मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019

अजमेर लेखिका मंच : एक अनूठी पहल

अजमेर में यूं तो कई स्थापित पुरुष साहित्यकार मौजूद हैं, मगर उनमें नई पीढ़ी के लेखक पिछले बीस साल में कम ही उभर पाए हैं। ऐसे में लेखिकाओं का मंच बनना अपने आप में एक अनूठी पहल है। यह मंच न केवल लेखिकाओं को जोडऩे का काम कर रहा है, अपितु लेखन के अतिरिक्त समसामयिक विषयों व घटनाओं में भी सक्रिय रह कर अपनी आवाज बुलंद कर रहा है।
हाल ही मंच ने अजयमेरु प्रेस क्लब में शहादत को सलाम कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें स्थापित व नवोदित लेखिकाओं ने बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं। इस कार्यक्रम में मुझे भी शिरकत करने का सुअवसर मिला। मैं यह देख कर चकित रह गया कि अजमेर इतनी संख्या में लेखिकाएं मौजूद हैं और बहुत उम्दा लिख रही हैं। मेरा उनको यही सुझाव रहा कि मंच का अपना मुखपत्र होना चाहिए, ताकि नई लेखिकाओं को प्रोत्साहित किया जा सके। इसके अतिरिक्त एक सुझाव ये भी दिया कि सभी लेखिकाएं अपना-अपना ब्लॉग बनाएं ताकि न केवल उनकी रचनाएं एक जगह संग्रिहित हों, अपितु सोशल मीडिया के माध्यम तक उनकी आवाज देश-विदेश तक पहुंच सके।
मंच की संयोजिका मधु खंडेलवाल ने बताया कि मंच से अब तकरीबन 42 लेखिकाएं जुड़ चुकी हैं, जिनमें प्रमुख रूप से कविता अग्रवाल, अरुणा माथुर, डॉक्टर चेतना उपाध्याय, डॉ. राशिका महर्षि, अनीता खुराना, रेनू दत्ता, रंजना माथुर, काजल खत्री, पल्लवी वैद्य, डॉ विनीता जैन, सोनू सिंघल, हेमलता शर्मा, विनीता बाड़मेरा, डॉक्टर छाया शर्मा, ध्वनि मिश्रा, संगीता रेहानी, डॉ सुनीता सियाल, डॉ सुनीता तंवर, सीमा शर्मा, अर्पिता भारद्वाज, गीता चौधरी आदि हैं। इनमें से डॉ. राशिका महर्षि सांगठनिक लिहाज से सर्वाधिक सक्रिय हैं। वे मीडिया जगत में सुपरिचित नाम है। वर्तमान में मीडिया फोरम की महासचिव और अजयमेरू प्रेस क्लब की कार्यकारिणी सदस्य हैं।
तेजवानी गिरधर
7742067000

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