बुधवार, 10 अप्रैल 2013

नसीम की शिकायत के माने पलाड़ा में दम तो है


हाल ही अजमेर की राजनीति में एक रोचक घटना हुई। महिला और बाल विकास विभाग की ओर से प्रसूताओं के लिए चलाई जा रही सरकारी कलेवा योजना का अधिकारियों ने अजमेर जिला प्रमुख श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा के पति युवा भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा से उद्घाटन करवा दिया। इससे भी दिलचस्प बात ये रही कि जानबूझकर कांग्रेस नेताओं को नहीं बुलाया गया। स्वाभाविक सी बात है कि इस पर राज्यमंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ को मिर्ची लगी और उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से कर दी। इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय के सचिव प्रथम निरंजन आर्य ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर मामले की जांच करवाने को कहा है। मुख्य सचिव सी के मैथ्यू ने महिला और बाल विकास विभाग की शासन सचिव से 15 दिन में जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करके जांच रिपोर्ट से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में महिला और बाल विकास विभाग की सचिव सरिता सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में उन्हें अभी तक जानकारी नहीं है। शिकायत मिलने ही जांच कराई जाएगी।
जांच में जो कुछ होगा, वह तो बाद में पता लगेगा, मगर इस घटना से यह तो साफ है कि अगर एक मंत्री को उन्हें नजरअंदाज करने और भाजपा नेता को तवज्जो देने की शिकायत करनी पड़ रही है तो इसके मायने ये हैं कि भाजपा नेता दमदार है। कांग्रेस राज में भी यदि अधिकारी उनको तवज्जो दे रहे हैं, तो इसका मतलब साफ है कि पलाड़ा में कुछ तो खासियत है। उधर इससे यह भी परिलक्षित होता है कि मंत्री होते हुए भी अधिकारी यदि उन्हें नजरअंदाज करते हैं, इसका मतलब ये है कि उनकी प्रशासनिक पकड़ में जरूर कहीं न कहीं कमी है। कहने की जरूरत नहीं है कि ये वही पलाड़ा हैं, जिनकी पत्नी जिला प्रमुख श्रीमती सुशील कंवल पलाड़ा की कार्यशैली की कांग्रेस के बड़े-बड़े मंत्री सार्वजनिक समारोहों में करते रहे हैं। भाजपा के जिला प्रमुख का कांग्रेसी मंत्रियों द्वारा सराहना करना अपने आप में अजूबा है। अगर ऐसे में अधिकारियों ने भी पलाड़ा को खास तवज्जो दे दी तो क्या गलती कर दी?
-तेजवानी गिरधर