गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

पुलिस की सूझबूझ से टला उपद्रव

एक तो दरगाह इलाका वैसे ही सांप्रदायिक दृष्टि से अति संवेदनशील है, उस पर तकरीबन एक माह बाद ख्वाजा साहब का उर्स मेला भरने वाला है, ऐसे में दरगाह इलाके में पुलिस और सीआईडी की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। यहां के छोटे-मोटे झगड़े की गूंज भी मीडिया के ग्लोबलाइजेशन के कारण दूर-दूर तक पहुंचती है। और जाहिर तौर पर उसका उर्स मेले में आने के इच्छुक जायरीन पर पड़ता है।
दरगाह इलाके में पिछले साल धराशायी हुए बाबा गेस्ट हाउस के सौदे को लेकर दो गुटों में चल रही रंजिश ने एक बार फिर उबाल लिया। इस सिलसिले में एक गुट ने जब दुकानदार पर हमला बोला तो अन्य दुकानदार जमा हो गए और उन्होंने हमलावरों पर तो हमला बोला ही उनकी कार भी फूंक दी। माहौल इतना गर्म हो चुका था कि वह किसी भी समय सांप्रदायिक उपद्रव का रूप ले सकता था, मगर मौके पर तुरंत पहुंची पुलिस ने तत्परता दिखाई और हालात पर काबू पा लिया। ऐसे समय में जब कि उर्स मेला सिर पर है और प्रशासन ने उसकी तैयारी की कवायद शुरू कर दी है, इस उपद्रव को टालने के लिए डीएसपी विष्णुदेव सामतानी के नेतृत्व में मुस्तैद रही पुलिस वाकई साधुवाद की पात्र है। इतना ही नहीं सामतानी की पहल पर प्रशासन ने तुरंत इलाके के संभ्रांत लोगों की बैठक बुलाई और शांति के प्रयास तेज कर दिए। हालांकि फिलहाल हालात पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है, फिर भी उर्स मेले को देखते हुए पुलिस और विशेष रूप से सीआईडी को सतर्क रहना होगा।

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