गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

क्या ये वही बाकोलिया हैं?


नगर निगम की बुधवार को हुई साधारण सभा में मेयर कमल बाकोलिया को फुल फॉर्म में पार्षदों ने देखा तो उन्हें सहसा यकीन ही नहीं हुआ कि ये वही बाकोलिया हैं, जो इससे पहले हंगामा होने पर बैठक समाप्त कर पीछे के दरवाजे से भाग गए थे? आज नहले पर दहला मारने वाले क्या ये वही नौसीखिया राजनीतिज्ञ हैं, जो साधारण सभा में पार्षदों के सवालों के जवाब में केवल मुस्करा भर देते थे।

असल में इस बार साधारण सभा में बाकोलिया को तेवर कुछ ऐसे थे मानो शिलाजीत खा कर आए हैं। विपक्षी पार्षदों के एक भी सवाल पर वे जवाब देने से नहीं चूके। पहली बार लगा कि उन्हें अपने नगर के प्रथम नागरिक होने का भान हो चुका है और उसकी गरिमा का ख्याल रखते हुए कार्यवाही की कमान पर पूरी तरह से अपनी पकड़ रखते हुए पार्षदों को सदन की गरिमा बनाए रखने तक की सीख भी देते नजर आए। निगम में भाजपा की उमा भारती अर्थात भारती श्रीवास्तव ने जब पानी फैंकने की घटिया हरकत की तो बाकोलिया ने उन्हें झिड़क दिया। दिलचस्प वाकया तब पेश आया, जब विधायक अनिता भदेल से उनकी नोंकझोंक हुई। कभी जिन सभापति महोदया की बोलती बंद रहती थी, उसी ने जब बाकोलिया ने कटाक्ष किया कि मेयर साहब क्या अब भी कागज देखकर भाषण पढ़ोगे, इस पर बाकोलिया ने पलट कर वार किया कि आप भी तो सभापति रहने के दौरान कागज पढ़ कर ही भाषण देतीं थीं। गनीमत ये रही कि उन्होंने यह नहीं कहा कि वे तो पार्षदों का हो-हल्ला सुन कर रो पड़ती थीं। बाकोलिया ने न केवल नीरज जैन जैसे तेज तर्रार पार्षदों को खुल कर जवाब दिए, अपितु अपने पार्षदों पर भी नकेल कस कर रखी। कुल मिला कर बाकोलिया ने यह साबित करने की कोशिश की कि अब वे पहले वाले बाकोलिया नहीं हैं, जिन्हें महेन्द्र सिंह रलावता अंगुली पकड़ की चलाया करते थे।

वैसे एक बात है, बाकोलिया काफी देर से फॉर्म में आए हैं। उनको स्वर्गीय वीर कुमार वाली उस टीम की बेकिंग है, जो इस शहर को चलाने वालों में शुमार किए जाते हैं। शहर नब्ज पर हाथ रखने वालों के शागिर्द होने के बावजूद वे देरी से खुल कर सामने आए हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि वे अब और मुखर होंगे। जब रोने-धोने से राजनीतिक जीवन शुरू करने वाली घरेलू महिला अनिता भदेल की जुबान आज कैंची की तरह चल सकती है तो मर्द हो कर बाकोलिया क्यों नहीं सीख सकते। तभी तो कहते हैं-करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। उम्मीद है कि अब बाकोलिया शहर के विकास के मामले में भी इसी प्रकार मुखर हो कर उभरेंगे।

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