मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

आखिर कब होगी एडीए में पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति

राज्य सरकार ने एक आदेष जारी कर अजमेर विद्युत वितरण निगम के अध्यक्ष हेमंत गेरा को अजमेर विकास प्राधिकरण का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया है। वे जल्द ही कार्यभार संभालेंगे। वस्तुतः पहले यह तय हुआ था कि संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर की सेवा पूर्ण होने पर जिला कलेक्टर आरूशि मलिक को यह पद अतिरिक्त रूप से सौंपा जाएगा। ज्ञातव्य है कि भटनागर के पास ही प्राधिकरण के अध्यक्ष पद का जिम्मा था। असल में गत 30 सितम्बर को धर्मेन्द्र भटनागर की संभागीय आयुक्त पद से सेवानिवृत्ति के बाद कलेक्टर को ही कार्यवाहक संभागीय आयुक्त बनाया गया। चूंकि संभागीय आयुक्त के पास ही प्राधिकरण के अध्यक्ष का पद था, इसलिए स्वाभाविक रूप से कलेक्टर ही अध्यक्ष का पद लेने जा रही थीं कि इस बीच सरकार ने गेरा के नाम के आदेष जारी कर दिए। बताया ये जा रहा है कि आरूशि की जगह गेरा की नियुक्ति करवाने में षिक्षा राज्य मंत्री प्रो वासुदेव देवनानी का हाथ है, क्योंकि उनकी आरूशि के साथ ट्यूनिंग ठीक नहीं है।
बहरहाल, कार्यवाहक अध्यक्ष कोई भी रहे, मगर बडा सवाल ये है कि आखिर एडीए के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति कब की जाएगी। यह सवाल इस कारण ज्यादा अहम है क्योंकि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जाना है। वह काम कोई स्थाई अध्यक्ष ही ठीक से अंजाम दे सकता है। इसी संदर्भ में यह बताना प्रासंगिक होगा कि भटनागर ने बिना स्पश्ट गाइडलाइन के ही र्स्माट सिटी की कवायद षुरू कर दी थी, जिस पर लाखों रूपए बर्बाद हो गए। उन्होंने तो बाकायदा चंद समाजसेवियों को स्मार्ट सिटी के लिए राय देने के नाम पर सम्मानित तक किया। उनकी उस स्मार्ट सिटी का क्या हुआ, पता नहीं। अब अजमेर को देष के उन एक सौ षहरों में षामिल किया गया है, जिनको स्मार्ट सिटी बनाया जाना है। उसके लिए नए सिरे से कवायद की जा रही है। नगर निगम फिर नए सुझाव मांग रहा है। चूंकि अजमेर विकास प्राधिकरण के पास अजमेर के विकास का जिम्मा है, अतः यह लाजिमी है कि उसका अध्यक्ष कोई पूर्णकालिक हो।  वो भी अगर जनप्रतिनिधि हो तो बेहतर, क्योंकि उसे अजमेर की जनता की अपेक्षाएं बेहतर पता होंगी। आए दिन सुना ये जाता है कि जल्द ही किसी भाजपा नेता को अध्यक्ष बनाया जाएगा, मगर हर बार वह अफवाह ही रह जाती है। इन दिनों फिर से चर्चा थी कि इस पद पर नियुक्ति होगी, मगर जैसे ही भटनागर सेवा से मुक्त हुए तो गेरा को यह जिम्मा दे दिया गया।
यहां आपको बता दें कि अजमेर विकास प्राधिकरण के पहले अध्यक्ष पद का दायित्व तत्कालीन कलेक्टर वैभव गालरिया को सौंपा गया था। प्राधिकरण बनने के बाद से अटकलें लगाई जा रही थी कि अध्यक्ष पद पर किसकी नियुक्ति होगी। विधानसभा चुनाव निकट होने की वजह से इस पद पर राजनीतिक नियुक्ति होने की उम्मीद न के बराबर थी। प्रशासनिक हल्कों में अध्यक्ष का पद संभागीय आयुक्त अथवा वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को देने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने कलेक्टर को कार्यभार सौंपकर सबको अचंभित कर दिया था।
-तेजवानी गिरधर