शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2012

सचिन पायलट ने लगाए निंदकों के मुंह पर ताले


अजमेर के सांसद व केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने बिना मांगे ही अजमेर को एक और सौगात दे दी है। उनके प्रयासों से अजमेर के निकटवर्ती पालरा रीको औद्योगिक क्षेत्र में 50 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इलेक्ट्रॉनिक परीक्षण एवं विकास केंद्र की स्थापना होगी, जिसकी कि आधारशिला गत दिनों स्वयं उन्होंने रखी। इस केन्द्र की महत्ता ये है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने वाली एजेंसीज को अपने उपकरणों की जांच का प्रमाण पत्र इस केंद्र से लेना होगा। इस केंद्र द्वारा संपूर्ण जांच करने के बाद यह प्रमाण पत्र दिया जाएगा। पूरे देश में ऐसे 14 केंद्र हैं, परंतु यह देश का पहला केंद्र होगा, जहां सौर ऊर्जा में काम आने वाली 4 से 6 फीट बड़ी प्लेट्स का प्रमाणीकरण कार्य होगा। इतनी बड़ी प्लेट्स के प्रमाणीकरण का कार्य अन्य केंद्रों में नहीं है। दूरसंचार के क्षेत्र में काम आने वाले उपकरणों के मानक प्रमाणीकरण का परीक्षण भी इसी केंद्र में होगा। इससे पूरे राजस्थान में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में और निवेश बढ़ेगा।
समारोह में मानकीकरण, परीक्षण तथा गुणवत्ता प्रमाणन निदेशालय के महानिदेशक एनई प्रसाद ने यहां स्थापित हो रहे केंद्र की कार्य प्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्य आगामी 3 वर्ष में पूरा हो जायेगा।
एक तो आम लोगों को इस प्रकार के केन्द्र के बारे में तनिक भी जानकारी नहीं है, दूसरा चूंकि इसको शुरू होने में वक्त लगेगा, इस कारण संभव है अभी से इसके लाभ का अहसास नहीं किया जाए, मगर जानकार समझते हैं कि पायलट ने अजमेर को यह एक और सौगात दी है, जिसकी महत्ता आज नहीं तो कल लोगों को समझ में आएगी। पायलट की इस ताजा उपलब्धि से उन लोगों के मुंह पर थोड़ी लगाम लगेगी, जो ये कहते हैं कि वे अजमेर में केवल माला पहनने व फीते काटने ही आते हैं। यह बात सही है कि उनका कार्यकर्ताओं को कुछ खास मेलजोल नहीं है, मगर उनकी कार्यप्रणाली से यह तो जाहिर हो ही गया है कि अजमेर के विकास पर वे पूरी नजर रखे हुए हैं। यहां खास बात ये है कि ताजा योजना के बारे में किसी को कल्पना तक नहीं थी और न ही समझ। पायलट अपने स्तर पर ही इसके लिए प्रयास करते रहे और लोगों को तभी पता लगा, जबकि वे शिलान्यास करने आए।
-तेजवानी गिरधर