बुधवार, 21 अगस्त 2013

हवाई अड्डे को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही

अजमेर जिले के किशनगढ़ के पास प्रस्तावित बहुप्रतीक्षित हवाई अड्डे को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले दिनों राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अजमेर आगमन पर अंजुमन ने इसका नाम ख्वाजा साहब के नाम पर रखने की मांग की तो हाथोंहाथ हिंदूवादी संगठन सक्रिय हो गए और उन्होंने इसका नाम पृथ्वीराज चौहान एयरपोर्ट अजमेर रखने का दबाव बना डाला। कुछ दिन की शांति के बाद एक बार फिर इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है।
हाल ही शहर कांग्रेस की एक बैठक में ब्लॉक अध्यक्ष आरिफ हुसैन ने प्रस्ताव रखा कि हवाई अड्डे का नाम गरीब नवाज के नाम पर रखा जाए तो इस पर भी तुरंत प्रतिक्रिया हुई। अखिल भारतीय निम्बार्काचार्य पीठ के युवाचार्य श्याम शरणदेव महाराज ने मदनगंज-किशनगढ़ के समीप प्रस्तावित हवाई अड्डे के नाम पर हो रही राजनीति पर कड़ी आपत्ति जताई। युवाचार्य ने कहा कि इस विषय में समुदाय विशेष की प्रसन्नता के लिए हो रही तुष्टीकरण की नीति समाज में विभीषिका उत्पन्न करने वाला एवं भारतीय संस्कृति व सभ्यता के गौरव के प्रतिकूल है। कृष्णगढ़-अजयमेरू एवं पुष्कर क्षेत्र के गौरव को नजरअंदाज करते हुए यदि राजनीतिक लाभ को प्रधानता दी गई तो भविष्य में किसी भी सरकार को इसके दुष्परिणाम का सामना करना पड़ेगा। युवाचार्य ने पत्रकार वार्ता में बताया कि पुराण प्रसिद्ध तीर्थगुरु पुष्कर अरण्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अजयमेरू एवं कृष्णगढ़ का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। ब्रह्मा मंदिर तथा सम्राट पृथ्वीराज चौहान एवं महाराजा सांवतसिंहजी (संत नागरीदास) के द्वारा किए गए ऐतिहासिक पहचान की विशिष्टता व स्थान के गौरव को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित हवाई अड्डे का नाम रखा जाए। हालांकि उन्होंने इस मसले पर राजनीति न करने पर जोर दिया, मगर उनका बयान भी कहीं न कहीं इसी राजनीति का हिस्सा बन गया। उनकी मांग से नामों की सूची में ब्रह्मा मंदिर तथा महाराजा सांवतसिंहजी (संत नागरीदास) भी जुड़ गए। 
उनका बयान आया तो कांग्रेसी फिर जागे। प्रदेश राजीव गांधी यूथ फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल गंगवाल व महासचिव विकास अग्रवाल ने विज्ञप्ति जारी कर मांग की कि हवाई अड्डे का नाम राजीव गांधी के नाम पर रखा जाए।
ज्ञातव्य है कि इस मसले के ज्वलंत होते ही एक सज्जन विजय कांकाणी ने फेसबुक पर पृथ्वीराज चौहान एयरपोर्ट अजमेर के नाम से अकाउंट बना दिया। उसमें अपील की गई कि भारत के अंतिम हिंदू सम्राट और अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाम पर अजमेर में क्या है? केवल एक भाजपा के राज में बना पृथ्वीराज स्मारक, उसकी भी सरकार ने हालात खराब कर दी है। हमने सरकार के सभी बड़े मंत्रियों को खत लिख कर मांग की है कि अजमेर में निर्माणाधीन एयरपोर्ट का नाम पृथ्वीराज चौहान रखा जाये, जिससे देशभर और विदेशों में उनकी पहचान बनी रहे। अब सरकार के मन में कया है, सरकार जाने, हमने साफ कर दिया है कि पृथ्वीराज का नाम नहीं तो एयरपोर्ट नहीं।
कुल मिला कर नाम को लेकर हो रही राजनीति के चलते आने वाले दिनों में तलवारें और खिंचती दिखाई दे रही हैं।
-तेजवानी गिरधर