शनिवार, 9 मार्च 2013

दुकानदारों का विरोध बनेगा एलीवेटेड रोड में बाधक

ट्रैफिक की भारी समस्या से जूझते अजमेर शहर के लिए एलीवेटेड रोड बनाने की संभावनाओं को टटोलने के लिए पेश की गई रिपोर्ट में जो सुझाव दिए गए हैं, उससे साफ नजर आता है कि जो भी दुकानदार एलीवेटेड रोड की जद में आएंगे, वे इसके निर्माण में बाधक बनने की कोशिश करेंगे। ठीक उसी तरह, जैसे दरगाह बाजार में दुकानदारों के विरोध के चलते प्रस्तावित ब्रिज ठंडे बस्ते में चला गया।
हालांकि यह पहले से तय माना जा रहा था कि जैसे ही एलीवेटेड रोड की भौतिक संभावनाएं तलाशने की बात आएगी, कुछ दुकानें उसकी जद में आएंगी ही। स्वाभाविक सी बात है कि जब-जब भी विकास की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाया जाता है तो उसके साथ कुछ बलिदान भी करना होता है। उसके बिना विकास नहीं हो सकता। जैसे जब भी रोड चौड़े किए जाते हैं तो उन्हीं वृक्षों को काटना पड़ता है, जिन्हें अभियान चला कर बमुश्किल उगाया जाता है।
बताया जा रहा है कि प्रारंभिक सर्वे के आधार पर एलीवेटेड रोड की संभावना गांधी भवन चौराहे से स्टेशन रोड होते हुए मार्टिंडल ब्रिज तक देखी जा रही है। इसके लिए रेलवे लाइन की ओर की दुकानों को अन्यत्र शिफ्ट करना होगा। इसी प्रकार पृथ्वीराज मार्ग पर उतरने वाली एलीवेटेड रोड की भुजा के लिए जीपीओ के अलावा नगर निगम के आगे व लोढ़ा धर्मशाला तक कुछ भूमि की जरूरत होगी। प्रारंभिक सर्वे में एलीवेटेड रोड की मुख्य भुजा इंडिया मोटर सर्किल चौराहे पर उतारने को तकनीकी रूप से मुश्किल माना जा रहा है। बहरहाल, अब इस बात की पूरी संभावना है कि जैसे ही भौतिक संभाव्यता रिपोर्ट तैयार हो जाएगी, एलीवेटड रोड का विरोध शुरू हो जाएगा। विशेष रूप से कुछ प्रभावशाली लोग गुप्त रूप से हवा दे सकते हैं। राजनीति भी हो सकती है। इसके लिए प्रशासन को पहले से तैयार रहना होगा। विशेष रूप से शहर के हित के लिए हो रहे इस काम में कोई बाधा न आए, इसके लिए सभी स्वयंसेवी व सामाजिक संस्थाओं को पहले से पाल बांधनी होगी। विशेष रूप से एलीवेटेड रोड की मांग का अभियान चलाने वाले संगठनों को सक्रिय होना पड़ेगा।
-तेजवानी गिरधर