सोमवार, 12 सितंबर 2011

इलायची बाई की गद्दी को मिला राजनीतिक वारिस

किन्नर गुरू इलायची बाई की गद्दी के लिए मशहूर अजमेर शरीफ में पहली बार एक किन्नर को नगर निगम का पार्षद बनने का खुशनसीबी हासिल हुई है। बताते तो यहां तक हैं कि सोनम के नाम से सुपरिचित यह किन्नर पूरे देश में भी सरकार की ओर से मनोनीत पहला किन्नर है। शहर की सियासत में दिलचस्पी रखने वाला शायद ही कोई शख्स हो, जो सोनम किन्नर को न जानता हो। अजमेर ही नहीं, कांग्रेस के जयपुर और दिल्ली दरबार तक में इसकी पहचान है, जहां ये बेधड़क दस्तक दे देता है।
असल में सोनम किन्नर का नाम आते ही एक जलजले का ख्याल मन में उभर आता है। तकरीबन 26 साल का सोनम मूलत: केकड़ी का रहने वाला बताया जाता है। जब से इसने अजमेर की कांग्रेसी राजनीति में दस्तक दी है, धरने-प्रदर्शन में इसी का बोलबाला रहता आया है। कई बार तो ऐसा लगा कि शहर कांग्रेस के साबिक सदर जसराज जयपाल की सदारत में किए जा रहे प्रदर्शन को इसने अपने हिसाब से ही दिशा दे दी। जैसा की अमूमन होता है कि किन्नर अमूमन मुंहफट होते हैं, इस कारण कोई भी उसके सामने आ कर अपनी फजीहत करवाना पसंद नहीं करता। असामान्य शख्सियत के कारण किन्नर की मौजूदगी हंसी-ठ_े का माहौल पैदा कर देता है। ठीक वैसे ही सोनम की मौजूदगी कांग्रेस के छोटे-मोटे आंदोलनों में अलग की मंजर पैदा कर देता है। कई बार तो ऐसा भी हुआ जब किसी वीआईपी के सामने कोई बात रखने के लिए उसका उपयोग किया गया। वह बिंदास हो कर अपनी बात कहने में माहिर है। संयोग से वह खूबसूरत और जवान भी है, इस कारण उसको एकाएक कोई भी नेता नजरअंदाज नहीं करता। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दरबार में भी वह बेधड़क घुसा जाता है। बताते हैं कि अपने खास अंदाज की बदौलत उसने कांग्रेस के दिग्गज नेता मुकुल वासनिक के यहां भी उसकी खूब चलती है। उन्हीं की बदौलत उसको पार्षद बनने का मौका मिला बताते हैं। कांग्रेस हाईकमान में उसने अपनी कितनी हैसियत बना रखी है कि पिछले निगम चुनाव में बागी बन कर खड़े होने के बाद भी उसे मनोनीत किया गया है।
उसके मनोनयन पर जहां कुछ कांग्रेसी इस बात से खफा हैं कि क्या उसके अलावा उन्हें कोई मर्द या औरत नहीं मिली, तो कुछ इस बात से खुश हैं कि वह भाजपा पार्षदों को छठी का दूध याद दिलाएगा। बहरहाल, अजमेर के सियासी गलियारे में सोनम किन्नर की मौजूदगी क्या गुला खिलाएगी, यह तो वक्त ही बताएगा, मगर इतना तय माना जा रहा है कि पहले से कपड़ा फाड़ सियासत का ठिकाना बने हुए नगर निगम में अब पहले से ज्यादा हंगामे हुआ करेंगे। हालांकि खुद सोनम का मानना है कि वह हंगामा अपने खातिर नहीं, बल्कि शहर की खातिर करता है। वह शहर के विकास केलिए कुछ करना चाहता है। उसके आगे पीछे तो कोई है नहीं है, जिसके लिए वह अपने पद का दुरुपयोग करेगा। रहा सवाल आजीविका का तो वह किन्नर होने के नाते वैसे ही खूब फलफूल रहा है। इसलिए सारा ध्यान शहर की भलाई पर लगा देगा। सरकार की ओर से पार्षद बनाए जाने से वह इतना खुश है कि शुकवार को कांग्रेस दफ्तर में उसके खुशी के आंसू थामे नहीं थम रहे थे। उसके ये आंसू कितने सच्चे हैं, और वह शहर के भले के लिए क्या करता है, यह तो वक्त ही बताएगा। अजमेरवासियों के लिए उसके एक पार्षद का किन्नर होना कितने गौरव की बात है, मगर किन्नर जमात केलिए तो यह जश्र का मौका है ही। वे इस बात ये खुश हैं कि एक ओर जहां लागे किन्नरों को हंसी ठिठोली का पात्र मानते हैं, वहीं सरकार ने उन्हें पहली बार सियासत में जगह दी है।