बुधवार, 25 सितंबर 2013

अजमेर का गौरव और बढ़ाया बंकर रॉय ने

हरमाड़ा के पास बेयरफुट कॉलेज, तिलोनिया के निदेशक व पर्यावरणविद बंकर रॉय अमेरिका के क्लिंटन ग्लोबल सिटीजन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। बेयरफुट कॉलेज तिलोनिया के बंकर रॉय को ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा और पानी के लिए उल्लेखनीय कार्य करने के लिए इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया। बंकर रॉय 40 साल से भी अधिक समय से ग्रामीण समुदायों की समस्याओं का निवारण उपलब्ध कराते आ रहे हैं। बेयरफुट कॉलेज के कार्यों के परिणामस्वरूप दस लाख लीटर बारिश के पानी को संरक्षित कर 1300 समुदायों के 239, 000 स्कूली बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है। बेयरफुट कॉलेज एक कम्युनिटी बेस्ड मॉडल पर काम करता है। इसके जरिये वैश्विक गरीबी को कम करने के उद्देश्य से दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा और पानी की बेसिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यहां पर बिना डिग्री डिप्लोमाधारी लोग भी तकनीकी कार्य आसानी से कर रहे हैं। आज बेयरफुट कॉलेज के कारण विश्व 54 से भी अधिक देशों में सौर ऊर्जा की रोशनी फैल रही हैं। यहां से 600 से भी अधिक विदेशी महिलाएं सौर ऊर्जा का प्रशिक्षण लेकर बेयरफुट सोलर इंजीनियर के रूप में काम कर रही हैं।
सन् 1945 में जन्मे श्री संजित बंकर रॉय प्रारंभ से ही ग्रामीण गरीबों के प्रति अतिसंवेदनशील थे। सन् 1960 में उन्होंने तय कर लिया कि वे अपना पूरा जीवन उनकी बहबूदी के लिए समर्पित कर देंगे। सन् 1972 में उन्होंने सोशल वर्क एडं रिसर्च सेंटर नामक संस्था का गठन किया, जो कि आजकल बेयर फुट कॉलेज के नाम से जाना जाता है। यह संस्था गरीबों को शिक्षित, प्रशिक्षित और मजबूत करने का काम कर रही है और ग्रामीण हाईटेक कार्यों के जरिए अपना जीवन स्तर सुधार रहे हैं। इस संस्था ने देश के सोलह राज्यों के दूरदराज गांवों में प्रशिक्षण दे रही है और तकरीबन पचास हजार बच्चे इसकी रात्रिकालीन स्कूलों में शिक्षित हुए हैं। अब यह संस्था अफ्रीकन व मध्य पूर्वी समुदायों में काम कर रही है। श्री रॉय आज भारत में गैर सरकारी संगठनों के लिए शीर्ष पर स्थापित आदर्श व्यक्तित्व हैंं। उन्हें सन् 2002 में अश्देन अवार्ड फोर सस्टेनेबल एनर्जी के लिए चयनित हुए और सन् 2005 में उन्हें स्कॉल सोशल एंटरपे्रनियरशिप अवार्ड हासिल हुआ। उनका आदर्श वाक्य है:- ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत कीजिए, आप पाएंगे कि शहरी क्षेत्रों में पलायन की दर कम हो रही है। आप ग्रामीणों को अवसर, स्वाभिमान व आत्मसम्मान दीजिए, वे शहरी झुग्गियों में कदापि नहीं जाएंगे। ज्ञातव्य है कि वे एशिया के नोबल पुरस्कार के समान माने जाने वाले मेगेसेसे अवार्ड से विभूषित श्रीमती अरुणा राय के पति हैं।
उनका संपर्क सूत्र हैं:-डायरेक्टर, बेयरफुट कॉलेज, तिलोनिया, अजमेर
फोन : 01463-288205 फैक्स : 01463-288206
ईमेल : barefootcollege@gmail.com

कांग्रेस का सिंधी को ही टिकट देने का मानस

आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का अजमेर उत्तर से किसी सिंधी को ही टिकट देने का मानस बन गया है। सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धांत: यह मान लिया है कि राज्य की दो सौ सीटों में से एक सीट पर सिंधी को चुनाव लड़ाना चाहिए, ताकि सिंधी समुदाय को यह संदेश दिया जा सके कि वह सिंधियों की उपेक्षा नहीं करना चाहती।
असल में गैर सिंधियों का तर्क था कि एक तो अजमेर उत्तर में जितने सिंधी गिनाए जा रहे हैं, उतने हैं नहीं, दूसरा अधिसंख्य सिंधियों का झुकाव भाजपा की ओर होता है, ऐसे में सिंधी को टिकट देने से क्या फायदा। इस पर प्रतितर्क ये दिया गया कि यदि कांग्रेस एक भी सीट सिंधी को नहीं देगी तो उसे मिलने वाले सिंधियों के न्यूनतम प्रतिशत वोट की उसे उम्मीद नहीं करनी चाहिए। वैसे भी छत्तीस कौमों को साथ ले कर चलने का दावा करने वाली कांग्रेस पर यह दबाव था कि वह सिंधियों को भी अपने साथ लेकर चले, वरना पूरा समुदाय उसके खिलाफ लामबंद हो जाएगा। सिंधियों के वोटों को लेकर भी प्रतिदावे हुए।
तर्कों की इस जद्दोजहद के बीच एक तर्क ये भी आया कि अगर कांग्रेस ने अजमेर उत्तर से किसी सिंधी को चुनाव मैदान में नहीं उतारा तो इस सीट पर तो सिंधी विरोध में आ जाएगा, साथ ही सटी हुई सीट अजमेर दक्षिण के सिंधी भी लामबंद हो सकते हैं, जिससे कांग्रेस को वह सीट भी खोनी पड़ेगी। कुल मिला कर कांग्रेस हाईकमान ने फौरी तौर पर तय कर लिया है कि अजमेर उत्तर से किसी सिंधी को ही टिकट दिया जाएगा। इसमें विशेष परिस्थिति तब उत्पन्न होगी जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने चहेते पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के लिए अड़ जाएंगे। इसी प्रकार कांग्रेस महासचिव व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने खासमखास अजमेर शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता के लिए दबाव बना सकते हैं। हालांकि माना ये जाता है कि कम से कम अजमेर संसदीय क्षेत्र में स्थानीय सांसद व केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट का वीटो इस्तेमाल होगा। बावजूद इसके यदि गैर सिंधी को टिकट न दे पाने की स्थिति बनी तो संभव है कि जयपुर की सांगानेर सीट सिंधियों को दे दी जाए, ताकि सिंधियों की कम से कम एक सीट की मांग को पूरा किया जा सके। ज्ञातव्य है कि वहां भाजपा के दिग्गज घनश्याम तिवारी सिंधी वोटों के दम पर ही जीत कर आते रहे हैं। वैसे जानकारी ये भी है कि सिंधियों को आकर्षित करने के लिए जयपुर के सांसद महेश शर्मा जयपुर में एक सीट सिंधी को देने का दबाव बना रहे हैं।
जहां तक अजमेर जिले के जातीय समीकरण का सवाल है, जिस प्रकार पुष्कर की विधायक श्रीमती नसीम अख्तर का विरोध हुआ है और अगर इसी आधार पर उनका टिकट काटा जाता है तो वहां डॉ. बाहेती को भेजा जा सकेगा। ऐसे में सिंधियों के लिए राह आसान हो जाएगी। उधर मुसलमानों को संतुष्ट करने के लिए पूर्व विधायक हाजी कयूम खान को मसूदा से टिकट दिया जा सकता है। यूं भी इस बार टिकट हासिल करने के लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक रखी है। कुल मिला कर कहा जा सकता है कि अजमेर जिले की सीटें जातीय लिहाज से इंटरलिंक्ड हैं। जहां तक भाजपा का सवाल है, वह यूं तो किसी सिंधी को ही टिकट देने वाली है, मगर गैर सिंधियों ने भी दबाव बना रखा है। मगर कांग्रेस के सिंधी को ही टिकट देने की खबर से अब वह गैर सिंधी को टिकट देने का दुस्साहस नहीं करेगी।
-तेजवानी गिरधर