रविवार, 3 जुलाई 2016

स्मार्ट सिटी के लिए अजमेर को नहीं मिली अब तक टैग लाइन

अमरीका दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति  बराक ओबामा की मुलाकात के समय अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का ऐलान हुए एक अरसा हो गया, मगर आज तक वह सब्जबाग जमीन पर नहीं उतर पाया है। अजमेर स्मार्ट सिटी तो जब बनेगा, तब बनेगा, मगर आज तक उसके लिए टैग लाइन तक तय नहीं हो पाई है।
आप देखिए कि केवल टैग लाइन अथवा स्लोगन की कवायद कब से चल रही है। सबसे पहले अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से 8 जनवरी 2015 को दाहरसेन स्मारक पर अजमेर स्मार्ट सिटी विषय पर स्लोगन व लोगो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इसके बाद 23 जनवरी  को फिर स्कूली विद्यार्थियों की स्लोगन व नारा लेखन प्रतियोगिता पटेल मैदान में हुई। यह पूर्व कलैक्टर आरुषि मलिक के कार्यकाल की बात है। कदाचित प्रशासन को अजमेर : सिटी ऑफ होप्स की टैग लाइन पसंद आई और उसने उसका फेसबुक पेज बना दिया। उसके बाद मौजूदा कलेक्टर गौरव गोयल ने कार्यभार संभाला। उन्हें लगा कि इस दिशा में ठीक से काम नहीं हुआ है। उन्होंने स्वयं पत्रकारों से अजयमेरू प्रेस क्लब में बात करते हुए कहा कि इस टैग लाइन में दम नहीं है। सिटी ऑफ होप्स तो हर शहर पर लागू होता है। हर शहर उम्मीदों का शहर है, लिहाजा अजमेर के लिए विशेष टैग लाइन होनी चाहिए। अजमेर को ऐसी टैग लाइन मिलनी चाहिए जो कि इस शहर की ऐतिहासिकता और आध्यात्मिक प्रतिष्ठा के अनुरूप हो। इस कारण नए सिरे ऑन लाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई। नगर निगम की ओर से भी कई कैंप आयोजित किए गए और लोगों को अजमेर स्मार्ट सिटी के बारे में जानकारी दी गई। जाहिर तौर पर प्रतियोगिता में अनेक लोगों ने भाग लिया, मगर आज तक पता नहीं लगा कि उसका आखिर हुआ क्या? प्रतियोगिता में भाग लेने वालों को इंतजार है कि कब परिणाम आएगा। वे रोजाना संबंधित साइट खोल रहे हैं, मगर जल्द ही परिणाम जारी होने की सूचना मात्र मिल रही है। या तो इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है, या फिर जिला कलेक्टर को अब तक सुझाए गए स्लोगन या टैग लाइन पसंद नहीं आई है। जो भी हो यह स्पष्ट होना चाहिए कि आखिर उस प्रतियोगिता का हुआ क्या?
-तेजवानी गिरधर
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