शनिवार, 11 मार्च 2017

विजय जैन करेंगे अजमेर उत्तर से दावेदारी

शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष विजय जैन ने आगामी विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से कांग्रेस टिकट की दावेदारी का मानस बना लिया है। उन्हें उम्मीद है कि जिस प्रकार सिंधियों के दबाव के बावजूद गैर सिंधी के रूप में पूर्व पुष्कर विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को दो बार इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया, वैसे ही उन्हें भी मौका मिल सकता है। असल में वे जानते हैं कि इस बार न तो दो बार हार का मजा चख चुके डॉ. बाहेती दावेदारी करेंगे और न ही लगातार तीसरी कांग्रेस उन पर दाव खेलने का जोखिम उठाएगी। वे पुष्कर का रुख करने के मूड में हैं। ऐसे में कोई गैर सिंधी दावेदार है नहीं। हालांकि प्रदेश कांग्रेस के महासचिव महेन्द्र सिंह रलावता अपने आपको प्रबल दावेदार मानते हैं और उनकी शहर पर पकड़ भी है, मगर संभव है कांग्रेस परंपरागत भाजपाई जैनियों के वोट बैंक में सेंध मारने के लिए विजय जैन को मौका दे दे। इसी उम्मीद में उन्होंने मानस बनाया है कि इस बार वे दावेदारी करेंगे। हालांकि वे पुरानी कार्यकारिणी से ही काम चला रहे हैं और उनकी खुद की टीम अभी नहीं बनी है, बावजूद इसके उन्होंने बिजली के मुद्दे पर सफल अजमेर बंद करवा कर अपनी ताकत साबित कर दी है। हालांकि उन्होंने कुछ सिंधियों को टिकट दिलवाने की लॉलीपोप दे रखी है, मगर समझा जाता है कि ऐन वक्त पर खुद ही दावेदारी कर देंगे।
बुरा न मानो होली है

बेटे को चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रहे हैं देवनानी

शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने की संभावना के चलते अपने पुत्र महेश देवनानी को चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि कई भाजपा नेता उनसे खफा हैं, उन्होंने विधानसभा क्षेत्र के हर बूथ पर अपने पक्के समर्थकों की मजबूत टीम बना ली है। बताया जाता है कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव तक देवनानी की उम्र 70 वर्ष हो जाएगी, ऐसे में लगातार तीन बार चुनाव जीतने और मंत्री होने के बावजूद टिकट मिलने की संभावना कम है।  हालांकि यूं तो भाजपा के कर्ताधर्ता नरेन्द्र मोदी परिवारवाद के खिलाफ हैं, इस कारण महेश की संभावना कम है, मगर जिस प्रकार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ बड़े नेताओं की औलादों को टिकट दिए गए, उससे देवनानी को उम्मीद है कि वे अपने पुत्र को भी टिकट दिलवाने में कामयाब हो जाएंगे। कहने की जरूरत नहीं है कि देवनानी की संघ पर जबरदस्त पकड़ है। संघ ने यदि महेश के नाम पर मुहर लगा दी तो भाजपा में किसी की हिम्मत नहीं कि वह चूं तक कर सके।
बुरा न मानो होली है

अजमेर से चुनाव नहीं लड़ेंगी अनिता भदेल

चर्चा है कि महिला व बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल अजमेर दक्षिण का चुनाव मैदान छोडऩे का मानस बना चुकी हैं। असल में नगर निगम चुनाव में जिस प्रकार उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को जो दुर्गति हुई है, उससे उनको समझ में आ गया है कि चौथी बार यहां से जीतना मुश्किल है। वैसे भी उनके दाहिने व बायें हाथ सुरेन्द्र सिंह शेखावत व हेमंत भाटी अब उनके साथ नहीं हैं। हेमंत भाटी ने तो उनसे अलग हो कर उनके सामने चुनाव लड़ा भी, मगर मोदी लहर में हार गए। उसके बाद उन्होंने अजमेर दक्षिण पर जबरदस्त पकड़ बना ली और निगम चुनाव में अपना दबदबा भी साबित कर दिया। बताया जाता है कि उन्होंने कांग्रेस के साथ खुद अपनी टीम भी बूथ वार तैयार कर रखी है। उसका मुकाबला करना श्रीमती भदेल के लिए कठिन होगा। ऐसे में वे शाहपुरा का रुख करने के मूड में हैं। चूंकि वे लगातार तीन बार जीती हैं, इस कारण उनका टिकट तो नहीं कटेगा, मगर सीट बदलने की इजाजत मिल जाएगी।
बुरा न मानो होली है

धर्मेश जैन बने महाराणा प्रताप स्मारक न्यास के अध्यक्ष

अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व सदर धर्मेश जैन के लिए एक नए पद का सृजन किया गया है। उन्हें महाराणा प्रताप स्मारक न्यास का सदर बनाया गया है। हालांकि उन्हें उम्मीद तो ये थी कि उन्हें अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया जाएगा, क्योंकि उनका पिछला कार्यकाल जिस आरोप की वजह अधूरा छूट गया था, वह झूठा निकला और उनको क्लीन चिट मिल गई। मगर ऐसा हो न सका। अब सवाल ये पैदा हो गया कि ऐसे वरिष्ठ भाजपा नेता को कहां एडजस्ट किया जाए। इसके लिए बेहतर ये समझा गया कि उनके लिए एक नया पद ही बना दिया जाए। चूंकि पुष्कर घाटी पर नौसर गांव के पास उन्होंने महाराणा प्रताप स्मारक बनाने की नींव रखी, जिसे बाद में साकार रूप मिला, उसका श्रेय उनके ही खाते में गिना गया। स्मारक पूरा होने तक भी वे लगातार हर साल वहां कार्यक्रम भी करते रहे हैं। ऐसे में सरकार ने सोचा क्यों न इसी स्मारक के नाम पर न्यास का गठन कर दिया जाए, जिसका सदर उन्हें बना दिया जाए। इसका एक लाभ ये भी होगा कि वे इस स्मारक की ठीक से देखभाल कर लेंगे। बहरहाल, उन्हें एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हो गई है। भविष्य में जब तक यह स्मारक वजूद में रहेगा, लोग धर्मेश जैन को याद करेंगे। कुल मिला कर महाराणा प्रताप की धरती से अजमेर आए इस नेता ने अपने आप को अमर कर लिया है।
बुरा न मानो होली है