मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

जैन साहब, खुलासा तो आपको करना चाहिए

एडीए क्षेत्र के लिए तैयार किए जा रहे मास्टर प्लान 2033 का प्रारूप जारी करने के साथ ही अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व सदर धर्मेश जैन ने  सवाल खड़ा किया है कि जब पूर्व में 2023 तक के लिए मास्टर प्लान बनाया गया था तो अब उसमें बदलाव की जरूरत क्यों पड़ रही है? उन्होंने मांग की है कि इसका खुलासा होना चाहिए। इस सिलसिले में उनका आरोप है कि कांग्रेस शासन में चहेतों के हित साधने के उद्देश्य से मास्टर प्लान में बदलाव किया गया है।
जैन साहब के आरोप में दम हो न हो, मगर भला प्रशासन कैसे यह खुलासा कर सकता है कि कांग्रेसियों को लाभ पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान में क्या-क्या बदलाव किया गया है। अगर जैन साहब की जानकारी में है, जैसा कि उनके आरोप से ही लगता है, तो इसका खुलासा तो उनको ही करना चाहिए। यूं भी वे न्यास के सदर रह चुके हैं, इस कारण उन्हें पता है कि कहां क्या बदलाव किए गए हैं। पहले कांग्रेस सरकार के दौरान भी उनकी यही राय थी, मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। अब जब कि उनकी पार्टी की सरकार आ गई है तो उन्हें पूरे दम के साथ घालमेल का खुलासा करना चाहिए। वैसे उनकी बात में दम तो है। जब कांग्रेस शासन काल में कांग्रेसियों को लाभ पहुंचाने के लिए बदलाव किए गए तो अब भाजपा शासन काल में भाजपाइयों का हक बनता है।
मजे की बात ये है कि वे ये मांग कर रहे हैं कि सुझावों के लिए वर्तमान व पूर्व जनप्रतिनिधियों, किशनगढ़, पुष्कर के जागरूक नागरिकों को आमंत्रित किया जाना चाहिए, जबकि एडीए चेयरमैन व जिला कलेक्टर वैभव गालरिया पहले ही कह चुके हैं कि जनता व जन प्रतिनिधि अपने विचार, सुझाव व आपत्तियां एक माह में दे सकते हैं। उनके विचार व आपत्तियों को शुमार कर प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। जो कुछ भी हो भाजपा शासनकाल में इतना घोचा करना तो उनका हक बनता है। वैसे भी भाजपाइयों में वे प्रदेश उपाध्यक्ष वे पूर्व न्यास सदर औंकार सिंह लखावत के बाद इकलौते नेता हैं, जिनकी मास्टर प्लान और एडीए मैटर्स पर पूरी मास्टरी है।