रविवार, 25 मार्च 2012

चलो अजमेर को मिल गया एक और खैरख्वाह


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री तथा नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव को लेकर प्रदेश भाजपा में भले ही बाहरी होने का विवाद हुआ हो, मगर अजमेर का तो सौभाग्य ही है कि उसे एक और खैरख्वाह मिल गया है। ज्ञातव्य है कि राज्यसभा में अजमेर से ही कांग्रेस की डॉ. प्रभा ठाकुर मौजूद हैं। उधर केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री के रूप में लोकसभा सदस्य सचिन पायलट तो अजमेर के हितों के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर ही रहे हैं। इसके अतिरिक्त अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं श्रीमती किरण माहेश्वरी भी भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री हैं और राजसमंद से विधायक होने के बाद भी अजमेर के प्रति अपना लगाव रखती हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायकों की बैठक में जब यादव के नाम का पर्चा तैयार किया जा रहा था तो वहां हाईकमान का आदेश सिर माथे बताते हुए यह सवाल तो उठा था कि आखिर यादव हैं कौन? पता तो लगे कि आखिर वे कहां से हैं? प्रदेश के बड़े नेता इस सवाल एक बार तो सकपका गए थे, मगर यह सफाई दे कर मामला शांत किया गया कि वे अजमेर में भाजपा से जुड़े रहे हैं। खुद यादव ने भी यह जानकारी दी कि वे अपने बाल्य काल तथा छात्र जीवन से ही अजमेर शहर से जुडे रहे हैं। अजमेर में लम्बे अरसे तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कार्य किया तथा अजमेर के राजकीय महाविद्यालय छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भी रहे, उनका पार्टी से वैचारिक जुड़ाव भी अजमेर से ही हुआ। इसलिए उन्हें बाहरी न माना जाए।
अब जब कि यादव राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिए गए हैं, आगामी 31 मार्च को अजमेर आ रहे हैं। इस मौके पर शहर जिला भा.ज.पा. की ओर से स्थानीय लक्ष्मी नैन समारोह स्थल पर उनका अभिनंदन किया जाएगा। स्वाभाविक सी बात है कि अजमेर से अपने लगाव को दर्शाने के लिए उन्हें एक बार तो अजमेर आना ही था। अब देखना ये है कि अजमेर के भाजपाई यहां विकास के लिए उनको कितना प्रतिबद्ध करवा पाते हैं।
आपको जानकारी होगी कि नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष व एक बार कुछ समय के लिए राज्यसभा सदस्य रहे औंकार सिंह लखावत का नाम भी दावेदारों में था। अगर वे पुन: चुने जाते तो बात ही कुछ और होती, क्योंकि अजमेर के विकास के प्रति उनकी रुचि किसी से छिपी हुई नहीं है। पिछली बार भी उन्होंने राष्ट्रीय पटल पर अजमेर की उपस्थिति दर्शाई थी। बहरहाल, अब जब कि यादव को मौका मिला है तो देखना ये होगा कि अजमेर से जुड़ाव के सबूत देकर भले ही उन्होंने अपना रास्ता आसान कर लिया हो, अर्थात राज्यसभा सदस्य बनने के लिए अजमेर को सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल किया हो, मगर अजमेर के लिए उतनी ही शिद्दत से कुछ करते भी हैं या नहीं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com