गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

भाजपा के बाद कांग्रेस के नेता भी पीछे पड़े बीना काक के


अजमेर जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती बीना काक के यदाकदा अजमेर आने और यहां की समस्याओं पर ध्यान न दिए जाने पर भाजपा नेताओं ने तो विरोध दर्शाया ही है, अब कांग्रेसी नेता भी उनके पीछे पड़ गए हैं। ज्ञातव्य है पिछले दिनों जब बीना काक ने अजमेर संग्रहालय में लाइट एंड साउंड शो का उद्घाटन किया तो भाजपा नेताओं ने उन पर कभी-कभी अजमेर आने और केवल वाहवाही के कार्यक्रमों में शिरकत करने का आरोप लगाया था। इस सिलसिले में अजमेर दक्षिण की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने तो यहां तक कहा था कि यह लाइट एंड साउंड शो का प्रोजेक्ट उनके प्रयासों की देन है।
बहरहाल, बीना काक की अजमेर की अनदेखी किए जाने की प्रवृत्ति पर कांग्रेसी नेताओं ने भी ऐतराज जताया है। मनोतीन कांग्रेसी पार्षद सैयद गुलाम मुस्तफा, शहर जिला कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश गर्ग, कांग्रेस अल्पसख्यंक प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. मंसूर अली, शहर युवक कांग्रेस के पूर्व महामंत्री राजकुमार जैन, अजमेर जिला इंटक के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह शेखावत आदि ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख कर कहा है कि अजमेर के कांग्रेसजन आपके ध्यान में अजमेर की प्रभारी मंत्री की अजमेर के प्रति उपेक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करा कर निवेदन कराना चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रभारी मंत्री को अजमेर के प्रति रुचि दिखाने, अजमेर आने व कार्यकर्ताओं व प्रशासन से मिलने हेतु पाबंद किया जाए अन्यथा और किसी प्रभारी मंत्री को नियुक्त करने के निर्देश दें। पत्र में लिखा है कि प्रभारी मंत्री के समय-समय पर कांग्रेसजन से संवाद कायम नहीं करने से कांग्रेसजन का मनोबल टूटता है तथा वे असहाय हो जाते हैं। प्रभारी मंत्री के नियमित रूप से नहीं आने तथा नियंत्रण के अभाव में प्रशासन कांग्रेसजन की उपेक्षा करता है तथा मनमाने तरीके से कार्य कर रहा है। प्रशासन को रोकने पर कहा जाता है कि हमारा ट्रांसफर करवा दो। इस प्रकार प्रशासनिक अराजकता फैली हुई है।
उल्लेखनीय है कि शहर कांग्रेस की गत दिनों हुई बैठक में ब्लॉक अध्यक्ष विजय जैन ने इस बात की पीड़ा जाहिर की थी कि शहर में सोनू निगम नाइट के पास उन्हें ही नहीं मिल पाए और कार्यकर्ता उनसे पास की डिमांड कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन मंत्री बीना काक अजमेर आई और अन्य नेताओं के आगमन की उन्हें कोई सूचना नहीं दी जाती जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। कांग्रेसियों की इस पीड़ा से भाजपा नेताओं के आरोपों की पुष्टि भी हो रही है। बहरहाल देखना ये है कि क्या कांग्रेस व भाजपा के इस दबाव के मद्देनजर उन्हें प्रभारी मंत्री पद से हटाया जाता है या नहीं।
-तेजवानी गिरधर

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