शुक्रवार, 30 मार्च 2012

किस्मत ने बचाए विद्युत निगम के एक करोड रुपए!



अजमेर विद्युत वितरण निगम के मदार स्थित मुख्य गोदाम में गत 15 फरवरी की देर आग लगी थी, जिससे एक करोड का भारी नुकसान हुआ। कई उपकरण और तकनीकी सामान जलकर राख हो गए। आला इंजीनियरों की टीम और विजिलेंस विंग के एडीशनल एसपी भले ही इस कांड की गुत्थी नहीं सुलझा पाए हों, मगर यह बात तय है कि निगम के इस नुकसान की भरपाई संबंधित बीमा कंपनी कर ही देगी। निगम के अफसरों ने बीमा कंपनी के सामने क्लेम कर दिया है। खास बात यह है कि जिस गोदाम में हर वक्त 22 से 25 करोड का सामान पड़ा रहता है। उस गोदाम में आज के चार महीने पहले तक कोई नुकसान नहीं हुआ। चार महीने पहले ही निगम ने अपने क्षेत्र के तमाम गोदामों का बीमा करवाया था। यह सबक निगम के अफसरों ने चार महीने पहले ही तब लिया, जब वहां चोरों ने धावा बोल कर डिस्कॉम को नुकसान पहुंचाया। सचेत हुए निगम ने गोदाम में 24 सीसी कैमरे भी लगाए। सुरक्षा इंतजामों को मजबूती देने की कोशिश की, मगर अज्ञात व्यक्ति ने आग लगाकर सुरक्षा के सभी इंतजामों को बौना जरूर साबित कर दिया। गनीमत रही कि निगम ने गोदामों का बीमा करवाया, नहीं तो करीब 5 अरब के नुकसान में चल रहे निगम का गरीबी में आटा गीला हो जाता। यह निगम की किस्तम का ही खेल रहा कि कम से कम उसने बीमा करवाया, जो चार महीने बाद ही काम आ गया।
एमडी पीएस जाट ने तीन आला अफसरों की टीम जांच के लिए तैनात की, मगर अब तक नतीजा जीरो है, जांच की फाइल में जरूर बयानों के दस्तावेजों कागजी वजन बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मन भी इस भारी नुकसान पर पसीज गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय की विजिलेंस विंग के कर्ताधर्ता सीनियर आईपीएस सौरभ श्रीवास्तव ने भी बिजली थाना पुलिस में एडिषनल एसपी का कार्यभार देख रहे दौलताराम कीलका को जांच करने के आदेष दिए। कीलका की माने जो जांच में यह तथ्य साफ झलक रहा है कि आग किसी ने लगाई है, क्योंकि घटना स्थल पर ऐसा कोई सुराग नहीं मिला की आग स्वत: लगी हो।
बिजली कंपनियों ने के नए सीएमडी कुंजीलाल मीणा को तो उक्त घटना की पूरी खबर तक नहीं है। गत दिनों अजमेर आगमन पर पत्रकारों से जब वे वार्ता कर रहे थे, तब इस मसले पर अनजान नजर आए। खैर, घटना को डेढ महीना बीतने को आया है। जांच आज नहीं तो कल मुख्यमंत्री और एमडी को पेश हो ही जाएगी। तय है जिसमें खुलासे के नाम पर केवल कयास होंगे, ठोस जानकारी नहीं। मगर निगम को क्लेम की राशि मिल जाएगी, जो निगम का भाग्य है।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com

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