अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में विपरीत परिस्थितियों में भी चूंकि लगातार दो बार भाजपा की जीत हुई है और राज्य व देश के ताजा राजनीतिक हालात कांग्रेस के प्रतिकूल नजर आते हैं, इस कारण आगामी विधानसभा चुनाव में भी भाजपा में जीत का विश्वास है। और यही वजह है कि कांग्रेस से कहीं ज्यादा भाजपा में टिकट हासिल करने को लेकर खींचतान मचती दिखाई दे रही है।
जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उसमें मुख्य रूप से प्रबल दावेदार यूआईटी के मौजूदा सदर नरेन शहाणी भगत का दावा मजबूत माना जाता है, लेकिन सिंधी समाज के डॉ. लाल थदानी, युवा नेता नरेश राघानी, पार्षद रश्मि हिंगोरानी, रमेश सेनानी, हरीश मोतियानी सहित कुछ और भी दावा करने के मूड में नजर आते हैं। इसी प्रकार गैर सिंधियों में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता, शहर कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश गर्ग व युवा नेता सुकेश कांकरिया दावेदारों की सूची में माने जाते हैं। हालांकि ये दावेदार अभी थोड़ी-बहुत मशक्कत कर रहे हैं, मगर भाजपा दावेदारों की रफ्तार कुछ तेज है। कदाचित इसकी वजह ये है कि भाजपाइयों को विश्वास है कि इस बार सरकार उनकी ही होगी।
भाजपा दावेदारों में स्वाभाविक रूप से सर्वाधिक प्रबल मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी ही हैं और भाजपा में अंतर्विरोध के बावजूद उनका दावा है कि टिकट तो उनकी ही पक्की है। इसके पीछे उनके तर्क भी हैं। वो ये कि पिछले मंत्रित्व काल की तुलना में इस बार विधायक रहते हुए उन्होंने जमीन पर पकड़ पहले से मजबूत कर ली है। वे लगातार पूरे विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त विधानसभा में भी अधिक मुखर हैं। उनके पक्ष में एक बात ये भी मानी जाती है कि विरोध तो पिछली बार भी भाजपा के कुछ नेता कर रहे थे, तब भी उन्होंने जीत कर दिखा दिया। उनका दावा है कि संघ भी उनके साथ है।
भाजपा दावेदारों में सक्रियता के लिहाज से दूसरे नंबर पर स्वामी समूह के सीएमडी कंवलप्रकाश किशनानी माने जाते हैं। देवनानी विरोधी तो उन्हें साथ दे ही रहे हैं, गैर सिंधियों में भी उन्होंने पकड़ बना रखी है। अगर देवनानी के इतर किसी और सिंधी को टिकट देने की नीति बनती है तो उनका नंबर पक्का माना जाता है। इसकी एक वजह ये भी है कि एक दावेदार पूर्व विधायक हरीश झामनानी इस बार रुचि नहीं ले रहे।
बात अगर गैर सिंधी दावेदारों की करें तो उनमें नगर निगम के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत काफी सक्रिय हैं। पिछली बार उनकी टिकट लगभग पक्की हो गई थी, जिसमें तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर का हाथ था। इस बार माथुर उतनी महत्वपूर्ण भूमिका में नहीं हैं। इस बार भाजपा के पूर्व शहर जिलाध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा कुछ ज्यादा की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने सघन जनसंपर्क करना शुरू कर दिया है। उनके समर्थकों का कहना है कि उनका टिकट लगभग पक्का है। जमीनी स्तर पर उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने की कितनी मांग है, इसके लिए वे प्रमुख भाजपा कार्यकर्ताओं व अन्य संस्थाओं से अपने पक्ष में हाईकमान के नाम सिफारिशी पत्र भी लिखवा रहे हैं। उनकी इस प्रकार की सक्रियता की सारे भाजपाइयों में काफी चर्चा भी है। कई लोगों ने उन्हें समर्थन देने और टिकट मिलने पर तन-मन-धन से काम करने का वादा किया है, मगर समर्थन पत्र लिख कर देने में झिझक रहे हैं। वो इस कारण कि अगर अन्य दावेदारों को पता लगेगा तो वे नाराज हो जाएंगे। उनका एक सवाल ये भी है कि यदि टिकट पक्का ही है तो फिर समर्थन पत्र लिखवाने का जरूरत क्या है? इस सिलसिले में उनका तर्क ये है कि जब पार्टी स्तर पर भी पर्यवेक्षकों के सामने अपनी राय रखनी होती है तो अधिसंख्य कार्यकर्ता गोपनीयता चाहते हैं, ताकि किसी को पता न लगे कि किसने किसकी पैरवी की है। संभव है कि हेड़ा को हाईकमान के किसी पुख्ता सूत्र ने टिकट दिलवाने का आश्वासन दिया हो, साथ ही जमीन से समर्थन पत्र भिजवाने को कहा हो, इसी कारण वे समर्थन पत्र लिखवाने पर जोर दे रहे हों, ताकि उनका दावा और मजबूत हो जाए। जो कुछ भी हो, मगर उनकी इस सक्रियता से पार्टी में खलबली मची हुई है।
नगर सुधार न्यास के पूर्व सदर धर्मेश जैन भी यकायक सक्रिय हो गए हैं। हालांकि उनकी तैयारी लोकसभा चुनाव की है, मगर इससे पहले वे विधानसभा में भी कोशिश कर लेना चाहते हैं। श्रीश्याम सत्संग समिति की ओर से सुभाष उद्यान में आयोजित श्रीरामनाम परिक्रमा कार्यक्रम में जैन जिस तरह से विशेष भूमिका अदा कर रहे हैं, उसे देख कर साफ लगता है कि वे अपने आप को प्रोजेक्ट कर रहे हैं।
उधर महर्षि दयानंद सरस्वती विश्व विद्यालय में कॉमर्स विभाग के हैड व डीन प्रो. बी. पी. सारस्वत हालांकि खुले तौर पर दावा नहीं कर रहे, मगर अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा दावेदारों के लिए फेसबुक पर हुए एक सर्वे में 2 हजार 382 में से 849 वोट हासिल कर अव्वल रहने से उनके हौसले भी बुलंद हैं। इस सर्वे में कंवल प्रकाश किशनानी दूसरे व देवनानी तीसरे स्थान पर रहे हैं। भाजपा के अन्य दावेदारों में डॉ. कमला गोखरू, तुलसी सोनी और पार्षद भारती श्रीवास्तव का भी नाम है।
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