मंगलवार, 4 मार्च 2014

लीजिए, वास्तविक अभिषेक भी हो गया लखावत का

राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण में पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। हाल ही महाशिवरात्री के मौके पर बूढ़ा पुष्कर में गत दिनों जब लखावत के ही प्रयासों से अनेक संत-महात्माओं की गरिमामय उपस्थिति और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी में रुद्राभिषेक किया गया तो अपुन तभी लिख दिया था कि इसी के साथ उनका भी अभिषेक हो गया है।
ज्ञातव्य है कि भाजपा के फिर सत्तारूढ़ होने के बाद लखावत के प्रयासों से पौराणिक तीर्थ बूढ़ा पुष्कर तकरीबन पांच साल बाद फिर आबाद हुआ। अपुन ने लिखा था कि आध्यात्मिक व धार्मिक दृष्टि से तो इस आयोजन का महत्व रहा ही, इसके राजनीतिक निहितार्थ भी रहे। वे निहितार्थ चरितार्थ भी हो गए। सबको पता है कि बूढ़ा पुष्कर का जीर्णोद्धार लखावत ने प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर रहते हुए पिछली भाजपा सरकार के दौरान करवाया था। उसके बाद कांग्रेस सरकार के दौरान यथास्थिति सी कायम हो गई थी। नतीजतन तत्कालीन सांसद रासासिंह रावत के कोष से निर्मित संग्रहालय का उद्घाटन तक नहीं हो पाया। संग्रहालय में स्थापित की जाने वाली ब्रह्मा व गायत्री की प्रतिमाएं कपड़े में लिपटी पड़ी रहीं। जैसे ही भाजपा सत्ता में आई, चंद दिन बाद ही जिला प्रशासन ने भी इसकी सुध ली। जाहिर है यह लखावत के इशारे पर ही हुआ।
 अपुन उम्मीद जाहिर की थी कि इस तीर्थ के विकास में अब वे कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेंगे। अब जब कि उन्हें प्राधिकरण का अध्यक्ष बना ही दिया गया है, यह आशा की जानी चाहिए कि वह उम्मीद जरूर पूरी होगी।
यहां आपको बता दें कि ताजा आदेश के अनुसार प्राधिकरण में प्रमुख शासन सचिव, कला एवं संस्कृति विभाग को सदस्य सचिव नियुक्त कर प्राधिकरण को पुन: कार्यशील किया गया है। आदेश के अनुसार प्राधिकरण की परिसम्पतियों एवं अभिलेख जो पूर्व में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, को हस्तांतरित किये गये थे वे अग्रिम आदेशों तक विभाग में ही निहित होंगे। उल्लेखनीय है कि राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण का गठन 19 अगस्त, 2006 में किया गया था।
-तेजवानी गिरधर