रविवार, 11 दिसंबर 2011

सिनोदिया हत्याकांड : अब जगी उम्मीद

किशनगढ़ के कांगे्रस विधायक नाथूराम सिनोदिया के पुत्र भंवर सिनोदिया की हत्या के मामले की जांच और कोर्ट की प्रक्रिया में आई तेजी से अब जा कर उम्मीद जगी है कि हत्याकांड के आरोपियों को सजा मिल जाएगी। इससे पूर्व तो हालत ये थी चर्चाओं में इस कांड को लगभग दफन सा माना जा रहा था।
दरअसल सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के बेटे की हत्या अर्थात हाई प्रोफाइल केस होने के बावजूद मीडिया ने कुछ दिन की सक्रियता के बाद चुप्पी सी साध ली थी। सीधी सी बात है कि मीडिया को इसमें कुछ चटपटा मसाला मिलने की उम्मीद नहीं थी, इस कारण इस पर ज्यादा गौर नहीं किया। और यही वजह रही कि जांच एजेंसियों पर कोई दबाव नहीं रहा और वे भी सुस्त ही बैठी रहीं। यदि सक्रिय थीं भी तो दैनिक प्रगति से मीडिया को दूर रख रही थी। इसके विपरीत चूंकि पूर्व जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा के मामले में सीधे सरकार तक आंच आ रही थी और मामला महिला से जुड़ा होने के कारण चटपटा था, इस कारण मीडिया खुद ही रोज उसे गर्माए हुए है। स्वाभाविक सी बात है कि किसी की टोपी उछालनी हो तो मीडिया क्रीज से एक कदम आगे बढ़ कर खेलता है। जाहिर तौर पर ऐसे में जांच एजेंसियों पर भारी दबाव बन गया और वे भी मामले की तह तक जाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं।
बहरहाल, सिनोदिया हत्याकांड के मामले में पुलिस की ढिलाई और मीडिया की बेरुखी से जवान बेटे की हत्या के कारण सदमे में रहे कांग्रेस विधायक नाथूराम सिनोदिया अफसोस तो हुआ ही होगा। जाहिर तौर पर उन्होंने सरकार पर भी दबाव बनाया होगा। कदाचित उसी वजह से अब जांच में तेजी आई है और कोर्ट भी दैनिक प्रगति पर काम कर रहा है। मीडिया भी अब प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। ऐसे में अब उम्मीद की जा सकती है कि मामले का पूरा पर्दाफाश होगा और दोषियों को सजा मिलेगी।

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