पिछले दिनों जवाहर रंगमंच पर फागुन महोत्सव में हास्य-व्यंग्य के दौरान एक दिलचस्प और काबिल ए गौर वारदात हुई। एक ओर जहां भाजपा व कांग्रेस के सभी नेताओं ने स्मार्ट सिटी के पुतलाकार शव पर पुष्पांजलि अर्पित की, वहीं महिला व बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने रूखे स्वर में साफ इंकार कर दिया। उनका कहना था कि स्मार्ट सिटी का सपना खत्म नहीं हुआ है और आगे चल कर यह जरूर पूरा होगा, इस कारण वे पुष्पांजलि अर्पित नहीं करेंगी। यकायक उनके इस रवैये से मंच संचालक सकपका गए। यह कह कर कि अच्छा जवाब, उन्होंने माहौल को गंभीर होने से बचा लिया, मगर यह वारदात वहां मौजूद दर्शकों में गहरे तक प्रवेश कर गई।
सब जानते हैं कि अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की जो घोषणा हुई, उसे जमीन निगल गई या आसमान खा गया, अब तक कुछ अता-पता नहीं। वह अब भी कहीं मौजूद है तो पता नहीं, मगर कम से कम इस बारे में अधिकृत तौर पर जिन मंत्रियों व अफसरों को जानकारी होनी चाहिए, वे चुप भी हैं। बाद में शुरू हुई देशभर के एक सौ शहरों को स्मार्ट बनाने की कवायद में पहले दौर के बीस शहरों में भी अजमेर का नाम नहीं आ पाया। कुल मिला कर फिलवक्त सच यही है कि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का जो ऐलान हुआ था, उसकी अंत्येष्टि हो चुकी है।
हुआ यूं कि फागुन समारोह समिति ने इस बार स्मार्ट सिटी बनने की कवायद की विफलता को ही केन्द्र में रखा। जाहिर तौर यह हंसी-ठिठाली के साथ व्यंग्य का भी कार्यक्रम था। इसे हल्के में ही लिया गया, लिया ही जाना चाहिए, मगर श्रीमती भदेल इस कार्यक्रम में अपना पद साथ ही लेकर आईं। इस कारण उन्हें बहुत बुरा लगा कि उनकी सरकार की विफलता को इस प्रकार व्यंग्यात्मक तरीके से प्रदर्शित किया गया। वे अड़ गईं कि वे तो पुष्पांजलि अर्पित नहीं करेंगी। बेशक पार्टी और सरकारी लाइन पर पूरी तरह से खरी मानी जाएंगी, मगर इस कड़वी सच्चाई को कोई भी अस्वीकार नहीं कर सकता कि फिलवक्त अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के सपने की भ्रूण हत्या हो चुकी है। इसे कोई स्वीकार करे या नहीं। अगर ये सच नहीं है तो क्या वजह है कि स्मार्ट सिटी को लेकर मीडिया में भाजपा सरकार और उसके नेताओं की इतनी छीछालेदर के बाद भी वे चुप क्यों हैं? उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं कि जिस स्मार्ट सिटी के सपने को दिखा कर उन्होंने नगर निगम चुनाव में वोट बटोरे, उसका आखिर हुआ क्या?
बहरहाल, इस मामले में राजस्थान पुरा धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने पूरी संजीदगी के साथ कहीं न कहीं तालमेल के अभाव को स्वीकार किया और विश्वास जताया कि सभी नेता मिल कर अजमेर के स्मार्ट सिटी के सपने को साकार करेंगे।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
8094767000
सब जानते हैं कि अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की जो घोषणा हुई, उसे जमीन निगल गई या आसमान खा गया, अब तक कुछ अता-पता नहीं। वह अब भी कहीं मौजूद है तो पता नहीं, मगर कम से कम इस बारे में अधिकृत तौर पर जिन मंत्रियों व अफसरों को जानकारी होनी चाहिए, वे चुप भी हैं। बाद में शुरू हुई देशभर के एक सौ शहरों को स्मार्ट बनाने की कवायद में पहले दौर के बीस शहरों में भी अजमेर का नाम नहीं आ पाया। कुल मिला कर फिलवक्त सच यही है कि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का जो ऐलान हुआ था, उसकी अंत्येष्टि हो चुकी है।
हुआ यूं कि फागुन समारोह समिति ने इस बार स्मार्ट सिटी बनने की कवायद की विफलता को ही केन्द्र में रखा। जाहिर तौर यह हंसी-ठिठाली के साथ व्यंग्य का भी कार्यक्रम था। इसे हल्के में ही लिया गया, लिया ही जाना चाहिए, मगर श्रीमती भदेल इस कार्यक्रम में अपना पद साथ ही लेकर आईं। इस कारण उन्हें बहुत बुरा लगा कि उनकी सरकार की विफलता को इस प्रकार व्यंग्यात्मक तरीके से प्रदर्शित किया गया। वे अड़ गईं कि वे तो पुष्पांजलि अर्पित नहीं करेंगी। बेशक पार्टी और सरकारी लाइन पर पूरी तरह से खरी मानी जाएंगी, मगर इस कड़वी सच्चाई को कोई भी अस्वीकार नहीं कर सकता कि फिलवक्त अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के सपने की भ्रूण हत्या हो चुकी है। इसे कोई स्वीकार करे या नहीं। अगर ये सच नहीं है तो क्या वजह है कि स्मार्ट सिटी को लेकर मीडिया में भाजपा सरकार और उसके नेताओं की इतनी छीछालेदर के बाद भी वे चुप क्यों हैं? उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं कि जिस स्मार्ट सिटी के सपने को दिखा कर उन्होंने नगर निगम चुनाव में वोट बटोरे, उसका आखिर हुआ क्या?
बहरहाल, इस मामले में राजस्थान पुरा धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने पूरी संजीदगी के साथ कहीं न कहीं तालमेल के अभाव को स्वीकार किया और विश्वास जताया कि सभी नेता मिल कर अजमेर के स्मार्ट सिटी के सपने को साकार करेंगे।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
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