र चौधरी
उधर पूर्व देहात जिला अध्यक्ष व अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी बागी बन कर खड़े हो गए। पिछली बार कांग्रेस से बगावत कर मैदान में उतरे ब्रह्मदेव कुमावत ने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी को हरवा दिया था, इस कारण इस बार चौधरी अपनी हार का बदला लेना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त दमदार प्रत्याशियों में वाजिद खान को माना जा रहा है, जो चीता समाज के समर्थन से अच्छी स्थिति में बताए जा रहे हैं। मुसलमानों के तकरीबन 32 हजार वोट बताए जाते हैं।
जहां तक नवीन शर्मा का सवाल है, उनकी बिजयनगर में अच्छी पकड़ बताई जा रही है। उनका स्थानीयता का नारा बुलंद करने वालों ने भी साथ दिया बताया। गुर्जर समाज के शांति लाल गुर्जर व जाट समाज के भंवरलाल बूला की बगावत भी भाजपा को झेलनी पड़ रही है। उधर चौधरी को अपने जाट समुदाय का पूरा समर्थन मिला बताया, जो कि तकरीबन 24 हजार हैं। इसके अतिरिक्त डेयरी नेटवर्क के कारण निजी संबंधों वाले गुर्जरों का भी साथ लिए हुए हैं, हालांकि केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री व अजमेर के सांसद के खिलाफ झंडा बुलंद करने के कारण गुर्जरों का साथ मिलना कठिन बताया जाता है। वैसे बसपा के गोविंद गुर्जर भी कांग्रेस के परंपरागत मतों में सेंध मार सकते हैं। ज्ञातव्य है कि यहां गुर्जरों की संख्या करीब 30 हजार बताई जाती है। कुल मिला कर यह कहना बेहद मुश्किल है कि यहां कौन जीतेगा, मगर जैसी कि कांग्रेस व भाजपा की अपने बागियों नवीन शर्मा व रामचंद्र चौधरी पर नजर है, लगता है कि इस घमासान में उनके जीतने की संभावना है।
देवी शंकर भूतडा
देवी शंकर भूतडा
बात अगर ब्यावर की करें तो वहां भाजपा की ओर से मौजूदा विधायक शंकर सिंह रावत फिर मैदान में हैं तो कांग्रेस ने मनोज चौहान, मगर शहरी और वैश्य वोटों के भरोसे भाजपा के दिग्गज देवीशंकर भूतड़ा ने ताल ठोक दी, जो भाजपा के लिए बड़ी परेशानी माने जा रहे हैं। असल में यहां आरंभ से वोटों का धु्रवीकरण शहर व देहात में होता रहा है, उसी का फायदा भूतड़ा उठा सकते हैं। वैसे कांग्रेस को चीता, मेहरात व काठात समाज की नाराजगी भारी पड़ सकती है। निर्दलीय पप्पू काठात कांग्रेस को बड़ा झटका दे सकते हैं। असल में इस सीट पर आमतौर पर वैश्यों का कब्जा रहा, मगर परिसीमन के बाद रावतों की बहुलता होने के बाद भाजपा का रावत कार्ड कामयाब हो गया और शंकर सिंह रावत रिकार्ड वोटों से जीते। पिछली बार यहां कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक के. सी. चौधरी ने वैश्य मतदाताओं के दम पर त्रिकोण बनाया था और वे दूसरे स्थान रहे, जबकि कांग्रेस तीसरे स्थान पर धकेल दी गई। इस बार फिर वैश्य के रूप में भूतड़ा ऐसा ही कुछ करने की स्थिति में हैं।
-तेजवानी गिरधर