मंगलवार, 11 जुलाई 2017

टंडन वाकई राजनीतिक व प्रशासनिक पंडित हैं

अजमेर के जाने-माने वकील व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश टंडन वाकई राजनीतिक व प्रशानिक पंडित हैं। हाल ही उन्होंने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि आईएएस के पूर्व अधिकारी डॉ. ललित के. पंवार राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्ति के बाद राजस्थान आईएलडी स्किल्स विश्वविद्यालय जयपुर के प्रथम कुलपति नियुक्त होंगे। उन्होंने उन कयासों को भी पूरी तरह से नकारा था कि पंवार राजनीति में जाएंगे। उन्होंने लिखा था कि उनके चोहटन से चुनाव लडऩे की संभावना इस कारण नहीं है क्योंकि वे वहां जातीय समीकरण में फिट नहीं बैठते। वहां मेघवाल समाज का बाहुल्य है। ये बात स्वयं पंवार भी जानते हैं। उनके लिए कोई और विधानसभा क्षेत्र भी उपयुक्त नहीं है। राज्यसभा में भी उनके जाने की संभावना नहीं है।
उनकी यह पोस्ट उन अफवाहों के बाद आई थी, जब कुछ लोग ये कयास लगा रहे थे कि पंवार राजनीति में जाने वाले हैं।
ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व भी एक बार अजमेर नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत व तत्कालीन अजमेर नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत के विवाद पर भविष्यवाणी की थी कि उनकी सुलह राजगढ़ मसाणियां धाम में चंपालाल जी के दरबार में ही होगी। हुआ भी यही। उन दोनों ने कुछ दिन बाद महाराज के सामने अपने गिले-शिकवे भुला दिए थे।
असल में टंडन राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। उनके अनेक राजनेताओं और आईएएस व आईपीएस अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। इसी कारण उनका सूचना तंत्र इतना मजबूत है।