शनिवार, 1 मार्च 2014

आरएएस अनुराग भार्गव का दर्द वाजिब ही तो है

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले थोक में हो रहे तबादलों को लेकर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अनुराग भार्गव ने फेसबुक पर अपना दर्द बयां करते हुए जो लिखा है, वह सच ही तो है। उन्होंने लिखा है कि 23 फरवरी को मेरा तबादला जिला आबकारी अधिकारी उदयपुर के पद पर हुआ। 28 फरवरी को अपराह्न 3.30 बजे मैंने ज्वाइन किया। कार्यभार संभाले अभी एक घंटा भी नहीं हुआ कि 4.40 बजे पता चला कि मेरा तबादला जिला परिषद डूंगरपुर के सीईओ पद पर कर दिया गया। व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि वाट ए सिस्टम? मैं फुटबाल की तरह महसूस कर रहा हूं, जिसे यहां से वहां फेंका जा रहा है, पहले हर 4-5 महीनों में, अब तो यह दिन और घंटों की बात हो गई है। लीक से हट कर की गई टिप्पणी पर जाहिर तौर पर प्रशासनिक हलके में चर्चा होनी ही थी, मगर जानकार समझ सकते हैं कि हाल ही सरकार ने किस प्रकार घर के सारे बल्ब बदलने की तर्ज पर अधिकारियों को इधर से उधर किया है।
बेशक यह सरकार का अधिकार है और अधिकारी भी समझते हैं कि वे एक ही स्थान पर ज्यादा दिन नहीं टिक सकते, मगर पहली सूची के चंद दिन बाद ही जिस प्रकार दूसरी सूची जारी हुई, उसने इन तबादलों को लेकर हुई राजनीति की पोल खोल दी है। समझा जा सकता है कि पहली सूची भाजपा विधायकों व नेताओं की सलाह से जारी की गई तो दूसरी उन्हीं के सामने अनुनय-विनय करने के बाद जारी हुई। ऐसे में जिन अधिकारियों पर नेताओं का हाथ था, वे तो मनमाफिक पोस्ट ले गए और जिनका कोई धणी-धोरी नहीं था, या फिर नेताओं के निशाने पर थे, वे धक्के में आ गए। स्वाभाविक रूप से भार्गव उनमें शामिल हैं। भार्गव का नाम तो इस कारण उजागर हो गया क्योंकि उन्होंने इस पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया की हिमाकत कर दी, वरना न जाने ऐसे कितने अधिकारी होंगे, जो मन मसोस कर नौकरी कर रहे होंगे।
बड़े पैमाने पर हुए तबादलों और फिर उसमें फेरबदल किस कदर हुआ, यह इन उदाहरणों से समझा जा सकता है:-
आरएएस अधिकारियों की संशोधित सूची में सी आर मीणा को पुन: अजमेर नगर निगम में सीईओ के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया। हाल ही में सीईओ बनाए गए आशुतोष गुप्ता को सरकार ने पुन: अतिरिक्त निदेशक आयुर्वेद विभाग में ही भेज दिया है। इसी प्रकार नगर निगम की आयुक्त प्रशासन सुनीता डागा को महा प्रबंधक, राजस्थान राज्य सहकारिता स्पिनिंग एंड जिनिंग मिल्स फैडरेशन लिमिटेड गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) स्थानांतरित किया गया। नगर निगम के आयुक्त पद से आरपीएससी में उप सचिव के पद पर भेजे गए बजरंग सिंह चौहान को तबादला उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, अजमेर, रेवेन्यू बोर्ड अजमेर में उप निबंधक पद से उपखंड अधिकारी कोट कासिम (अलवर) के पद हाल ही में स्थानांतरित किए भगवत सिंह राठौड़ वापस अजमेर आ गए। उनका तबादला सरकार ने उप सचिव राजस्थान लोक सेवा आयोग में किया है। इसी प्रकार मुख्य कार्यकारी अधिकारी नाथद्वारा मंदिर मंडल हर्ष सावन सूखा को अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासन) आबकारी विभाग अजमेर के पद पर स्थानांतरित किया गया। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में एआईजी के पद से आयुर्वेद विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर स्थानांतरित की गई कुमारी रेणु जयपाल का तबादला एडीए में सचिव पद पर किया गया। आबकारी विभाग में अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासन) रामनिवास जाट को सीकर में भू प्रबंध अधिकारी कम राजस्व अधिकारी लगाया गया, उनकी जगह हर्ष सूखा सावन को नाथद्वारा मंदिर मंडल से यहां लगाया गया।
सरकार बदलने पर राज्य का राजनीतिक चेहरा तो बदला ही, प्रशासनिक चेहरा भी बदला गया, मगर यह बदलाव कैसा रहा और इसके पीछे प्रशासनिक सुधार की दृष्टि रही या नहीं, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि अजमेर जिले में जिन 33 अधिकारियों का तबादला हुआ, उनमें से अधिकतर अजमेर में ही अन्य विभाग में तबादला करवाने में कामयाब हो गए। पहली सूची पर नजर डाल कर देखें, आपको यकीन हो जाएगा:- सुरेश कुमार सिंधी एसडीओ नसीराबाद से डीएसओ, सुनीता डागा डीएसओ से आयुक्त नगर निगम, डॉ. बजरंग सिंह नगर निगम से उपसचिव आरपीएससी, हेमंत स्वरूप माथुर राजस्व अपील अधिकारी से उप निबंधक राजस्व मंडल, प्रिया भार्गव उप निबंधक राजस्व मंडल से शिक्षा बोर्ड में विशेषाधिकारी परीक्षा, भरत कुमार शर्मा विशेषाधिकारी परीक्षा से डीआईजी स्टांप, विनीता श्रीवास्तव एडीए सचिव से राजस्व अपील प्राधिकारी, प्रियंका जोधावत एवीवीएनएल सचिव से एडीए उपायुक्त, आशुतोष गुप्ता आयुर्वेद के अतिरिक्त निदेशक से सीईओ व आयुक्त नगर निगम, हरफूल सिंह यादव सीईओ नगर निगम से एडीएम सिटी, गजेंद्रसिंह राठौड़ एडीएम सिटी से अतिरिक्त कलेक्टर, जुल्फीकार बेग मिर्जा अतिरिक्त कलेक्टर से उप निदेशक अल्पसंख्यक मामलात विभाग, रेणु जयपाल एआईजी स्टांप से अतिरिक्त निदेशक आयुर्वेद और राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव एसडीओ केकड़ी से एसडीओ पीसांगन।
-तेजवानी गिरधर