शुक्रवार, 18 मई 2012

कामनकाज सोसायटी की पहल वाकई सराहनीय

अजमेर शहर के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील कामनकाज सोसायटी ने वर्षों से अपेक्षित सीवरेज सिस्टम का चालू करवाने के लिए वाकई सराहनीय कदम उठाया है। शहर में पिछले कई साल से चल रहे सीवरेज कार्य को जल्द अंजाम तक पहुंचाने व नागरिकों को सहूलियत देने को लेकर कामनकाज सोसायटी की ओर से दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव समेत संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
ज्ञातव्य है कि अजमेर में वर्ष 2002 में राजस्थान शहरी ढांचागत विकास परियोजना आरयूआईडीपी द्वारा सीवरेज निर्माण का कार्य शुरू किया था, जो 2008 में समाप्त हो गया है। इसके तहत 207.23 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाने एवं 20 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण खानपुरा में किया जा चुका है। 61.62 करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बावजूद अब तक न तो नगर निगम सीवरेज संचालन का दायित्व ग्रहण किया है और न ही सीवेज लाइनों का कनेक्शन घरों में किया गया है। सरकारी कामकाज की कछुआ चाल के लिए जहां प्रशासन दोषी है, वहीं हमारे जनप्रतिनिधि भी उतने ही जिम्मेदार हैं, जो अपेक्षित दबाव बना कर काम समय पर पूरा नहीं करवा पा रहे। ऐसे में सोसायटी के सचिव मनोज मित्तल ने अपने वकील पीयूष नाग के जरिए हाईकोर्ट के समक्ष राज्य सरकार समेत, नगरीय विकास विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, नगर निगम और नगर सुधार न्यास के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि सीवरेज योजना में जनता का धन लगा है। इसके निर्माण के दौरान नागरिकों को यातायात संबंधी भीषण परेशानियों, जगह जगह खुदी सड़कों की वजह से कई हादसे भी हुए और लोगों को जान तक गंवानी पड़ी। जिस परियोजना पर 170 करोड़ रुपए खर्च होने जा रहे हैं, उसका लाभ अजमेर की जनता को मिलना चाहिए। मित्तल ने अपनी याचिका में कहा कि घरों में सीवर लाइन के कनेक्शन का कार्य तुरंत प्रारंभ कर सीवर सिस्टम को प्रभावी तरीके चालू किया जाए। अजमेर निगम को सीवरेज व ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन का दायित्व व कार्य सौंपने के निर्देश दिए जाएं, निगम असमर्थ हो तो अन्य एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाए। जेएनएनयूआरएम के तहत 108 करोड़ की लागत से खानपुरा में 40 एमएलडी, आनासागर जोन में 13 एमएलडी और पुष्कर में 3.5 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण और शेष बची सीवर लाइनों का कार्य समय पर पूरा हो। सीवर लाइन डालने 15 दिन के अंदर खोदी गई सड़कों को अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठीक किया जाए। सीवरेज लाइन के संचालन एवं देखरेख के लिए पृथक से सीवरेज सेल गठित करे ताकि कार्य कुशलतापूर्वक संचालित हो सके। नगर सुधार न्यास, जेएनएनयूआरएम के तहत करवाए जा रहे सीवरेज निर्माण कार्य में नगर निगम अथवा अन्य एजेंसी की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने इससे काम में कोई कमी नहीं रहे। जो क्षेत्र अब तक परियोजना में शामिल नहीं किए गए हैं, उन्हें भी शामिल किया जाए। आनासागर ट्रीटमेंट प्लांट के चालू होने तक यहां उत्पन्न दुर्गंध की समस्या का अविलंब समाधान किया जाए। जब तक अजमेर में सीवरेज सिस्टम पूरी तरह कार्यशील नहीं हो तक तक सीवरेज सिस्टम से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए हाईकोर्ट की देखरेख में एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाए। इसमें न्यास, निगम, अन्य सरकारी एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों एवं नगर के प्रमुख नागरिकों को शामिल किया जाए तथा समय समय पर रिपोर्ट कोर्ट में पेश हो। इस याचिका पर की खंडपीठ ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव समेत संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। उम्मीद है कि सोसायटी की इस पहल का जनता को जल्द लाभ मिलेगा।
ज्ञातव्य है कि इससे पहले अजमेर व पुष्कर की छह झीलों के भराव क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण और निर्माण कार्यों पर रोक के लिए भी सोसायटी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया था। हालांकि हमारी निष्पक्ष व कड़ी न्यायिक व्यवस्था के चलते सोसायटी को यह जनहितकारी सफलता मिली, लेकिन कितना अफसोसनाक पहलु है कि सरकार और प्रशासन अपने स्तर पर जनहित में कुछ नहीं करना चाहते। उन पर अंकुश लगाने के लिए कोर्ट की मदद लेनी पड़ती है। यदि सोसायटी जैसी संस्थाएं न हों तो प्रशासन, नगर परिषद व नगर सुधार न्यास में बैठे स्वार्थी तत्व पूरे आनासागर को ही बेच खाएं। सोसायटी वाकई साधुवाद की पात्र है। 

-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com

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