शनिवार, 21 अप्रैल 2012

त्रिपाठी के बदोलत अजमेर सूचना केन्द्र राज्य में पुन: प्रथम

सूचना व जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक प्यारे मोहन त्रिपाठी की कार्यशैली की बदोलत सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय तथा सूचना केन्द्र अजमेर प्रचार-प्रसार एवं अन्य गतिविधियों के आयोजन के लिए हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में पुन: प्रथम स्थान पर रहा है। यह कार्यालय गत वर्षो में भी लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां अर्जित कर लगातार प्रथम रहा था। सहायक निदेशक प्यारे मोहन त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यालय द्वारा अपे्रल 2011 से मार्च 2012 तक राज्य में सर्वाधिक 3989 प्रेसनोट जारी किये जो लक्ष्य से कहीं अधिक है । इसके अतिरिक्त 96 फीचर, 24 सफलता की कहानियां भी जारी की गई । इस वर्ष में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं व उपलब्धियों का लगभग 14 हजार साहित्य निशुल्क वितरित किया गया। उर्स मेला व अजमेर जिला दिग्दर्शन पुस्तिका का प्रकाशन किया गया। सूचना केन्द्र में 23 विभिन्न विकास प्रदर्शनी आयोजित की गई और 72 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न स्तर से किया गया। 50 साहित्यक शैक्षिक विकासात्मक गोष्ठियां भी आयोजित की गईं। इस अवधि में राज्य के अन्य संभागीय मुख्यालय जिनमें सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय बीकानेर द्वारा 2773, जयपुर द्वारा 840, जोधपुर में 2061, कोटा 1414, उदयपुर ने 2220 तथा भरतपुर ने 1862 पे्रसनोट जारी किये। जिला कलक्टर श्रीमती मंजू राजपाल ने सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय अजमेर के अग्रणी रहने पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए विश्वास जताया कि नये वर्ष में भी इसी गति के साथ कार्य करके यह कार्यालय अपना स्थान बरकरार रखेगा। यहां विशेष उल्लेखनीय है कि पत्रकारिता से अपना कैरियर शुरू कर वर्तमान में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक पद तक पहुंचे त्रिपाठी ने श्रेष्ठ जनसंपर्क अधिकारी के रूप में पूरे प्रदेश में नाम कमाया है। वे अपने मधुर व्यवहार व सहयोगी प्रवृत्ति के कारण लोकप्रिय हैं और योग्यता के दम पर हर सरकार में प्रभावशाली अधिकारी के रूप में जाने जाते रहे हैं। उनका जन्म 1 जनवरी, 1956 को हुआ। उन्होंने बी.कॉम., एम. कॉम.(वित्तीय प्रबंध) और एम.ए. हिंदी की डिग्रियां हासिल की हैं। उन्होंने सरकारी सेवा सहायक जनसंपर्क अधिकारी के रूप में शुरू की और चूरू, बीकानेर, भीलवाड़ा व अजमेर में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में काम किया। इसी प्रकार राजस्थान आवासन मंडल, जयपुर के जनसंपर्क अधिकारी भी रहे। अक्टूबर 1996 से अक्टूबर 1997 तक महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के उप कुल सचिव भी रहे। वे इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर और कोटा खुला विश्वविद्यालय, कोटा के काउंसलर भी रहे हैं। वे उपराष्ट्रपति स्व. श्री भैरोंसिंह शेखावत के हाथों 15 सितंबर, 2003 को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। इसी प्रकार 15 अगस्त, 1996 को उन्हें राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त 30 मई, 1999 को यूनेस्को फेडरेशन अवार्ड और 2000 में प्रतिष्ठित माणक अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं। वे चार बार जिला स्तर पर भी सम्मानित हुए हंै और दो बार पुष्कर व उर्स मेले में राज्य स्तर पर राज्यस्तरीय प्रदर्शनी पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। वे अनेक बार दूरदर्शन और आकाशवाणी में परिचर्चाओं में भाग ले चुके हैं और उनके एक हजार से भी ज्यादा लेख-फीचर देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।

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