गुरुवार, 9 जुलाई 2015

निगम चुनाव में डॉ. बाहेती को मिलेगी कितनी तवज्जो?

अजमेर नगर निगम के आगामी अगस्त माह में होने वाले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को कितनी तवज्जो मिलेगी, इसको लेकर दावेदारों में खासी चर्चा है। जैसे विधानसभा चुनाव में हारे हेमंत भाटी की सहमति से काफी टिकट तय होने की संभावना है, ठीक वैसे ही विधानसभा चुनाव हारे डॉ. बाहेती को भी महत्व दिया जाएगा या नहीं इसको लेकर दावेदारों में कौतुहल है। इसी कारण कई वे दावेदार, जो कि डॉ. बाहेती से जुड़े रहे हैं, दावा तो कर रहे हैं, मगर उन्हें संशय है कि कहीं डॉ. बाहेती की वजह से उनका दावा कमजोर तो नहीं हो जाएगा।
असल में ये सवाल इस कारण उठ रहा है क्योंकि उनकी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट से इत्तफाकी कैसी है, ये सब को पता है। वे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के माने जाते हैं और उनके ही दम पर टिकट ले कर आए थे। अब उनकी पसंद से टिकट दिए जाएंगे या नहीं, इसको लेकर संशय होना स्वाभाविक ही है। दूसरी ओर कुछ का मानना है कि डॉ. बाहेती की राय को अहमियत दी जा सकती है। उसके पीछे उनका तर्क ये है कि हाल ही जिस प्रकार हाईकमान के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस में गहलोत लॉबी के नेताओं को स्थान दिया गया है, उससे इस बात की संभावना बनती है कि निगम चुनाव में भी गहलोत लॉबी के दावेदारों का ख्याल रखा जा सकता है। जाहिर है जो दावेदार डॉ. बाहेती से संपर्क करेंगे, वे उनकी पैरवी गहलोत लॉबी के प्रदेश स्तरीय नेताओं तक करेंगे। ये तर्क धरातल पर कितना सटीक बैठता है, ये कहना तो मुश्किल है, मगर दावेदारों के लिए आशा की किरण तो है ही। वैसे अनुमान यही लगाया जा रहा है कि टिकट निर्धारण में ज्यादा भूमिका शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता की रहेगी, भले ही अंतिम फैसला हाई कमान करे।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

महेन्द्र तंवर हैं वार्ड 36 से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार

पूर्व मनोनीत पार्षद महेन्द्र तंवर आगामी अगस्त माह में होने जा रहे नगर निगम चुनाव में वार्ड 36 से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार के रूप में उभर रहे हैं। एक तो इस वार्ड में उनके माली समाज के पर्याप्त वोट हैं, दूसरा मनोनीत पार्षद रहने के दौरान उन्होंने जो कार्य करवाए हैं, उससे उन्हें उम्मीद है कि वार्ड के मतदाता उन्हें भरपूर समर्थन देंगे।
हालांकि वे कांग्रेस के एक सशक्त प्रत्याशी हो सकते हैं और साधन संपन्नता का भी उन्हें लाभ मिलेगा, मगर भाजपा से उन्हें कड़ी टक्कर लेनी होगी। इसकी वजह ये है कि उस इलाके में महिला व बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल का खासा दबदबा है और वहां से अब तक कांग्रेसी पार्षद नहीं बन पाया है। जाहिर तौर पर श्रीमती भदेल जिसे भी मैदान में उतारेंगी, वह उनकी प्रतिष्ठा के साथ जुड़ा हुआ होगा। यानि कि भाजपा अपना कब्जा आसानी से छोडऩे वाली नहीं है। इस वार्ड में मालियों, कोलियों व सिंधियों के वोट निर्णायक भूमिका में रहेंगे। अगर भाजपा तंवर के सामने किसी माली को मैदान में उतारती है तो ऐसी स्थिति में माली वोटों का बंटवारा होगा और सिंधी व कोली जीत-हार तय करेंगे।
जहां तक लॉबिंग का सवाल है, समझा जाता है कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के साथ उनकी अच्छी ट्यूनिंग है। एमए तक पढ़े तंवर एक अरसे से कांग्रेस में सक्रिय हैं। दो साल तक शहर एनएसयूआई के उपाध्यक्ष, छह साल तक शहर युवक कांग्रेस के उपाध्यक्ष, प्रदेश युवक कांग्रेस के सचिव व भीलवाड़ा प्रभारी, शहर जिला कांग्रेस सेवादल के अतिरिक्त मुख्य संगठक, शहर कांग्रेस कमेटी में विशेष आमंत्रित सदस्य व शहर जिला कांग्रेस कमेटी में निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्य हैं। वे अनेक सामाजिक गतिविधियों से भी जुड़े हुए हैं। वे लायंस क्लब के सचिव, जिला माली युवा संगठन के अध्यक्ष, रायल क्लब के अध्यक्ष, महात्मा ज्योति बा फूले राष्ट्रीय संस्थान, जयपुर के संस्थापक सदस्य व अजमेर युवा इकाई के अध्यक्ष और पुलिस शांति समिति सदस्य हैं। आंखों के निशुल्क ऑपरेशन, ब्लड डोनेशन, वृक्षारोपण आदि में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। देखने वाली बात ये है कि क्या कांग्रेस उन पर दाव खेलने को तैयार है?
-तेजवानी गिरधर
7742067000