मंगलवार, 27 मार्च 2012

ये डा. माथुर व डॉ. निर्वाण की मनमानी नहीं तो क्या है?


जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बृजेश माथुर व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पी एस निर्वाण पूरी तरह से मनमानी पर उतारु हैं। जिन जनप्रतिधियों के फंड से राशि ले कर अस्पताल में अनके विकास कार्य हुए हैं, वे उन्हें ही दरकिनार करना चाह रहे हैं। यहां तक कि उन्हें सरकार तक का कोई ख्याल नहीं। वे आपस में ही कुलड़ी में गुड़ फोडऩा चाहते थे, मगर विवाद होने पर अस्पताल में पौने दो करोड़ रुपए से मरीजों की सुविधा के लिए लगाई गई नई सीटी स्कैन मशीन का शुभारंभ ऐन वक्त पर टालना पड़ गया।
हुआ असल में यूं कि डॉ. माथुर व डॉ. निर्वाण ने आपस में ही तय कर लिया कि मशीन का उद्घाटन डॉ. निर्वाण की कर देंगे। जैसे ही इसकी भनक लगी, ऊपर शिकायत हो गई। भाजपा विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा पर कड़ा ऐतराज किया। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि सरकार का अपने अधिकारियों पर ही नियंत्रण नहीं है। मामला बढऩे पर तय हुआ कि चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा व शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ से उद्घाटन करवाया जाएगा, मगर वह भी ऐन वक्त पर नहीं हो पाया। बाद में डॉ. माथुर ने खिसियाते हुए कहा कि इंजीनियर के नहीं पहुंचने के कारण सीटी स्कैन मशीन का शुभारंभ स्थगित कर दिया गया।
यहां उल्लेखनीय है कि लंबे समय से सीटी स्कैन नहीं लगने से सिर पर चोट लगने वाले मरीजों को निजी सेंटरों पर ज्यादा राशि में सीटी स्कैन करानी पड़ रही थी। इस पर अजमेर फोरम ने पहल की और शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर, विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्रसिंह रलावता और भाजपा अध्यक्ष प्रो. रासा सिंह रावत शहर के लिए एक जाजम पर आ गए। जनप्रतिनिधियों ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और सत्यम सेंटर के प्रतिनिधि से और नसीम अख्तर ने चिकित्सा मंत्री दुर्रु मियां से बात की थी। इस पर चिकित्सा मंत्री ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को निर्देश भी दिए थे, मगर वे टालते रहे। वे चाहते तो यह मशीन बिना पैसे खर्च किए सत्यम सेंटर से हुए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के करार के तहत मशीन लगवाते। इसके साथ ही अस्पताल को अतिआधुनिक एमआरआई मशीन भी बिना पैसे खर्च किए मिल सकती थी। यह 2009 में ही हो जाता, मगर मामला उलझा दिया। यहां तक उन्होंने जनप्रतिनिधियों और संभागीय आयुक्त अतुल शर्मा के प्रयासों को नकारते हुए अस्पताल के फंड से ही मशीन लगाने का निर्णय कर लिया। उसमें भी तुर्रा ये कि वे अपने स्तर पर ही उसका उद्घाटन निपटाना चाहते थे, जो कि जनप्रतिनिधियों के ऐतराज के कारण अटक गया।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com

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