रविवार, 5 फ़रवरी 2012

सौ सुनार की, एक लुहार की


एक कहावत है-सौ सुनार की, एक लुहार की। इसे साबित कर दिखाया अजमेर दक्षिण की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने। इसी माह शुरू होने वाले राजस्थान के आगामी बजट सत्र से पहले पिछली बजट घोषणाओं को पूरा न किए जाने के मसले पर महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी से बाजी मार ली। वरना हर मसले पर बयान जारी करने में देवनानी अग्रणी रहते हैं।
असल में अपने आपको सक्रिय बनाए रखने या जताने के लिए देवनानी शहर व राज्य से जुड़े हर मुद्दे पर तुरंत बयान जारी कर देते हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा सेटअप बना रखा है। खबर बनाते हैं और तुरंत अखबारों को मेल कर देते हैं। कई बार तो ऐसा भी हुआ कि किसी मसले पर भाजपा की ओर से विज्ञप्ति जारी हुई और उसमें देवनानी का भी नाम था, मगर उन्होंने अपनी ओर से व्यक्तिगत विज्ञप्ति अलग से जारी कर दी। ऐसा प्रतीत होता रहा है मानो अनिता से ज्यादा देवनानी सक्रिय हैं। इस मामले में अनिता अमूमन फिसड्डी साबित हो जाती हैं। हां, अलबत्ता किसी प्रमुख मुद्दे पर जरूर अपने तीखे तेवर दिखाती हैं, जैसे पिछले दिनों के यूआईटी की तोडफ़ोड़ की कार्यवाही के विरोध में आसमान सिर पर उठा लिया। नतीजतन उनके खिलाफ राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज हो गया। बहरहाल, ऐसा प्रतीत होता है कि अनिता ने भी अब कमर कस ली है। वे किसी भी मामले में देवनानी से पीछे नहीं रहना चाहतीं। वैसे भी उन दोनों के बीच शुरू से ऐसी प्रतिस्पद्र्धा रही है, जैसी किसी कांग्रेस व भाजपा नेता के बीच होती है। यह तब से शुरू हुई, जब अनिता पिछले कार्यकाल में मंत्री बनते-बनते रह गईं। परिणाम ये रहा कि पूरे पांच साल तक रस्साकस्सी चलती रही।
खैर, अनिता को यकायक ख्याल आया कि आगामी बजट सत्र के मद्देनजर सरकार को घेरा जा सकता है और उन्होंने तुरत-फुरत में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। सवाल भी काफी अहम उठाए। उन्होंने जो बयान जारी किया, उससे यही प्रतीत हुआ कि उन्होंने पूरी मेहनत करके उसे बनाया है। उसे अखबारों में तरजीह भी अच्छी मिली। दमदार बात ये रही कि उन्होंने प्रेस कॉन्फेंस को व्यक्तिगत रूप से आयोजित करने की बजाय पार्टी मंच पर आयोजित किया। अस्वस्थ होने के कारण शहर जिला भाजपा अध्यक्ष प्रो. रासासिंह रावत की गैर मौजूदगी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंद यादव और अन्य पदाधिकारियों ने भी अपनी उपस्थिति दिखाई। पार्टी बैनर के तले बजट जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में शहर के ही दूसरे विधायक देवनानी की गैर मौजूदगी चौंकाने वाली थी। जाहिर तौर पर उन्हें नहीं बुलाया गया होगा अथवा बुलाया गया भी होगा तो देवनानी ने व्यस्तता बता दी होगी। भले ही पार्टी स्तर पर देवनानी को न बुलाने का कोई कारण विशेष न हो और यह एक सामान्य बात हो, मगर इससे आशंका यही उत्पन्न होती है कि कहीं उन्हें हाशिये पर लाने की कोशिश तो नहीं की जा रही है। खैर, यह पार्टी के अंदर का मामला है, अपुन को क्या?

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