रविवार, 6 मार्च 2011

अजमेर को बार-बार क्यों याद कर रही हैं वसुंधरा


पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा में विपक्ष की नेता श्रीमती वसुंधरा राजे जब से विधिवत फॉर्म में आई हैं, बार-बार अजमेर का नाम लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साध रही हैं। उनका कहना है कि अजमेर में हुए भूमि घोटालों में कुछ और नाम सामने आएंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि उनको किसी बम की बत्ती हाथ लग गई है, जिसको माचिस की तिल्ली दिखा कर विस्फोट करेंगी। हालांकि छोटे गहलोत का तो जिक्र कर ही चुकी हैं, मगर और नामों की ओर भी इशारा कर रही हैं, उससे ऐसा लगता है कि उनके हाथ कोई बड़ा रहस्य लग गया है, जिसका उद्घाटन समय पर करेंगी। वैसे यह तो तय है कि अजमेर के दोनों भाजपा विधायकों प्रो. वासुदेव देवनानी व श्रीमती अनिता भदेल के पास तो बारूद का कोई सामान नहीं है, वरना वे कभी का ब्लास्ट कर देते। देवनानी के पास तो महज एक पर्चा था, जिसमें अशोक गहलोत के बेटे वैभव का नाम था, उसे वे विधानसभा के पटल पर रख चुके हैं और उस पर गृहमंत्री शांति धारीवाल जांच करवा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वे कुछ भी नहीं कर पाए। दोनों विधायकों को तो क्या पूरी शहर भाजपा के पास भी कोई मसाला नजर नहीं आता है, वरना जब कांग्रेस की तर्ज पर न्यास के खिलाफ उसने ज्ञापन दिया तो उसमें भी कुछ खास इशारा नहीं कर पाए। केवल भाजपा राज में शुरू हुए कामों के ठप होने का हवाला था। न्यास पर हमला किया भी है तो कांग्रेस ने। पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल, रमेश सेनानी और शहर उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश गर्ग ने। उन्हीं की शिकायतों पर कार्यवाही हुई है।
रही बात पर्चे की तो लगता है जिसने उसे बनाया, उसी ने वसुंधरा राजे का मसाला प्रोवाइट करवाया है, तभी वे बार-बार अजमेर का नाम ले रही हैं। यूं वसुंधरा खुद के ही हाथ काफी लंबे हैं। जमीनों के बारे में उनकी जानकारी भी तगड़ी रहती है। उन्होंने ही अपने सूत्रों के जरिए मसाला जुटा लिया होगा। अब देखते हैं कि वे क्या गुल खिलाती हैं?

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