बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

क्या नए एसपी हटाएंगे मदारगेट से ठेले?

gaurav shrivastavकहा जाता है कि अजमेर जिले के नए पुलिस कप्तान गौरव श्रीवास्तव काफी कड़क और ऊर्जावान हैं, इसी कारण उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे भ्रष्टाचार का दाग झेल रही अजमेर की पुलिस को सुधारने के लिए कुछ कदम उठाएंगे। खुद उन्होंने भी पदभार संभालते ही कहा था कि वे ईमानदारी की मिसाल पेश करेंगे। ऐसे ईमानदार पुलिस कप्तान से उम्मीद की जा सकती है कि वे शहर के हृदय स्थल मदारगेट पर यातायात के लिए मुसीबत का सबब बने हुए ठेलों को हटवाएंगे।
यहां यह लिखना प्रासंगिक ही होगा कि जब अजमेर के हितों के लिए गठित अजमेर फोरम की पहल पर बाजार के व्यापारियों की एकजुटता से एक ओर जहां शहर के इस सबसे व्यस्ततम बाजार मदारगेट की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुधारने का बरसों पुराना सपना साकार रूप ले रहा था, तब पूर्व पुलिस कप्तान राजेश मीणा के रवैये के कारण नो वेंडर जोन घोषित इस इलाके को ठेलों से मुक्त नहीं किया जा पाया।
MadarGateमीणा यह कह कर ठेले वालों को हटाने में आनाकानी कर रहे थे कि पहले निगम इसे नो वेंडर जोन घोषित करे और पहल करते हुए इमदाद मांगे, तभी वे कार्यवाही के आदेश देंगे। उनका तर्क ये भी बताया जा रहा था कि पहले नया वेंडर जोन घोषित किया जाए, तब जा कर ठेले वालों को हटाया जाना संभव होगा। असल बात ये है कि संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति मदार गेट को पहले से ही नो वेंडर जोन घोषित कर चुकी है। मीणा के तर्क के मुताबिक उसे निगम की ओर से नए सिरे से नो वेंडर जोन घोषित करने की जरूरत ही नहीं। पुलिस को खुद ही कार्यवाही करनी चाहिए। रहा सवाल मीणा के पहले वेंडर जोन घोषित करने का तो स्वाभाविक रूप से जो इलाका नो वेंडर जोन नहीं है, वही वेंडर जोन है। अव्वल तो उनका इससे कोई ताल्लुक ही नहीं कि ठेले वालों को नो वेंडर जोन से हटा कर कहां खड़ा करवाना है। उनके इस तर्क से तो वे ठेले वालों की पैरवी कर रहे प्रतीत होते थे। इसे भले ही साबित करना थोड़ा कठिन हो कि पुलिस वाले ठेले वालों से मंथली लेते हैं, मगर सच्चाई यही बताई जाती है। यदि वे ठेलों को हटाते हैं तो उसकी मंथली मारी जाती है। निलंबित एसपी मीणा को तो कदाचित यह जानकारी थी ही, नए एसपी श्रीवास्तव को भी जानकारी हो चुकी होगी। देखते हैं इस आरोप से मुक्त होने के लिए ही सही, वे कोई कार्यवाही करते हैं या नहीं? क्या ईमानदार पुलिस प्रशासन देने का वादा करने वाले श्रीवास्तव इस पर गौर करते हैं या नहीं? अगर वे कुछ करते हैं तो इससे एक तो उनका वादा पूरा होगा, वहीं शहर की जनता को मदार गेट पर सुगम यातायात हासिल हो सकेगा, जो कि वर्षों पुरानी जरूरत है।
-तेजवानी गिरधर

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