शनिवार, 3 अगस्त 2013

वसुंधरा को ऐतराज, मगर भाजपा पार्षद कर रहे हैं लूट के माल की पैरवी

एक ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर चुनावी मौसम में विभिन्न योजनाएं चलाने का यूं कह कर विरोध कर रही है कि सरकार वोटों की खातिर खजाना लुटा रही है तो दूसरी अजमेर के भाजपा पार्षद उसी लूट के माल की पैरवी कर रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि इन दिनों मुख्यमंत्री बिजली बचत लैंप योजना के तहत उन बीपीएल परिवारों को दो-दो फ्री सीएफएल दी जा रही है, जिनके नाम बीपीएल बिजली कनेक्शन में शामिल हैं। जाहिर तौर पर ऐसे बीपीएल परिवार, जो किराए के मकान में रहते हैं और उनके नाम बिजली कनेक्शन नहीं हैं, उन्हें सीएफएल नहीं मिल रही। इस पर भाजपा के पार्षदों को कड़ा ऐतराज है। वे उन्हें भी सीएफएल देने की मांग कर रहे हैं। इस सिलसिले में उन्होंने अजमेर विद्युत वितरण निगम के एमडी से मुलाकात भी की। उप मेयर राठौड़ ने तो यहां तक कहा कि बीपीएल ही नहीं, आम लोगों को भी सीएफएल मिलनी चाहिए। भागीरथ जोशी ने कहा कि किराए के मकान में रहने वाले बीपीएल के नाम बिजली कनेक्शन नहीं होता, उन्हें भी सीएफएल दें। जे के शर्मा ने कहा कि यदि सात दिनों में इस मसले पर फैसला नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
सवाल ये उठता है कि जब प्रदेश भाजपा की खेवनहार वसुंधरा इस प्रकार सरकारी खजाने को लुटाने पर ऐतराज कर रही हैं तो दूसरी ओर भाजपाई इसी लूट के माल के लिए पैरवी कैसे कर रहे हैं। यानि कि एक ओर तो लूट की योजनाओं पर सरकार को घेरा जा रहा है, दूसरी ओर सरकारी योजनाओं का लाभ भी लिया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि भाजपा पार्षदों ने सरकार की साड़ी वितरण व पेंशन योजना का भी भरपूर फायदा अपने-अपने वार्ड के लोगों को दिलवाया। यदि वाकई वसुंधरा राजे को ऐतराज है तो उसे जनता से अपील करनी चाहिए कि जनता लूट के माल को न ले।  साफ है कि एक ओर तो नीतिगत विरोध तो दूसरी ओर फायदे को छोडऩा भी नहीं चाहते। रहा सवाल सीएफएल वितरण का तो जाहिर है भाजपा यह जानती है कि जिन लोगों को सीएफएल मिल रही है, वे तो कांग्रेस के गुणगान गाएंगे, कम से कम उन लोगों की पैरवी कर उनका तो दिल जीता जाए, जो सीएफएल से वंचित हैं।
दूसरी ओर जब भाजपा की यह चाल पूर्व उप मंत्री ललित भाटी को समझ में आई तो उन्होंने तुरंत बयान जारी किया कि जो मांग आज भाजपा पार्षद कर रहे हैं, वह तो वे तो पहले से चुके हैं और उस पर सरकार सकारात्मक रुख अपना रही है। यानि कि वे उन लोगोंं को कांग्रेस के हाथ से नहीं जाने देना चाहते, जिनकी भाजपाई पैरवी कर रहे हैं।
अलबत्ता पार्षद नीरज जैन ने जरूर महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया कि कि जिस व्यक्ति का बिल 2 हजार आता है, उसे 6-7 हजार का बिल दिया जा रहा है, ऐसे में अल्प आय के लोग बिल भरे या परिवार को पालें। उनकी इस बात में भी दम है कि दरगाह बाजार क्षेत्र में ज्यादा बिजली चोरी होती है, वहां कार्रवाई की जानी चाहिए। सब जानते हैं कि उस इलाके में घुसने में तो अधिकारियों की रुह कांपती है।
-तेजवानी गिरधर