शनिवार, 18 जुलाई 2015

रमेश चेलानी को लगा पार्षद बनने का चस्का

कहते हैं न जब तक हमने किसी वस्तु का स्वाद नहीं चखा तब तक उसके प्रति आकर्षण मात्र होता है, मगर यदि स्वाद चख लिया तो फिर शिद्दत की चाहत होती है। लगता है कि कुछ ऐसी ही हालत मनोनीत पार्षद  रमेश चेलानी की हो गई है। आपको पता होगा कि जब तक वे पार्षद नहीं बनाए गए थे, तब तक राजनीति में कुछ खास रुचि नहीं लिया करते थे। केवल सिंधी विद्यार्थियों के उत्थान के लिए शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी से जुड़े थे। उनके सेवा भाव को देखते हुए देवनानी ने उन्हें मनोनीत पार्षद बनवा दिया। अब जब निगम के नए चुनाव होने हैं तो चेलानी किसी भी सूरत में चुना हुआ पार्षद बनना चाहते हैं। उन्होंने वार्ड 57 से भाजपा टिकट के लिए एडी चोटी का जोर लगा रखा है।
बताते हैं कि उनका साथ कुछ भामाशाह भी दे रहे हैं। वे खुद तो भामाशाह हैं ही। यानि कि उनके पास संसाधनों की कोई कमी नहीं। कहने की जरूरत नहीं है कि इस वार्ड से पहला दावा मौजूदा पार्षद दीपेन्द्र लालवानी का ही बनता है। वे देवनानी के खासमखास हैं। शायद ही कोई ऐसा सार्वजनिक कार्यमक्रम ऐसा रहा हो, जिसमें वे देवनानी के साथ नजर न आए हों। उन पर किसी प्रकार का कोई आरोप भी नहीं है, ये बात अलग है कि जिन लोगों के काम नहीं हुए होंगे, वे उनसे नाराज हैं। कुछ कार्यकर्ता भी छिटके हैं। ऐसा होता ही है। जब आप किसी पद पर पहुंच जाते हैं तो अपेक्षा तो हर किसी की होती है, मगर सभी की पूरी की नहीं जा सकती। ऐसे में चंद लोग नाराज भी हो जाते हैं। लालवानी का दावा कुछ इस कारण भी कमजोर हुआ क्योंकि उन्हें संगठन में भी पद से नवाजा जा चुका है। इस कमजोरी को चेलानी भलीभांति जानते हैं। यही वजह है कि उन्होंने यहां से टिकट हासिल करने के लिए खम ठोक रखा है। वे यह भी जानते हैं कि यह वार्ड भाजपा के लिए कितना मुफीद है। यहां से भाजपा का टिकट ले लेना ही पार्षद बन जाने के समान है। अब देखने वाली बात ये होगी कि देवनानी अपने इन दोनों चहेतों में से किसे तरजीह देते हैं।
देवनानी खेमे के ही एक और दावेदार दौलत खेमानी हैं। पिछली बार उन्होंने भरपूर कोशिश की थी, मगर इस बार चुप हैं। उनके पास भी कार्यकर्ताओं की अच्छी टीम है। उनकी चुप्पी का राज क्या है, पता नहीं। कहीं वे ऐन वक्त पर किसी और चेहरे के लिए दावेदारी न कर दें? बाकी यहां वहीं प्रत्याशी होगा, जिसे देवनानी चाहेंगे।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

देवनानी ने बांट दिए आठ टिकट?

क्या शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने अजमेर नगर निगम चुनाव के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र अजमेर उत्तर के आठ वार्डों के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है? जाहिर तौर पर ये सवाल ही बेमानी है, क्योंकि अभी तो दावेदारों से आवेदन ही नहीं लिए गए हैं और आवेदन करने की अंतिम तारीख ही 26 जुलाई है, नाम तो उसके बाद तय होंगे। मगर किसी शरारती ने वाट्स एप पर अनेक ग्रुप्स में यह अफवाह फैलाई है, जिसका मजमून इस प्रकार है:-
निकाय चुनाव 2015
वार्ड नं. व नाम
1. तुलसी सोनी
2. धर्मेन्द्र गहलोत
3. ज्ञान जी
4. चारभुजा जी
5. तारा साहू
6. धर्मपाल जाटव
7. अंजू गौड
8. विजय साहू
देवनानी जी द्वारा उत्तर विधानसभा क्षेत्र के आठ वार्डों के प्रत्याशियों के नाम की सूची आज मीडिया में जारी कर कार्यकर्ताओं को चुनावों में जुट जाने का आहवान किया गया, जो कि कल के अखबार में आएगी।
समझा जा सकता है कि अगर इस प्रकार का संदेश होगा, तो हर कोई यकीन कर लेगा। देखिए ना, साफ कहा है कि सूची मीडिया को जारी की गई है और कल के अखबार में आएगी भी।
हमने मामले की तह में जाने की कोशिश की तो यह तथ्य उभर कर आया कि एक भाजपा कार्यकर्ता ने ही ये शरारत की है। ऐसी अफवाहें चुनाव के वक्त फैलाई जाती रही हैं, जिनसे सावधान रहना ही चाहिए। मगर शरारत करने वाले के मकसद पर विचार करें तो यह साफ दिखाई  दे रहा है, ऐसा देवनानी को बदनाम करने की साजिश के तहत किया गया है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

भाजपा को नहीं मुस्लिम वोटों की दरकार

ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा को मुस्लिम वोटों की दरकार नहीं रही। उसे पता लग गया है कि भले ही कुछ मुस्लिम भाजपा से जुड़े हुए हैं, बाकायदा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ तक संचालित किया जाता है, मगर मुस्लिम भाजपा को वोट नहीं देते। कदाचित इसी कारण इस बार ऐन निगम चुनाव से पहले आई ईद के मौके पर भाजपा के बड़े नेता चांद बावड़ी स्थित ईदगाह पर नमाज के दौरान आए ही नहीं। शायद इसी उम्मीद में कि जब अखबारों में ये खबर शाया होगी तो बहुसंख्यक हिंदुओं के वोटों का फायदा होगा।
वैसे अमूमन भाजपा नेता ईद के मौके पर जरूर मौजूद रहते हैं, मगर इस बार उनकी गैरहाजिरी चौंकाने वाली रही। आमतौर पर पूर्व सांसद प्रो. रासासिंह रावत, विधायक वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल, शहर भाजपा अध्यक्ष अरविन्द यादव, नगर निगम के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत, उपसभापति सोमरत्न आर्य आदि होते ही हैं, मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ। मजह भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के इब्राहिम फकर ही दिखाई दिए। समझा जा सकता है कि ये अनुपस्थिति यूं ही नहीं रही होगी। ज्ञातव्य है कि अजमेर में कम से कम पांच वार्ड ऐसे हैं, जो कि मुस्लिम बहुल हैं और वहां से भाजपा जीत नहीं पाती। जिन अन्य इलाकों में मुस्लिम हैं, वे भी भाजपा को वोट नहीं देते। ऐसे में उनको रिझाने की औपचारिक रस्म अदा करने से क्या फायदा?
उधर कांग्रेसियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। शहर अध्यक्ष महेंद्र सिंह रलावता, पूर्व विधायक नसीम अख्तर, पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, मेयर कमल बाकोलिया, प्रताप यादव, कुलदीप कपूर, शैलेन्द्र अग्रवाल, सबा खान, नोरत गुर्जर, सर्वेश पारीक, शक्ति सिंह रलावता, चंद्रभान खंजन, विजय नागौरा, इंसाफ अली, राजनारायण आसोपा, नील शर्मा, कमल गंगवाल, संदीप रिचर्ड उपस्थित थे।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

वार्ड आठ में होगा दिलचस्प मुकाबला

अजमेर नगर निगम के वार्ड आठ में दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। यहां कांग्रेस व भाजपा, दोनों में ही बगावत की संभावना बनती है, इस कारण टिकट वितरण सावधानी से किया जाएगा। टिकट वितरण के बाद जो भी अधिकृत प्रत्याशी होंगे, वे कदम फूंक फूंक कर ही रखेंगे।
असल में इस वार्ड में मुसलमानों के तकरीबन 1800 वोट हैं, जो कि कांग्रेस प्रत्याशी के लिए मुफीद हैं। कांग्रेस की ओर से इमरान सिद्दीकी का नाम प्रमुखता से उभर कर आया है। यूं यहां से संजय टाक, दिलीप व पप्पू भाई भी दावेदारी कर रहे हैं। बताया जाता है कि पप्पू भाई को अगर टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय खड़े हो सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी को दिक्कत हो सकती है।
उधर भाजपा में रमेश सोनी के अतिरिक्त विमल पारलेखा, कमल बाफणा, अनिल नरवाल, गगन साहू, विजय साहू व लाल जी दावेदार बताए जा रहे हैं। गगन साहू काफी सक्रिय कार्यकर्ता हैं। वार्ड में तेली समाज के काफी वोट हैं। अगर वे टिकट में रुचि नहीं लेते तो विजय साहू की मदद कर सकते हैं। पारलेचा को टिकट इस कारण नहीं मिलने की संभावना है, क्योंकि उनका देवनानी से छत्तीस का आंकड़ा है। समझा जाता है कि अगर रमेश सोनी को टिकट मिला तो पारलेचा निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। कुल मिला कर इस वार्ड में बगावत या भितरघान की पूरी आशंका बताई जा रही है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000