सोमवार, 5 मार्च 2012

युवती की हत्या मात्र ट्रेलर, खौफनाक फिल्म का है इंतजार


आईडी प्रूफ के गेस्ट हाउस में ठहर कर एक युवक द्वारा अपने साथ पत्नी बता कर लाई गई युवती की हत्या कर फरार हो जाना साबित करता है न तो गेस्ट हाउस संचालक नियमों की पालना करने के प्रति गंभीर हैं और न ही पुलिस ने इससे पहले हुए एकाधिक मामलों से सबक लेते हुए अपने आप को मुस्तैद किया है। ज्ञातव्य है कि दरगाह इलाके में अंदरकोट पार्किंग के सामने नूरी हशमती मंजिल में गत दिवस एक जायरीन युवती की गला काटकर हत्या कर दी गई। और उसके साथ आया अज्ञात कातिल युवती की हत्या कर शव कमरे में बंद कर के फरार हो गया। कमरे में मिली वस्तुओं से हालांकि अंदाजा यही लगाया गया है कि युवती अहमदाबाद की हो सकती है, इस कारण पुलिस वहां तहकीकात करने गया है, मगर गेस्ट हाउस संचालक के इस युगल से आईडी प्रूफ न लिए जाने के कारण पुलिस की मशक्कत बढ़ गई है। मामले से यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि गेस्ट हाउस संचालक मुबारक ने घोर लापरवाही बरती। पुलिस के बार-बार चेताने पर कि आईडी प्रूफ के बिना किसी को न ठहरने दें, उसने युगल के आईडी प्रूफ बाद में देने की बात कहने पर शक नहीं किया। इससे जाहिर है कि गेस्ट हाउस संचालकों के केवल अपनी कमाई की चिंता है। न तो उन्हें कानून-कायदों की चिंता है और न ही अति संवेदनशील अजमेर शहर की सुरक्षा से कोई मतलब। आपको जानकारी में होगा कि इससे पहले भी बिना आईडी प्रूफ के होटल में ठहर कर एक दूल्हे ने खुदकशी कर ली थी। इस प्रकार के वायये होना साबित करता है कि मुंबई ब्लास्ट के मास्टर माइंड व देश में आतंकी हमले करने का षड्यंत्र रचने के आरोपी डेविड कॉलमेन हेडली से गच्चा खाने के बाद भी पुलिस ने सबक नहीं लिया है। भले ही पुलिस इस मामले के लिए गेस्ट हाउस संचालक मुबारक को ही दोषी ठहराए, मगर ऐसा तभी तो संभव हुआ है न कि पुलिस आईडी प्रूफ की अनिवार्यता का कानून लागू करवाने में विफल हो रही है। पुलिस की लापरवाही का यह आलम तब है, जब कि दरगाह में एक बार बम विस्फोट हो चुका है। बेंगलुरु सीरियल बम ब्लास्ट का मास्टर माइंड व इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी उमर फारुख सहित कई अन्य संदिग्धों के बिना पहचान पत्र के ठहरने के सनसनीखेज खुलासे हो चुके हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि दरगाह और पुष्कर के कारण अजमेर एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल है और मेलों के अतिरिक्त भी यहां सालभर जायरीन व श्रद्धालुओं का आना जारी रहता है। जायरीन इतनी बड़ी तादात में आते हैं उन पर निगरानी रखना बेहद मुश्किल काम है। इसी का फायदा उठा कर आतंकी व संदिग्ध छुपने अथवा षड्यंत्र रचने के लिए यहां का रुख करते हैं। ऐसे अनेक मामले अब तक उजागर हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त मादक पदार्थों की तस्करी का भी अजमेर ट्रांजिट सेंटर बन चुका है। अनेक दरगाह व पुष्कर जैसे अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त धर्मस्थलों के अतिरिक्त पुष्कर स्थित यहूदी धर्मस्थल बेद खबाद को भी सदैव खतरा बना रहता है। यही वजह है कि सरकार ने यहां होटलों में ठहरने वालों पर निगरानी के लिए विशेष निर्देश दे कर आईडी प्रूफ हर हालत में लेने के आदेश दे रखे हैं। हालांकि समय-समय पर पुलिस जांच अभियान चलाती रहती है, मगर अमूमन तब या तो कोई मामला होता है या फिर राष्ट्रीय पर्व व त्यौहारों के दौरान देशभर में हाईअलर्ट जारी किया जाता है। सामान्य दिनों में कैसी जांच होती है, यह हाल ही गेस्ट हाउस में युवमी की हत्या कर दिए जाने से साफ हो गया है। हालांकि यह सही है कि सरकार के निर्देश का पालन करना होटल वालों के लिए बेहद जरूरी है, मगर उससे भी कहीं जिम्मेदारी पुलिस की बनती है, जिसके जिम्मे कानून की पालना करवाना है। ताजा मामले से स्पष्ट है कि होटल वालों में पुलिस के प्रति कोई खौफ नहीं है। ऐसा इसलिए भी संभव है कि पुलिस नियमों को तोडऩे वाले होटल मालिकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही को अंजाम नहीं देती। आपको याद होगा कि हेडली भले ही अपनी पुष्कर यात्रा के दौरान और कोई गड़बड़ी नहीं कर पाया था, मगर उसके यहां आ कर चले जाने से खुफिया पुलिस की बड़ी किरकिरी हुई थी। तब खुद तत्कालीन पुलिस कप्तान हरिप्रसाद शर्मा ने कहा कि आईडी प्रूफ की अनिवार्यता के बारे में पहले ही होटल मालिकों को पाबंद कर दिया गया था, लेकिन वे ध्यान ही नहीं देते। तब सवाल उठा था कि यदि पुलिस को यहां के होटल वालों के रवैये का पता था तो उसने सख्ती क्यों नहीं बरती। तब यह तथ्य भी उभरा था कि पुलिस के पूरा स्टाफ नहीं है। इसी कारण विदेशियों पर तो थोड़ी-बहुत निगरानी जरूरी की जाती है, मगर आम लोगों के बारे में पुलिस को सभी होटलों के रजिस्टर जांचने का वक्त ही नहीं मिलता। तब पुलिस अधीक्षक का कहना था कि सरकार को अतिरिक्त पुलिस नफरी के लिए लिखा हुआ है, मगर उस पर क्या कार्यवाही हुई, आज तक पता नहीं लगा। यही आलम रहा तो किसी दिन कोई बड़ा हादसा आ कर यहां कानून-व्यवस्था की चूलें हिला कर चला जाएगा।
-tejwanig@gmail.com

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