मंगलवार, 13 अगस्त 2013

शहर कांग्रेस में नियुक्त होगा कार्यवाहक अध्यक्ष

ऐसी चर्चा है कि अजमेर शहर जिला कांग्रेस में जल्द ही कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। बताया जाता है कि ऐसा दो वजह से किया जाना प्रस्तावित है। एक तो कई दावेदारों को ऐतराज है कि जब खुद शहर अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता ही दावेदार हैं तो दावेदारों के पैनल में निष्पक्षता की कैसे उम्मीद की जा सकती है। दूसरा ये कि रलावता को किशनगढ़ से चुनाव लड़ाया जा सकता है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के यह चर्चा आम है कि जल्द ही ललित भटनागर को वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। उनकी नियुक्ति की घोषणा लगभग तय थी, मगर अज्ञात कारणों से ऐन वक्त पर घोषणा को रोक दिया गया। अपनी नियुक्ति को लेकर ललित भटनागर तो इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने मीडिया में अपनी फोटो व अपना राजनैतिक विवरण भी भिजवा दिया। यदि रलावता को चुनाव लड़ाने का निर्णय हुआ तो भटनागर को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया जाएगा। इसके लिए उनके भाई प्रियदर्शी भटनागर ने जबरदस्त लॉबिंग की है। ललित की नियुक्ति संबंधी पत्र प्रदेश प्रवक्ता अर्चना शर्मा की मौजूदगी में तैयार हो गया और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रभान के पास हस्ताक्षर होने को भी गया, मगर न जाने क्यों जारी होने के लिए बाहर नहीं आया।
के्रडिट लेने के लिए पायलट का दफ्तर सक्रिय
शहर कांग्रेस कमेटी में हाल ही में शामिल नए पदाधिकारियों में से अधिसंख्य के अजमेर के सांसद व केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट विरोधी खेमे के होने के कारण यह संदेश जा रहा था कि संतुलन के लिए कमेटी में पायलट विरोधियों को शामिल किया जा रहा है, जिसकी कि पायलट तक को जानकारी नहीं है। पायलट विरोधी लॉबी भी शहर में यही प्रचार कर रही थी कि नई नियुक्तियों से पायलट का कोई लेना-देना नहीं है। जैसे ही इसकी जानकारी पायलट के दफ्तर को हुई, वह सक्रिय  हो गया। नई नियुक्ति पाने वाले नेताओं को पायलट के दफ्तर से टेलीफोन पर यह कहा गया कि उन्हें पायलट की सिफारिश पर बनाया गया है। उधर रलावता को संदेश दिया गया कि नए पदाधिकारियों को बुलवा कर उनका स्वागत किया जाए, ताकि यह साफ संदेश जाए कि नए नियुक्त होने वाले बाकायदा पायलट की जानकारी में ला कर ही नियुक्त किए जा रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि अपुन ने तो इसी कॉलम में पहले ही लिख दिया था कि पायलट की जानकारी में ला कर नियुक्तियां की जा रही हैं, जो कि पायलट के साथ पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल के बीच हुए पैक्ट का ही हिस्सा हैं।
-तेजवानी गिरधर

सचिन के साथ पैक्ट में जयपाल को क्या मिलेगा?

अजमेर के सांसद व केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट और उनके धुर विरोधी पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल के बीच हुए पैक्ट के तहत शहर कांग्रेस में हो रही नई नियुक्तियों के साथ ही यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि इसके एवज में डॉ. जयपाल को क्या मिलेगा? क्या वे केवल अपने शागिर्दों के नाम जुड़वाने से ही संतुष्ट हो जाएंगे, या फिर उन्हें भी कुछ हासिल होगा?
कयास ये लगाया जा रहा है कि उन्हें नागौर जिले की मेड़ता विधानसभा सीट का टिकट दिया जा सकता है। इसकी वजह ये बताई जा रही है कि अजमेर दक्षिण से उन्हें टिकट दिए जाने की संभावना कम है, क्योंकि वे पिछली बार यहां से हार गए थे। हार का अंतर भी काफी था। भाजपा की श्रीमती अनिता भदेल ने उनको 19 हजार 306 मतों से पराजित किया। हार की एक बड़ी वजह कांग्रेस के बागी व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी पूर्व उप मंत्री ललित भाटी का 15 हजार 610 वोट काटना रहा। अगर किसी सूरत में जयपाल को अजमेर दक्षिण का टिकट देना भी पड़ा तो साथ ही भाटी को भी कुछ न कुछ दे कर राजी किया जाएगा, जिन्हें कि पायलट अपने चुनाव में वापस पार्टी में लाए थे और उसका लाभ मिला भी। भाटी को शामिल करने का फायदा ये रहा कि भाजपा को विधानसभा चुनाव में जो 19 हजार 306 मतों की बढ़त मिली थी, वह तो सिमटी ही, उलटा भाजपा 2 हजार 157 मतों से पिछड़ गई। भाटी तभी से पायलट खेमे में ही चल रहे हैं। इसका इनाम उन्हें मिलेगा ही।
संभव ये भी है कि जयपाल को सरकार बनने पर अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाए जाने का लालच दिया गया हो। और आखिरी विकल्प ये उन्हें शहर कांग्रेस का ही अध्यक्ष बना दिया जाए। ये सारे विकल्प खुले हुए हैं। कुल मिला कर तय है कि डॉ. जयपाल को उनकी ताकत के मुताबिक कुछ न कुछ जरूर दिया जाएगा, तभी ये पैक्ट कायम रह पाएगा।
-तेजवानी गिरधर