शुक्रवार, 11 अगस्त 2017

कौन होगा प्रो. सांवरलाल जाट का उत्तराधिकारी?

अजमेर लोकसभा सीट से सांसद प्रो. सांवर लाल जाट के निधन से रिक्त हुई सीट के लिए आगामी छह माह के भीतर उप चुनाव कराना संभावित है। ऐसे में भाजपा के लिए उनके जितना ही सशक्त उत्तराधिकारी तलाशना कठिन होगा। उधर कांग्रेस में भी चूंकि यहां के पूर्व सांसद व केन्द्रीय राज्य मंत्री सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किए जा रहे हैं, इस कारण वहां भी नया प्रत्याशी तलाशना कठिन टास्क होगा।
जहां तक भाजपा का सवाल है, उसके पास इस वक्त अजमेर जिले से दो राज्य मंत्री, दो संसदीय सचिव, एक प्राधिकरण के अध्यक्ष होने के कारण ऐसा प्रतीत होता है कि उसके पास जिला स्तरीय नेताओं की कोई कमी नहीं है, मगर सच्चाई ये है कि प्रो. जाट के निधन के बाद आगामी संभावित लोकसभा उपचुनाव के लिए सशक्त प्रत्याशी का अभाव है। यह अभाव तब भी था, जब भाजपा ने जाट को नजरअंदाज कर किरण माहेश्वरी को बाहर से ला कर चुनाव लड़वाया था।
ज्ञातव्य है कि स्वर्गीय जाट की रुचि अपने बेटे रामस्वरूप लांबा को नसीराबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़वाने थी, मगर भाजपा ने पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गेना को मैदान में उतारा, मगर वे हार गईं। उन्हें भी आगामी उपचुनाव में एक दावेदार माना जा सकता है, मगर चूंकि वे विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं, इस कारण लगता नहीं कि भाजपा उन पर दाव खेलेगी। अजमेर डेयरी अध्यक्ष व प्रमुख जाट नेता रामचंद्र चौधरी जरूर भाजपा के खेमे में हैं, मगर अभी उन्होंने भाजपा ज्वाइन नहीं की है। वे एक दमदार नेता हैं, क्योंकि डेयरी नेटवर्क के कारण उनकी पूरे जिले पर पकड़ है। शायद ही ऐसा कोई गांव-ढ़ाणी हो, जहां उनकी पहचान न हो। यदि संघ सहमति दे दे तो वे भाजपा के एक अच्छे प्रत्याशी हो सकते हैं। यूं पूर्व जिला प्रमुख व मौजूदा मसूदा विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा के पति युवा भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा प्रयास कर सकते हैं, मगर भाजपा राजपूत का प्रयोग कितना कारगर मानती है, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
बहरहाल, अब जबकि प्रो. जाट का स्वर्गवास हो गया है, संभव है भाजपा सहानुभूति वोट हासिल करने के लिए उनके पुत्र रामस्वरूप लांबा को चुनाव मैदान में उतारे।
जरा पीछे जाएं तो पूर्व सांसद प्रो. रासासिंह रावत लंबे समय तक स्थानीय प्रत्याशी के रूप में जीतते रहे। वे पांच बार जीते व एक बार हारे। रावत के सामने कांग्रेस ने भूतपूर्व राजस्व मंत्री किशन मोटवानी, पुडुचेरी के उपराज्यपाल बाबा गोविंद सिंह गुर्जर, जगदीप धनखड़ व हाजी हबीबुर्रहमान को लड़ाया गया था, जो कि हार गए। पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. प्रभा ठाकुर एक बार उनसे हारीं और एक बार जीतीं। इनमें से मोटवानी व बाबा का निधन हो चुका है, जबकि धनखड़ ने राजनीति छोड़ दी है और हाजी हबीबुर्रहमान भाजपा में जा चुके हैं। डॉ. प्रभा ठाकुर अभी हयात हैं। स्थानीय सशक्त प्रत्याशी के अभाव में कांग्रेस ने सचिन पायलट को उतारा, और वह प्रयोग कारगर साबित हुआ। उन्होंने जिले में जितने कार्य करवाए, उतने तो पूर्व सासंद पच्चीस साल में भी नहीं करवा पाए, मगर मोदी लहर के चलते वे दूसरी बार नहीं जीत पाए। अब जब कि उपचुनाव की नौबत आ गई है तो एक बार फिर उनके नाम पर नजर अटकती है, मगर वे प्रदेश अध्यक्ष हैं और उन्हें यह दायित्व मुख्यमंत्री के रूप में ही प्रोजेक्ट करने के लिए ही दिया गया तो समझा जाता है कि वे विधानसभा चुनाव ही लड़ेंगे। ऐसे में कांग्रेस के लिए फिर लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी तलाशना कठिन होगा। यदि जातीय समीकरण की बात करें तो कांग्रेस के पास सचिन के अतिरिक्त उनके जितना कोई दमदार गुर्जर नेता जिले में नहीं है। चूंकि यह सीट अब जाट बहुल हो गई है, उस लिहाज से सोचा जाए तो पूर्व जिला प्रमुख रामस्वरूप चौधरी व पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया को दावेदार माना जा सकता है। गुर्जर प्रत्याशी के रूप में महेन्द्र गुर्जर का नाम लिया जा सकता है।
यदि जाट-गुर्जर से हट कर बात करें तो कांग्रेस के पास बनियों में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती हैं, जिनका नाम पूर्व में भी उभरा था। एक बार इस सीट पर जीत चुकी प्रभा ठाकुर के नाम पर भी विचार हो सकता है। उनके अतिरिक्त पूर्व विधायक रघु शर्मा व सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पारीक के भी नाम भी सामने आ सकते हैं। उधर भाजपा के पास पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाडिय़ा हैं, हालांकि नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन भी अपने आप को इस योग्य मानते रहे हैं। प्रयोग करने के लिए मौजूदा अजमेर नगर निगम मेयर धर्मेन्द्र गहलोत की विचारे जा सकते हैं।
बहरहाल, चूंकि इस साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में संभव है कि इसके साथ ही अजमेर का उपचुनाव भी करवा लिया जाए। कुल मिला कर यह तय है कि अजमेर लोकसभा का चुनाव कांग्रेस हो या भाजपा दोनों के लिए ही 2018 में होने वाले विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल की तरह होगा।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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