बुधवार, 24 मई 2017

धर्मेश जैन की सारी क्रेडिट छीनना चाहते हैं शिवशंकर हेडा

धर्मेश जैन
राजनीति में किए गए काम की क्रेडिट मिले या मिले, कुछ कहा नहीं जा सकता। अजमेर नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष धर्मेश जैन के साथ ऐसा ही हुआ है। उन्होंने पुष्कर घाटी पर नौसर माता मंदिर के पास महाराणा प्रताप स्मारक बनाने का सपना देखा, शिलान्यास करवाया और मूर्ति बनवाने का आदेश भी दिया, मगर कार्यकाल बीच में ही छूट गया। बाद में अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेडा बने और उनके कार्यकाल में मूर्ति स्थापना हुई तो उसकी सारी क्रेडिट वे ही लेना चाह रहे हैं। हालत ये है कि शिलान्यास से लेकर अब तक हर साल जैन वहां महाराणा प्रताप जयंती पर कार्यक्रम करते रहे हैं, मगर इस बार मूर्ति स्थापना के बाद हो रहे कार्यक्रम से जैन को पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया है। हालांकि उन्होंने इस बार भी कार्यक्रम करने की अनुमति का पत्र बहुत पहले एडीए को दे दिया, मगर हेडा के कहने पर उसे रद्दी की टोकरी दिखा दी गई। अब हेडा खुद एडीए के स्तर पर जयंती का कार्यक्रम करने जा रहे हैं।
गत दिवस जयंती समारोह की जानकारी देने के लिए हेडा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक एडीए ने मात्र साढ़े तीन महीने में तैयार किया गया। इसके निर्माण में जिला कलेक्टर गौरव गोयल व सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता सुनील सिंघल का विशेष सहयोग रहने की बात भी कही, मगर जैन की भूमिका को लेकर एक भी शब्द नहीं कहा। इससे भी ज्यादा अफसोसनाक बात ये है कि जंयती समारोह में शहर के अधिसंख्य बड़े भाजपा नेताओं को अतिथि के रूप में बुलाया जा रहा है, मगर उस सूची में पूर्व न्यास अध्यक्ष जैन, जो कि इस स्मारक के स्वप्रदृष्टा हैं, का नाम कहीं पर भी नहीं है। हेडा इतने ढ़ीठ हैं कि इस मुद्दे पर उनकी खूब छीछालेदर हो रही है, फिर भी वे उसकी परवाह नहीं कर रहे। उन्हें इसकी भी चिंता नहीं कि इससे आम जनता में उनकी छवि कैसी बन रही है। उनकी इस जिद की वजह से भाजपा की गुटबाजी भी सड़क पर आ रही है, मगर उन्हें पार्टी की किरकिरी होने का कोई अहसास ही नहीं। जानकारी के अनुसार जैन ने इसकी शिकायत शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव से की है और यादव ने भी एक पत्र हेडा को लिखा है, फिर भी उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी। सत्ता व संगठन के तालमेल का यह ताजा उदाहरण है।
स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठ रहा है कि जब जयंती समारोह जैन मनाते रहे हैं तो हेड़ा ने क्यों नई समिति बनाई? अगर पूर्व की समिति कांग्रेस डोमिनेटेड होती तो उसके स्थान पर भाजपानीत समिति बनाना समझ में आता, मगर अपनी ही पार्टी के नेता की अध्यक्षता में बनी समिति का उड़ा  देना उनकी संकीर्णतम मानसिकता का द्योतक है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

हेडा के अड़ंगे के बावजूद एलिवेटेड रोड बनेगा

लीजिए, अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेडा के अड़ंगे के बावजूद अजमेर में एलिवेटेड रोड का रास्ता साफ हो गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शहरी विकास मंत्रालय एवं राज्य सरकार ने अजमेर शहर में 162 करोड़ की लागत से एलिवेटेड रोड बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। जानकारी के अनुसार अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को इसके लिए जल्दी ही फोरलेन सड़क का चयन कर डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। अर्थात अब यह काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होगा, जिसमें अजमेर विकास प्राधिकरण की कोई बाधा नहीं रहेगी।
ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी अजमेर आए तो एक समारोह के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने अजमेर में एलिवेटेड रोड की जरूरत पर जोर दिया, मगर हेडा ने उसका विरोध करते हुए उसकी संभावना पर पानी फेरने की कोशिश की और कह दिया कि इस बारे में मुख्यमंत्री से बात हो चुकी है। हालांकि देवनानी ने भी कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से बात हुई है, मगर मतभिन्नता के चलते बात वहीं खत्म हो गई, मगर कृपलानी ने इस मामले को प्रसंज्ञान में ले लिया।  जानकारी के अनुसार इस बारे में अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन ने भी देवनानी पर दबाव बनाया। वे इससे पहले भी कई बार मुख्यमंत्री को आग्रह कर चुके थे। देवनानी ने भी मुख्यमंत्री से बात कर बात को आगे बढ़ाया और अंतत: शहरी विकास मंत्रालय एवं राज्य सरकार इसके लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए।
हुआ यूं कि जिला कलेक्टर गौरव गोयल जयपुर में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू एवं सीएम वसुंधरा राजे द्वारा सीएमओ में आयोजित बैठक में शहरी विकास योजनाओं तथा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कराए जा रहे कामों की जानकारी देने गए थे। वहीं उन्होंने इस मामले को रखा। इस पर मुख्यमंत्री ने अजमेर शहर में बढ़ते यातायात के दबाव के मद्देनजर 162 करोड़ की लागत से एलिवेटेड रोड बनाने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी।
महत्वपूर्ण बात ये है कि अब एडीए का कोई लेना देना नहीं है। न तो हेडा अब बजट का रोना रो सकते हैं और न ही मुख्यमंत्री की मर्जी के खिलाफ कुछ बोल सकते हैं। असल में उनकी रुचि इस कारण नहीं बताई जाती है कि यह प्रोजेक्ट बड़ा होने के कारण उनके कार्यकाल में पूरा नहीं हो पाता और क्रेडिट भी कोई और लेता। मगर सवाल उठता है कि शहर का हित सर्वोपरि है या किस व्यक्ति की जिद। यह एक बेहद अफसोसनाक बात है कि जिस यातायात समस्या को पूरा शहर भोग रहा है, उसके समाधान में रुचि लेने की बजाय हेडा ने व्यक्ति नजरिये को तवज्जो दी। खैर, अब उनकी अनिच्छा व अड़ंगे का कोई लेना देना नहीं है। शहर वासियों को दुआ करनी चाहिए कि ऊर्जावान जिला कलेक्टर गोयल यहां रहते इस काम को शुरू करवा जाएं।
जहां तक सत्तारूढ़ भाजपा संगठन का सवाल है, वह इस एलिवेटेड रोड के प्रति कितना आतुर था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने एलिवेटेड रोड की मंजूरी की जानकारी आते ही मुख्यमंत्री का आभार जताया और उसकी उपयोगिता का बखान किया। मजे की बात ये है कि शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव की ओर से जारी विज्ञप्ति में आभार के साथ जिन अधिसंख्य नेताओं के नाम जोड़े हैं, उनमें हेडा का भी नाम है। समझा जा सकता है कि यादव ने वह नाम औपचारिकता वश जोड़ा है। उन्होंने इसके लिए विशेष रूप से शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी  का आभार इस नाते व्यक्त किया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष अजमेर की इस जरूरत पर ध्यान आकर्षित किया। साथ ही अजमेर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव गोयल एवं अजमेर नगर निगम महापौर धर्मेंद्र गहलोत का आभार इसलिए कि उन्होंने इसके प्रथम चरण में डीपीआर बनवाई, कंसल्टेंट से फिजिबिलिटी के आधार पर तकनीकी रिपोर्ट तैयार करवाई।
-तेजवानी गिरधर
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