सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

सनद रहे... जारी है देवनानी वर्सेज एंटी देवनानी


शहर भाजपा अध्यक्ष के रूप में प्रो. रासासिंह रावत को अध्यक्ष बना कर पार्टी में चल रही गुटबाजी को समाप्त करने के गंभीर प्रयासों के बाद भी ऐसा प्रतीत होता है कि अब भी देवनानी वर्सेज एंटी देवनानी जारी है। देवनानी खेमा अपने अस्तित्व को हरवक्त स्थापित करने की कोशिश में रहता है, जबकि एंटी देवनानी खेमा देवनानी को निपटने की फिराक में ही रहता है।
हाल ही नगर निगम की साधारण सभा के लिए रणनीति में देवनानी खेमे को पूरी तरह से हाशिये में लाने के लिए सदन में बोलने के लिए शिवशंकर हेड़ा, अजीत सिंह, अनिता भदेल व संपत सांखला के ही नाम तय किए गए। ये सभी देवनानी विरोधी खेमे के माने जाते हैं। रणनीति बनाने के वक्त तो इस चालाकी पर चुप रह गए, मगर उन्होंने ठान ही ली कि मौका पड़ते ही वे भी बोलना शुरू कर देंगे। हुआ भी यही। उन्होंने सभा के स्थान को लेकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की। ठीक इसी प्रकार उनके ही शागिर्द नीरज जैन ने भी कई मसलों पर अपने चिर-परिचित उग्र तेवर दिखाए।
स्पष्ट है कि देवनानी खेमा इस प्रकार निपटाए जाने से नहीं निपटने वाला है। अपने वजूद की खातिर यह खेमा हर सीमा तक जा सकता है। उसी का परिणाम है कि एक ओर विधानसभा घेराव के राज्य स्तरीय कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए अजमेर में प्रदेश युवा मोर्चा कार्यसमिति की बैठक हो रही है। वहीं युवा मोर्चा अध्यक्ष पद पर देवेंद्रसिंह शेखावत की नियुक्ति से नाराज चल रहे असंतुष्ट गुट ने कार्यसमिति बैठक का विरोध करने की चेतावनी दे दी है। असंतुष्ट खेमे के अनिल नरवाल तो खुल कर कह रहे हैं कि शेखावत की नियुक्ति से कार्यकर्ताओं में रोष है। मामला प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी की जानकारी में होने के बाद भी कोई हल नहीं निकाला गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने नियुक्ति के समय उठे विवाद को यह कह कर ठंडा करने की कोशिश की कि लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा के बाद इस मसले को सुलझाया जाएगा, लेकिन कुछ नहीं किया। यहां तक कि युवा मोर्चा महामंत्री प्रमोद सांभर की ओर से दी गई तथ्यात्मक रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। यदि अध्यक्ष पद को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया तो पदाधिकारियों का विरोध किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि शेखावत के विरोध की मुहिम देवनानी खेमे के नितेश आत्रे को अध्यक्ष न बनाने के साथ शुरू हुई थी। बाद में कुछ और ताकतें भी इसमें शामिल हो गईं। लब्बोलुआब, देवनानी वर्सेज एंटी देवनानी का मुकाबला फिलहाल तो समाप्त होता नजर नहीं आता। जैसी कि जानकारी है, यह तब तक जारी रहेगा, जब तक कि देवनानी विरोधी खेमा देवनानी का टिकट नहीं कटवा लेता।

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