मंगलवार, 26 मार्च 2013

ज्ञान सारस्वत होंगे वसुंधरा का तुरप का पत्ता

अजमेर नगर निगम के वार्ड दो के निर्दलीय पार्षद ज्ञान सारस्वत अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में भी निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे। जैसे वार्ड चुनाव में तुलसी सोनी को पटखनी दे कर देवनानी को झटका दिया था, वैसे ही विधानसभा चुनाव में खुद देवनानी को ही निपटा देंगे।
असल कहानी ये है कि यूं तो ज्ञान की खुद ही ये इच्छा रही कि वे देवनानी को हराने के लिए निर्दलीय खड़े होंगे, मगर कुछ समझदार मित्रों ने समझाया कि इससे देवनानी तो हार जाएंगे, मगर उन्हें क्या मिलेगा। बात उनके समझ में आई। उन्होंने सोचा कि पिछले तीन साल में भाजपा की ओर से वैसे भी कोई मनुहार न की गई है, ऐसे में बेहतर ये है कि कांग्रेस ज्वाइन कर ली जाए। इसी सिलसिले में उन्होंने हाल ही अजमेर के कांग्रेस सांसद व केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट के हाथों अपनी वेबसाइट और निर्माण कार्यों का शुभारंभ करवाया। जैसे ही वसुंधरा को ये पता लगा, उन्होंने तुरंत एक मैसेंजर भिजवा कर ज्ञान को जयपुर बुलवा लिया। उन्होंने समझाया कि अगर वे कांग्रेस में शामिल हो गए तो उनका भाजपा मानसिकता वाला जनाधार समाप्त हो जाएगा। ऐसे में बेहतर ये है कि फिलहाल ऐसा कोई निर्णय न लें। हां, इतना जरूर है कि जैसे ही भाजपा की सरकार बनेगी, उन्हें कोई बड़ा इनाम दे दिया जाएगा। इसके एवज में एक काम उन्हें करना होगा। वो ये कि उन्हें देवनानी के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा, ताकि वे हार जाएं और सरकार बनने पर उन्हें मंत्री बनाए जाने की मजबूरी समाप्त हो जाए। अर्थात वे देवनानी को टिकट देने में आनाकानी भी नहीं करेंगी और उनका कांटा भी निकाल लेंगी। ज्ञान को यह बात ठीक से समझ में आ गई है। इसके लिए वसुंधरा ने उन्हें चुनाव से दो माह पहले बीस लाख रुपए भिजवाने का विश्वास दिलाया है। बुरा न मानो होली है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें